यूक्रेन एक बार फिर जल उठा। धुएं और चीख-पुकार से भरी उस रात ने केवल इमारतें नहीं तोड़ी, बल्कि दिलों को भी चीरकर रख दिया। रूस द्वारा राजधानी कीव पर किए गए अब तक के सबसे भयानक हवाई हमलों ने यूक्रेनी जनता को एक बार फिर याद दिला दिया कि यह जंग सिर्फ जमीन की नहीं, इंसानियत की भी है।
सोने का समय था, लेकिन कीव की फिजा में नींद नहीं, सिर्फ धमाकों की गूंज थी। रूस ने एक ही रात में 805 ड्रोन और 13 मिसाइलें दागीं, जो राजधानी की कई इमारतों पर गिरीं और हर तरफ तबाही का मंजर फैल गया। इस भयावह हमले में एक नवजात शिशु, एक युवती और एक बुजुर्ग महिला की जान चली गई। 18 लोग घायल हुए, जिनमें एक गर्भवती महिला भी शामिल है।
सोशल मीडिया पर वायरल तस्वीरों में देखा जा सकता है कि कैसे आग की लपटें ऊँची-ऊँची इमारतों को निगल रही थीं, दीवारें दरक चुकी थीं और आसमान में धुआं ही धुआं था। लोगों की आंखों में डर और दिलों में असहायता का भाव था।
पहली बार निशाना बनी कैबिनेट बिल्डिंग
इस हमले की गंभीरता इस बात से भी झलकती है कि यूक्रेन की कैबिनेट ऑफ मिनिस्टर्स की इमारत पहली बार रूसी मिसाइलों का निशाना बनी। आग ने इसकी ऊपरी मंजिलों और छत को बुरी तरह नुकसान पहुंचाया। प्रधानमंत्री यूलिया स्विरीडेंको ने बताया कि दमकलकर्मी पूरी रात आग बुझाने की कोशिश करते रहे। यह हमला यूक्रेनी प्रशासन के लिए एक स्पष्ट संदेश था कि अब कोई ठिकाना सुरक्षित नहीं बचा।
डर्नित्सकी और स्वियातोशिंस्की जैसे जिलों में हालात सबसे बदतर रहे। डर्नित्सकी की एक चार मंजिला इमारत का बड़ा हिस्सा जमींदोज हो गया, जबकि स्वियातोशिंस्की की नौ मंजिला इमारत के कई फ्लोर पूरी तरह तबाह हो गए। 16 मंजिला एक अपार्टमेंट मलबे में बदल गया, जहां कई परिवारों का जीवन पल भर में राख बन गया।
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‘जानबूझकर नागरिकों को निशाना बना रहा रूस’
कीव की मिलिट्री प्रशासन के प्रमुख तिमुर त्काचेंको ने कहा कि रूस अब सीधे तौर पर आम नागरिकों को निशाना बना रहा है। उनका दावा है कि यह युद्ध अब केवल सेनाओं के बीच नहीं रह गया, बल्कि बच्चों, महिलाओं और बुजुर्गों की जिंदगियों को भी निगल रहा है।
दर्दनाक बात ये है कि हमले के दौरान एक बुजुर्ग महिला बम शेल्टर में दम घुटने से मारी गई, जहां वह खुद को सुरक्षित समझ रही थी।
यूक्रेन के अन्य शहर भी कांपे धमाकों से
यह हमला सिर्फ कीव तक सीमित नहीं रहा। मध्य यूक्रेन के क्रेमेन्चुक शहर में भारी धमाकों के चलते बिजली चली गई, जबकि क्रिवी रीह में ट्रांसपोर्ट और शहरी ढांचे को निशाना बनाया गया। ओडेसा में तो आग ने अपार्टमेंट ब्लॉकों को ही चपेट में ले लिया।
इन शहरों में भी लोग अपनी रातें बंकरों में बिताने को मजबूर हैं। हर अलार्म अब सिर्फ एक आवाज नहीं, बल्कि मौत की आहट बन चुकी है।
पड़ोसी देशों की चिंता बढ़ी, पोलैंड ने किया अलर्ट
पश्चिमी यूक्रेन की ओर बढ़ते हमलों की आशंका को देखते हुए पोलैंड ने अपनी एयरफोर्स को अलर्ट पर रख दिया है। नाटो के सहयोगी भी हवाई सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए सक्रिय हो गए हैं। यह कदम इसलिए जरूरी हो गया है क्योंकि यह जंग अब सीमाओं से पार निकलती दिख रही है।
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