खाने के लिए जूझते बच्चों की तस्वीरें बेहद भयानक… गाजा भुखमरी पर पहली बार बोले ट्रंप, नेतन्याहू ने दिया जवाब

Trump spoke for the first time on Gaza famine
Trump spoke for the first time on Gaza famine

एडिनबरा/तेल अवीव: गाजा पट्टी में लंबे समय से जारी संघर्ष और उससे उपजे मानवीय संकट पर अब अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपनी चुप्पी तोड़ी है। स्कॉटलैंड की यात्रा के दौरान ट्रंप ने पहली बार गाजा में भुखमरी की गंभीर स्थिति पर बयान देते हुए कहा कि वहां की तस्वीरें “बेहद डरावनी” हैं और अब इजराइल को निर्णायक कदम उठाना होगा।

ट्रंप ने इस दौरान हमास पर आम नागरिकों का भोजन चुराने का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि अमेरिका ने गाजा में राहत पहुंचाने के लिए गाजा ह्यूमैनिटेरियन फाउंडेशन (GHF) को 60 मिलियन डॉलर की सहायता दी है, जबकि अन्य देशों ने बहुत कम या कोई सहायता नहीं दी। हालांकि रिपोर्ट्स के अनुसार, अमेरिका द्वारा दी गई वास्तविक सहायता राशि 30 मिलियन डॉलर के आसपास है।

नेतन्याहू ने कहा – गाजा में कोई भूखमरी नहीं

इस बीच इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने गाजा में भुखमरी के सभी आरोपों को नकारते हुए कहा कि वहां न तो कोई भुखमरी है और न ही उनकी सरकार का ऐसा कोई इरादा है। उन्होंने एक ईसाई सम्मेलन के दौरान कहा, “अगर हम मदद नहीं करते, तो गाजा में कोई भी जीवित नहीं बचता।”

6 महीने बाद गाजा में पहली बार राहत सामग्री पहुंचाई गई

इजराइली सेना ने युद्ध की शुरुआत के छह महीने बाद गाजा में पहली बार बड़ी राहत सामग्री भेजी है। इस मानवीय सहायता में आटा, चीनी, दवाएं और डिब्बाबंद खाद्य पदार्थ शामिल थे, जिन्हें हवाई मार्ग से पहुंचाया गया। यह प्रयास अंतरराष्ट्रीय संगठनों के सहयोग से किया गया है।

इजराइल ने गाजा के कुछ हिस्सों में अस्थायी युद्धविराम का भी ऐलान किया है, ताकि संयुक्त राष्ट्र और अन्य एजेंसियां वहां के नागरिकों तक मदद पहुंचा सकें। उल्लेखनीय है कि मार्च से मई 2025 तक इजराइल ने बाहरी सहायता के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया था।

हमास पर खाद्य आपूर्ति में लूटपाट के आरोप

प्रधानमंत्री नेतन्याहू और इजराइली सेना ने हमास पर खाद्य सामग्री लूटने और अपने उपयोग में लाने का आरोप लगाया है। नेतन्याहू ने कहा कि सहायता के रास्ते अब खुले हैं, फिर भी अंतरराष्ट्रीय एजेंसियां गलत सूचनाएं फैला रही हैं।

इजराइली रक्षा बल (IDF) के प्रवक्ता ब्रिगेडियर जनरल एफी डेफ्रिन ने भी हमास पर सुरक्षा कॉरिडोर को जानबूझकर नष्ट करने और झूठी सूचनाएं फैलाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, “हम सहायता के लिए सुरक्षित रास्ते बना रहे हैं, लेकिन हमास उन्हें रोकने में लगा है।”

गंभीर होता जा रहा कुपोषण और भुखमरी का संकट

गाजा में काम कर रहे पत्रकारों और स्थानीय स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार, हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं। दक्षिणी गाजा के नासिर अस्पताल में कार्यरत एक स्वास्थ्य कर्मी के मुताबिक, अब अस्पतालों में बमबारी से घायल हुए लोगों की तुलना में कुपोषण और भूख से पीड़ित बच्चों की संख्या अधिक हो गई है।

