Jan Suraaj Candidate List: बिहार की राजनीति में बदलाव की बयार लाने का दावा कर रही प्रशांत किशोर की पार्टी जन सुराज ने अपने राजनीतिक सफर में एक बड़ा कदम बढ़ाया है। पार्टी जल्द ही अपनी पहली उम्मीदवारों की सूची जारी करने वाली है, और उससे पहले ही कुछ चर्चित नामों की जानकारी सामने आ चुकी है।
सूत्रों के अनुसार, जन सुराज की पहली सूची में 50 से अधिक विधानसभा सीटों पर प्रत्याशियों के नामों की घोषणा हो सकती है। पार्टी ने ऐसे उम्मीदवारों को चुना है, जो अपने-अपने क्षेत्रों में मजबूत पकड़ रखने के साथ-साथ सामाजिक और पेशेवर छवि वाले माने जाते हैं।
पूर्व IPS आर.के. मिश्रा मैदान में
सूत्रों के मुताबिक, दरभंगा शहर विधानसभा सीट से पूर्व आईपीएस अधिकारी आर.के. मिश्रा को टिकट दिया गया है। मिश्रा, जिन्होंने पुलिस सेवा में कई अहम जिम्मेदारियां निभाई हैं, अपनी कड़क और अनुशासित कार्यशैली के लिए पहचाने जाते हैं। रिटायरमेंट के बाद उन्होंने जन सुराज आंदोलन से जुड़कर राजनीति में उतरने का फैसला किया। वे पहले ही यह संकेत दे चुके हैं कि वे बिहार में ईमानदारी, सुशासन और विकास की नई मिसाल कायम करना चाहते हैं।
रितेश पांडेय भी चुनावी मैदान में
लोकप्रिय भोजपुरी अभिनेता और गायक रितेश पांडेय को भी जन सुराज पार्टी से करगहर विधानसभा सीट से मैदान में उतारे जाने की खबर है। रितेश पांडेय युवाओं में खासा लोकप्रिय हैं और जन सुराज पार्टी उन्हें एक ऐसे चेहरे के रूप में पेश कर रही है, जो युवाओं और आम जनता से सीधे जुड़ता है।
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गणितज्ञ के.सी. सिन्हा को भी मौका
जन सुराज की इस लिस्ट में पेशेवर और शिक्षाविदों को भी अहमियत दी गई है। खबरों के अनुसार, वरिष्ठ अधिवक्ता वाई.बी. गिरी को मांझी विधानसभा सीट से टिकट दिया जा सकता है। गिरी कानून के क्षेत्र में प्रतिष्ठित नाम हैं और सामाजिक मुद्दों पर सक्रिय रहे हैं।
वहीं, प्रख्यात गणितज्ञ प्रोफेसर के.सी. सिन्हा, जिनकी किताबें बिहार समेत पूरे देश के स्कूल-कॉलेजों में पढ़ाई जाती हैं, उन्हें कुम्हरार विधानसभा सीट से टिकट मिलने की संभावना है। उनकी उम्मीदवारी शिक्षा और अकादमिक क्षेत्र से जुड़ी जनता को पार्टी से जोड़ने का एक प्रयास मानी जा रही है।
नई राजनीति की ओर जन सुराज का कदम
जन सुराज पार्टी की इस पहली सूची को देखकर साफ झलकता है कि पार्टी पारंपरिक राजनीति से हटकर नई और पेशेवर राजनीति की ओर बढ़ रही है। प्रशांत किशोर का यह प्रयोग बिहार की सियासी जमीन पर किस हद तक सफल होगा, यह तो वक्त बताएगा, लेकिन फिलहाल पार्टी ने एक मजबूत संदेश जरूर दिया है कि वह बदलाव लाने के इरादे से मैदान में है।
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