‘भारत का मजाक मत उड़ाओ, वो हमारा सच्चा दोस्त…’ ट्रंप के टैरिफ के खिलाफ बोले श्रीलंकाई सांसद

Sri Lankan MP support India
Sri Lankan MP support India

कोलंबो: जब कोई देश संकट में होता है, तब उसे साथ देने वाला ही सच्चा दोस्त कहलाता है। और भारत ने श्रीलंका के सबसे कठिन समय में वह दोस्ती निभाई थी, जो आज भी श्रीलंकाई जनता और नेताओं के दिलों में ज़िंदा है। हाल ही में श्रीलंका की संसद में कुछ सांसदों द्वारा भारत को लेकर मज़ाकिया टिप्पणियाँ की गईं, लेकिन इन बातों ने न केवल कूटनीतिक गरिमा को ठेस पहुंचाई, बल्कि उन रिश्तों की नींव को भी हिलाने की कोशिश की, जो वर्षों की नज़दीकियों से बनी थीं।

ऐसे में श्रीलंका के वरिष्ठ सांसद हर्षा डी सिल्वा ने एक ऐसा बयान दिया, जिसने सिर्फ संसद को नहीं, बल्कि पूरे देश को सोचने पर मजबूर कर दिया। उनका कहना था भारत का मज़ाक मत उड़ाओ, वह हमारा सच्चा दोस्त है।

श्रीलंका की याददाश्त में ज़िंदा है मदद की वो घड़ी

भारत और श्रीलंका के रिश्ते सदियों पुराने हैं, लेकिन इन रिश्तों की असली परीक्षा 2022 में हुई थी, जब श्रीलंका की अर्थव्यवस्था पूरी तरह डगमगा गई थी। विदेशी मुद्रा खत्म हो चुकी थी, दवाइयाँ नहीं थीं, पेट्रोल पंप सूखे पड़े थे, और जनता सड़कों पर थी। ऐसे हालात में जब दुनिया का कोई बड़ा देश खुलकर सामने नहीं आया, तब भारत ने बिना शर्त मदद दी।

भारत ने श्रीलंका को लगभग 5 अरब डॉलर की आर्थिक सहायता दी, जिसमें दवाइयाँ, मेडिकल उपकरण, ईंधन और मुद्रा स्वैप शामिल था। भारत ने न सिर्फ पैसे दिए, बल्कि श्रीलंका के विश्वास को थामा और यह भरोसा दिलाया कि कठिन समय में वह अकेला नहीं है।

हर्षा डी सिल्वा ने संसद में गुस्से में कहा, “जब हमारी सरकार भारत का मज़ाक उड़ाती है, तो हम अपने उस दोस्त का अपमान कर रहे हैं, जिसने हमारी सांसों को जिंदा रखने में मदद की थी।” उनके इस बयान पर संसद में सन्नाटा छा गया, लेकिन सोशल मीडिया पर उनकी ईमानदारी की तारीफ होने लगी।

टैरिफ पर श्रीलंका ने भारत का साथ क्यों दिया?

भारत और अमेरिका के बीच मौजूदा व्यापारिक विवाद वैश्विक राजनीति में चर्चा का विषय बना हुआ है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत के उत्पादों पर 50% तक का भारी टैरिफ लगा दिया, जिससे दोनों देशों के बीच तनाव और बढ़ गया है।

ऐसे में, श्रीलंका जैसे छोटे लेकिन समझदार देश का भारत के समर्थन में खड़ा होना यह दिखाता है कि कूटनीतिक संबंध सिर्फ व्यापार या राजनीति नहीं, विश्वास और मदद की नींव पर टिके होते हैं।

हर्षा डी सिल्वा ने साफ कहा कि “अभी खेल खत्म नहीं हुआ है। भारत के संघर्ष का हम सबको सम्मान करना चाहिए, उसका मज़ाक नहीं। भारत का साहस आज पूरे एशिया के लिए प्रेरणा है।”

अमेरिका का टैरिफ और श्रीलंका पर असर

गौरतलब है कि श्रीलंका खुद भी अमेरिका के टैरिफ का सामना कर रहा है। पहले अमेरिका ने श्रीलंका के निर्यात पर 44% तक का टैक्स लगाया था, जिसे बाद में 20% तक कम किया गया। यह कमी व्यापारिक समझौते और सुरक्षा प्रतिबद्धताओं के कारण हुई, लेकिन इसका असर श्रीलंका के मुख्य उद्योगों जैसे कपड़ा और रबर पर पड़ा है।

भारत जैसे विशाल और तेज़ी से बढ़ते बाज़ार को अमेरिका से इस तरह टकराते देखना शायद श्रीलंका को याद दिला रहा है कि बड़ी ताकतें जब अपनी शर्तों पर चलती हैं, तब छोटे देशों को सटीक समझदारी दिखानी होती है। इसीलिए हर्षा ने भारत के साथ खड़े होने का साहसिक निर्णय लिया।

टैरिफ लगाने से अमेरिका को नुकसान- पूर्व NSA

भारत पर भारी टैरिफ लगाने को लेकर अमेरिका के भीतर भी मतभेद दिखाई दे रहे हैं। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन ने चेतावनी दी है कि ट्रंप की यह नीति भारत को अमेरिका से दूर कर सकती है, और इसका सीधा फायदा रूस और चीन को होगा।

बोल्टन का कहना है कि अगर भारत, रूस और चीन के करीब आता है तो अमेरिका की रणनीतिक स्थिति एशिया में कमजोर पड़ सकती है। उन्होंने इसे ट्रंप की “भारी भूल” बताया है और यह चिंता जताई कि भारत को दंडित करने की कोशिश, अमेरिका को ही भारी पड़ सकती है।

ये भी पढ़ें- दिल्ली-NCR में अब नहीं दिखेंगे अवारा कुत्ते, सुप्रीम कोर्ट बोला- ‘तुरंत पकड़कर नसबंदी करो’

Comments

No comments yet. Why don’t you start the discussion?

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *