Delhi CM Rekha Gupta Attack: देश की राजधानी दिल्ली में उस समय हड़कंप मच गया जब मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता पर एक अज्ञात व्यक्ति ने अचानक हमला कर दिया। यह सिर्फ एक थप्पड़ नहीं था, बल्कि एक संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति पर खुलेआम हमला, जिससे देश भर के नागरिकों की भावनाएं आहत हो गईं। अब जब धीरे-धीरे इस हमले की परतें खुल रही हैं, तो हर कोई जानना चाहता है कि आखिर यह शख्स कौन था, कहां से आया और क्या वाकई इसका मकसद सिर्फ नाराजगी जताना था, या इसके पीछे कोई गहरी साजिश छिपी थी।
हमलावर की पहचान और आपराधिक इतिहास
हमले के बाद जब पुलिस ने आरोपी को पकड़ा और जांच शुरू की, तो चौकाने वाली जानकारी सामने आई। आरोपी का नाम राजेश भाई खिमजी भाई सकरिया है। शुरुआती पूछताछ में पुलिस को पता चला कि वह कोई नया चेहरा नहीं है, बल्कि एक आदतन अपराधी है। उसके खिलाफ पहले से 5 आपराधिक मामले दर्ज हैं, जिनमें शराब तस्करी और मारपीट जैसे गंभीर आरोप शामिल हैं। कुछ मामलों में वह भले ही बरी हो चुका हो, लेकिन उसका आपराधिक रिकॉर्ड उसे शक के घेरे में ले आता है।
कहां से आया और कहां रुका था हमलावर?
इस घटना से एक बड़ा सवाल यह भी खड़ा हुआ कि आखिर एक ऐसा व्यक्ति दिल्ली तक पहुंचा कैसे? पुलिस जांच में यह साफ हुआ कि राजेश राजकोट (गुजरात) से ट्रेन द्वारा दिल्ली आया था और उसने सिविल लाइन्स के गुजराती भवन में ठहराव किया था। उसका कोई स्थायी संपर्क या आम आदमी के लिए खास परेशानी जैसी बात सामने नहीं आई। पुलिस को उसके पास से सिर्फ एक जनसुनवाई की पर्ची मिली, जिससे ये संकेत नहीं मिलते कि उसका इरादा किसी वैधानिक शिकायत को दर्ज कराना था।
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हमले का मकसद अब भी रहस्य
राजेश जो कारण पुलिस को बता रहा है, उस पर दिल्ली पुलिस को भरोसा नहीं है। उसने दावा किया था कि उसका कोई रिश्तेदार जेल में है, लेकिन अब तक की जांच में यह झूठा साबित हुआ है। पुलिस इस बात की गहराई से जांच कर रही है कि कहीं यह हमला किसी राजनीतिक साजिश या बड़े इरादे का हिस्सा तो नहीं था। इसीलिए पुलिस अब उसकी 5 से 7 दिन की रिमांड लेने की तैयारी में है ताकि उससे विस्तार में पूछताछ की जा सके।
अब क्या होगा: गंभीर धाराएं और सख्त कार्रवाई
हमलावर पर अब सिर्फ थप्पड़ मारने का नहीं, बल्कि इससे कहीं ज्यादा गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 109(1) के तहत उस पर हत्या के प्रयास (Attempt to Murder) का केस दर्ज किया गया है। इसके साथ ही उस पर धारा 132 (सरकारी अधिकारी पर हमला) और धारा 221 (सरकारी कार्य में बाधा) भी लगाई गई है।
इन धाराओं से यह साफ हो जाता है कि अब यह केस सिर्फ एक मामूली हमला नहीं, बल्कि संवैधानिक व्यवस्था पर हमला माना जा रहा है, और आरोपी को कड़ी सजा मिलने की पूरी संभावना है। IB और स्पेशल सेल की टीमें इस केस में लगातार जांच कर रही हैं।
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