जब भी भारतीय क्रिकेट टीम मैदान में उतरती है, तो लाखों दिलों की धड़कनें बढ़ जाती हैं। मैदान पर हर चौका-छक्का और हर विकेट के साथ सिर्फ टीम इंडिया नहीं खेलती, बल्कि करोड़ों भारतीयों की भावनाएं उसमें जुड़ी होती हैं। लेकिन इस बार एशिया कप 2025 में एक बहुत बड़ी और चौंकाने वाली बात देखने को मिल सकती है, टीम इंडिया बिना किसी फ्रंट स्पॉन्सर के मैदान में उतर सकती है। इसका कारण है भारत सरकार द्वारा हाल ही में पारित किया गया “प्रमोशन एंड रेगुलेशन ऑफ ऑनलाइन गेमिंग बिल 2025”, जिसने देश की सबसे बड़ी फैंटेसी गेमिंग कंपनी ड्रीम11 को अपने सबसे बड़े कारोबार से पीछे हटने पर मजबूर कर दिया।
ड्रीम11 ने समेटा अपना सबसे बड़ा धंधा
ड्रीम11 ने एक इंटरनल टाउनहॉल मीटिंग में अपने कर्मचारियों को साफ-साफ कह दिया कि अब रियल मनी गेमिंग का कारोबार बंद किया जा रहा है। इसका सीधा मतलब है कि अब लोग अपने मोबाइल पर पैसे लगाकर क्रिकेट या किसी और गेम की फैंटेसी टीम नहीं बना सकेंगे। यह फैसला सरकार के उस नए कानून के बाद आया है जिसमें रियल मनी आधारित सभी गेम्स को अवैध घोषित कर दिया गया है।
ड्रीम11 की कुल कमाई का करीब 67% हिस्सा इसी रियल मनी गेमिंग से आता था। यानी, कंपनी ने अपना सबसे मजबूत और मुनाफे वाला बिजनेस मॉडल सिर्फ इसलिए छोड़ा क्योंकि देश का नया कानून अब उसे इजाजत नहीं देता। ड्रीम11 अब गैर-मौद्रिक गेमिंग जैसे स्पोर्ट्स मीडिया प्लेटफॉर्म FanCode, स्पोर्ट्स कंटेंट वेंचर SportsDrip, और विदेशी प्लेटफॉर्म्स जैसे Willow TV और Cricbuzz पर ध्यान केंद्रित करेगी।
संसद से पास हुआ नया ऑनलाइन गेमिंग कानून
20 और 21 अगस्त को लोकसभा और राज्यसभा से प्रमोशन एंड रेगुलेशन ऑफ ऑनलाइन गेमिंग बिल 2025 को मंजूरी मिल गई। अब यह बिल राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा और वहां से मंजूरी मिलते ही यह कानून बन जाएगा। इस कानून का मकसद है कि ऑनलाइन गेमिंग के नाम पर जो जुआ खेला जा रहा था, उसे रोका जा सके। चाहे वह गेम स्किल आधारित हो या चांस आधारित अगर उसमें पैसे लगाए जाते हैं, तो अब वह भारत में अवैध माना जाएगा।
इस बिल के अनुसार कोई भी कंपनी या व्यक्ति अगर रियल मनी गेम चलाता है, प्रचार करता है या विज्ञापन देता है, तो उसे 3 साल तक की जेल और 1 करोड़ रुपये तक का जुर्माना हो सकता है। यहां तक कि ऐसे विज्ञापन दिखाने वालों को भी 2 साल की सजा और 50 लाख रुपये का जुर्माना भुगतना पड़ सकता है।
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मानसिक और आर्थिक नुकसान को लेकर सख्ती
इस कानून के पीछे एक गहरी चिंता है- आम जनता का मानसिक और आर्थिक शोषण। सरकार का कहना है कि ऑनलाइन मनी गेम्स लोगों को लत का शिकार बना रहे हैं। 45 करोड़ से ज्यादा लोग इस आदत से प्रभावित हुए हैं और 20,000 करोड़ रुपये की पारिवारिक बचतें खत्म हो चुकी हैं। कई मामलों में तो लोग आत्महत्या तक कर चुके हैं।
संसद में कानून पेश करते हुए केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि ये गेम्स अब सिर्फ मनोरंजन नहीं रहे, बल्कि मानसिक बीमारियों और सामाजिक बर्बादी का कारण बन चुके हैं। यहां तक कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने भी इसे गेमिंग डिसऑर्डर के रूप में मान्यता दी है।
टीम इंडिया की जर्सी से गायब हो सकता है ड्रीम11
ड्रीम11 लंबे समय से भारतीय क्रिकेट टीम का बड़ा स्पॉन्सर रहा है। IPL से लेकर घरेलू टूर्नामेंट तक, हर जर्सी पर उसका नाम चमकता रहा। लेकिन अब जब उसका मुख्य धंधा ही बंद हो गया है, तो टीम इंडिया एशिया कप में बिना किसी स्पॉन्सर के खेल सकती है। यह एक भावनात्मक झटका भी है, क्योंकि स्पॉन्सरशिप सिर्फ पैसे की बात नहीं होती, यह उस रिश्ते की पहचान होती है जो ब्रांड और फैंस के बीच बनता है।
अब सवाल है कि BCCI को नया स्पॉन्सर कहां से मिलेगा? और इतने कम समय में क्या कोई और कंपनी सामने आएगी? इसका जवाब शायद आने वाले दिनों में मिलेगा, लेकिन इतना तय है कि क्रिकेट की दुनिया में ये एक ऐतिहासिक मोड़ है।
क्या इस कानून से लाखों नौकरियां जाएंगी?
इस फैसले से इंडस्ट्री में गहरी चिंता है। अनुमान है कि भारत में ऑनलाइन गेमिंग इंडस्ट्री का आकार 32,000 करोड़ रुपये है और इसमें से 86% राजस्व रियल मनी गेमिंग से आता है। यानी अब यह हिस्सा पूरी तरह खत्म हो जाएगा।
इससे करीब 2 लाख नौकरियों पर खतरा मंडरा रहा है और सरकार को भी करोड़ों रुपये के टैक्स रेवेन्यू का नुकसान हो सकता है। हालांकि सरकार की सोच है कि ई-स्पोर्ट्स और सोशल गेमिंग, जो बिना पैसे के खेली जाती हैं, उन्हें आगे बढ़ाया जाए।
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