GST Rate Cuts: हममें से बहुत से लोग ऐसे हैं जिन्हें कोल्ड ड्रिंक पीना बेहद पसंद है। गर्मी हो या पार्टी, कोल्ड ड्रिंक और एनर्जी ड्रिंक जैसी चीजें आम जिंदगी का हिस्सा बन चुकी हैं। वहीं कुछ लोग ऐसे भी हैं जो सिगरेट, गुटखा या तंबाकू का सेवन करते हैं, भले ही ये चीजें सेहत के लिए कितनी भी हानिकारक क्यों न हों। लेकिन अब इन सभी शौकों पर पानी फिरने वाला है, क्योंकि सरकार ने इन पर टैक्स का बोझ बहुत ज्यादा बढ़ा दिया है।
अब महंगी पड़ेगी कोल्ड ड्रिंक और एनर्जी ड्रिंक
जीएसटी काउंसिल ने हाल ही में एक बड़ा फैसला लिया है जो सीधे उन लोगों को झटका देने वाला है जो कोल्ड ड्रिंक, एनर्जी ड्रिंक, पान मसाला, गुटखा या सिगरेट जैसी चीजों के शौकीन हैं। इन सभी प्रोडक्ट्स को अब “सिन गुड्स” की कैटेगरी में डाल दिया गया है और इन पर सीधा 40 प्रतिशत टैक्स लगेगा।
सरकार का कहना है कि ये वे चीजें हैं जो हमारी सेहत के लिए नुकसानदायक हैं, इसलिए इन पर सबसे ज्यादा टैक्स लगाया जा रहा है ताकि लोग इनसे दूरी बना सकें।
तंबाकू और गुटखा की लत पर लगेगा ब्रेक
अगर आप गुटखा, सिगरेट, चुरूट, पान मसाला, या किसी भी तरह के चबाने वाले तंबाकू का सेवन करते हैं, तो अब उसकी कीमतें आपके बजट को बिगाड़ सकती हैं। इन तमाम तंबाकू प्रोडक्ट्स पर जीएसटी की सबसे ऊंची दर, यानी 40 प्रतिशत लागू कर दी गई है।
ये कदम एक तरह से लोगों को इन हानिकारक चीजों से दूर करने की कोशिश भी है, ताकि देश में बढ़ते हुए कैंसर, हृदय रोग और सांस से जुड़ी बीमारियों को कम किया जा सके।
लग्जरी गाड़ियों और बाइक्स पर लगेगा टैक्स
सिर्फ तंबाकू और कोल्ड ड्रिंक ही नहीं, बल्कि अब महंगी गाड़ियां और बाइक्स खरीदना भी भारी पड़ेगा। पेट्रोल इंजन की 1200 सीसी से ज्यादा और डीजल इंजन की 1500 सीसी से ज्यादा वाली लग्जरी कारों पर भी 40% टैक्स देना होगा।
यही नहीं, 350 सीसी से ऊपर की बाइक्स, रेसिंग कारें और ऑनलाइन गेमिंग प्लेटफॉर्म पर भी यह टैक्स स्लैब लागू होगा। सरकार के इस कदम का मकसद केवल रेवेन्यू बढ़ाना नहीं है, बल्कि इन “लक्ज़री” और “नशे की लत” वाले क्षेत्रों को नियंत्रित करना भी है।
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रोजमर्रा की चीजों पर राहत की सांस
जहां एक तरफ सरकार ने हानिकारक और लक्ज़री आइटम्स पर टैक्स का बोझ बढ़ाया है, वहीं दूसरी तरफ आम जनता के लिए राहत भी दी है। दूध, पनीर, छेना, रोटी और पराठा जैसे रोजमर्रा के जरूरी खाने-पीने के सामान को जीएसटी के दायरे से बाहर कर दिया गया है।
यह फैसला खासकर गरीब और मध्यम वर्ग के लिए बड़ी राहत की बात है, जिससे उनकी रोजमर्रा की जिंदगी पर टैक्स का असर नहीं पड़ेगा।
शराब पर जीएसटी क्यों नहीं?
आप सोच रहे होंगे कि जब कोल्ड ड्रिंक और तंबाकू पर इतना टैक्स लग रहा है तो शराब को क्यों छोड़ा गया? दरअसल, शराब पर जीएसटी लागू नहीं होता। इसे पूरी तरह राज्य सरकारों के हाथों में छोड़ा गया है। हर राज्य अपने हिसाब से शराब पर टैक्स लगाता है और यह व्यवस्था पहले की तरह ही बनी रहेगी।
नई जीएसटी दरें कब से लागू होंगी?
अगर आप इन टैक्स में बदलाव से प्रभावित होने वाले लोगों में शामिल हैं, तो यह जानना जरूरी है कि ये नई जीएसटी दरें 22 सितंबर से पूरे देश में लागू हो जाएंगी। यानी उस तारीख के बाद से कोल्ड ड्रिंक से लेकर लग्जरी गाड़ियां तक, हर चीज पर 40% टैक्स चुकाना होगा।
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