स्थानीय रिपोर्ट्स में बताया गया है कि एक बिस्किट का छोटा पैकेट 750 रुपए में बिक रहा है और नकद पैसे निकालने पर 45% तक कमीशन देना पड़ रहा है। कई लोग केवल पानी पीकर और नमक खाकर दिन गुजार रहे हैं।

एक पत्रकार ने अपनी स्थिति बताते हुए कहा, “पिछले 21 महीनों में मेरा वजन 30 किलो कम हो गया है, हमेशा थकान और कमजोरी बनी रहती है।”

संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक, गाजा की एक तिहाई आबादी को हर कुछ दिनों में ही भोजन मिल पाता है। जुलाई में भूख से 40 लोगों की मौत हुई, जिनमें 16 बच्चे थे। पूरे संघर्ष के दौरान अब तक भूख से मरने वालों की संख्या 124 पहुंच चुकी है, जिनमें से 81 बच्चे हैं।

अंतरराष्ट्रीय दबाव: ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी का संयुक्त बयान

गंभीर होती मानवीय स्थिति को देखते हुए ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी ने एक संयुक्त बयान जारी कर युद्धविराम की मांग की है। इन देशों ने कहा है कि गाजा के नागरिकों को तात्कालिक सहायता मिलनी चाहिए और बंधकों की रिहाई से पहले युद्ध को रोका जाना चाहिए।

उन्होंने इजराइल से अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानूनों का पालन करने और भोजन, पानी तथा चिकित्सा सुविधा की पहुंच सुनिश्चित करने का आग्रह किया।

‘हमास शांति नहीं, मौत चाहता है’- ट्रंप

डोनाल्ड ट्रंप ने अपने बयान में यह भी कहा कि अब वक्त आ गया है कि इजराइल “हमास का पूरी तरह सफाया” करे। उन्होंने कहा कि हमास शांति नहीं चाहता बल्कि वह केवल विनाश चाहता है। ट्रंप ने इजराइल से सैन्य कार्रवाई को तेज करने की बात कही और यह भी संकेत दिया कि अमेरिका अब मध्यस्थता की भूमिका में सक्रिय नहीं रहेगा।

इजराइल पर ड्रग्स देने का आरोप

गाजा के सरकारी मीडिया कार्यालय (GMO) ने इजराइली सेना पर फिलिस्तीनियों को नशीली दवाएं देने का आरोप लगाया है। GMO के मुताबिक, गाजा ह्यूमैनिटेरियन फाउंडेशन के माध्यम से बांटे गए कुछ खाद्य पैकेटों में ऑक्सीकोडोन नामक नशीली दवाएं मिली हैं। GMO का आरोप है कि यह लोगों को नशे की आदत डालने की एक साजिश है और इजराइल इस तरह की दवाओं को युद्ध के हथियार की तरह इस्तेमाल कर रहा है।

गाजा में तबाही का आंकड़ा भयावह

गाजा के मीडिया कार्यालय ने दावा किया है कि वहां 70% से अधिक इमारतें ध्वस्त हो चुकी हैं और करीब 85% आबादी (लगभग 19 लाख लोग) बेघर हो गई है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, यह इजराइली सेना द्वारा की गई सुनियोजित बमबारी, जबरन बेदखली और मानवीय सहायता की रोक के चलते हुआ है।

GMO का कहना है कि यह सब कुछ गाजा को पूरी तरह खाली करने की एक रणनीति के तहत किया जा रहा है, जिसे वे नरसंहार और नस्लीय सफाई का नाम देते हैं।

ये भी पढ़ें- पृथ्वी की ओर तेजी से बढ़ रहा है ‘एलियन शिप’, नवंबर में हो सकता है टक्‍कर, क्या सच होगी बाबा वेंगा की भविष्‍यवाणी?

Comments

No comments yet. Why don’t you start the discussion?

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *