तुर्की, थाईलैंड और म्यांमार के बाद अब रूस के कामचटका प्रायद्वीप में बुधवार, 30 जुलाई 2025 को एक भयंकर भूकंप आया है। इस भूकंप की तीव्रता इस साल और पिछले कई वर्षों में दर्ज किए गए सभी भूकंपों में सबसे अधिक मानी जा रही है। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 8.8 दर्ज की गई है। इस भूकंप के कारण समुद्र में सुनामी की लहरें उठ रही हैं, जो भारी तबाही मचा रही हैं।
इस भूकंप की ऊर्जा का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि इसे हिरोशिमा में गिराए गए परमाणु बम के लगभग 14,300 बराबर बताया जा रहा है। हां, आपने सही सुना — यह भूकंप हिरोशिमा के परमाणु बम से कई हजार गुना ज्यादा ऊर्जा छोड़ता है।
रिक्टर स्केल और भूकंप की तीव्रता
भूकंप की तीव्रता मापने के लिए रिक्टर स्केल या मैग्नीट्यूड स्केल का इस्तेमाल होता है, जो एक लॉगरिदमिक स्केल है। इसका मतलब है कि जब भूकंप की तीव्रता में एक अंक की बढ़ोतरी होती है, तो ऊर्जा में लगभग 31.6 गुना की वृद्धि होती है।
उदाहरण के लिए:
- 6 तीव्रता का भूकंप, 5 तीव्रता वाले से 31.6 गुना ज्यादा ताकतवर होता है।
- 8.8 तीव्रता का भूकंप, 7.8 तीव्रता वाले भूकंप से 31.6 गुना अधिक शक्तिशाली है।
- 8.8 तीव्रता का भूकंप 6.8 तीव्रता वाले भूकंप से लगभग 1000 गुना ज्यादा ऊर्जा छोड़ता है।
8.8 तीव्रता का भूकंप कितना खतरनाक?
वैज्ञानिकों के अनुसार 8.8 तीव्रता का भूकंप एक ग्रेट अर्थक्वेक (महाभूकंप) की श्रेणी में आता है। इससे निकलने वाली ऊर्जा इतनी विशाल होती है कि यह सड़कों, इमारतों और पूरे शहरों को तहस-नहस कर सकती है।
इस भूकंप से निकलने वाली ऊर्जा लगभग 9 x 10^17 जूल्स है। जूल्स ऊर्जा मापने की इकाई है, और इसे समझने के लिए इसे परमाणु बम की ऊर्जा से तुलना की जाती है।
हिरोशिमा परमाणु बम से तुलना
साल 1945 में जापान के हिरोशिमा में गिराया गया परमाणु बम लगभग 15 किलोटन TNT के बराबर था, जिसकी ऊर्जा 6.3 x 10^13 जूल्स के आसपास मापी गई थी।
जब इस भूकंप की ऊर्जा (9 x 10^17 जूल्स) को हिरोशिमा बम की ऊर्जा से विभाजित किया जाता है, तो पता चलता है कि यह भूकंप लगभग 14,300 हिरोशिमा बमों के बराबर ऊर्जा छोड़ता है। हालांकि, कुछ रिपोर्ट्स में इसे लगभग 9,000 हिरोशिमा बमों के बराबर भी बताया गया है।
रिसर्च का नजरिया
रिसर्चगेट पर प्रकाशित एक अध्ययन ‘Comparison between the Seismic Energy Released During Earthquake with Tons of TNT’ के अनुसार, 8.8 तीव्रता के इस भूकंप की ऊर्जा लगभग 6.27 मिलियन टन TNT के बराबर है, जो कि 10,000 से 14,000 हिरोशिमा बमों के दायरे में आता है। भूकंप की गहराई और भौगोलिक परिस्थिति के कारण अलग-अलग गणनाओं में थोड़ा-बहुत फर्क हो सकता है, लेकिन यह आंकड़े इस भूकंप की भयंकर ऊर्जा को स्पष्ट करते हैं।
इस भूकंप की ताकत और इसके संभावित प्रभाव को देखते हुए, यह माना जा सकता है कि यह पिछले कई वर्षों में आए किसी भी भूकंप से कहीं ज्यादा विनाशकारी हो सकता है। इसलिए वैज्ञानिक और आपदा प्रबंधन टीम पूरी सतर्कता के साथ स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं।