फिल्ममेकर रामानंद सागर के बेटे और जाने-माने प्रोड्यूसर प्रेम सागर का रविवार सुबह निधन हो गया। वह सुबह करीब 10 बजे दुनिया को अलविदा कह गए। अंतिम संस्कार आज मुंबई के जुहू स्थित पवनहंस श्मशान घाट में किया जाएगा।
परिवार के नज़दीकी सूत्रों के मुताबिक, प्रेम सागर पिछले कुछ समय से बीमार चल रहे थे और मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में भर्ती थे। रविवार को डॉक्टरों ने उन्हें घर ले जाने की सलाह दी, लेकिन उसी दौरान उनका निधन हो गया।
प्रेम सागर ने पुणे के फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (FTII) से 1968 बैच में ट्रेनिंग ली थी। यहां से उन्हें सिनेमैटोग्राफी और फोटोग्राफी में गहरी समझ और तकनीकी मजबूती मिली।
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उन्होंने अपने पिता के प्रोडक्शन हाउस सागर आर्ट्स के साथ लंबे समय तक काम किया। रामानंद सागर को 1987 में दूरदर्शन पर प्रसारित हुई मशहूर टीवी सीरीज रामायण के लिए आज भी याद किया जाता है। प्रेम सागर ने इस बैनर के कई प्रोजेक्ट्स में स्टिल फोटोग्राफर और सिनेमैटोग्राफर के तौर पर काम किया।
बतौर डायरेक्टर उन्होंने टीवी सीरीज अलिफ लैला का निर्देशन किया, जबकि हाल ही में काकभुशुंडी रामायण (2024) और कामधेनु गौमाता (2025) जैसे धार्मिक प्रोजेक्ट्स भी बनाए। इसके अलावा, बतौर प्रोड्यूसर उन्होंने हम तेरे आशिक हैं (1979), बसेरा (2009) और जय जय शिव शंकर (2010) जैसी फिल्मों व शोज़ का निर्माण किया।
फिल्मों में भी उनका अहम योगदान रहा। उन्होंने आंखें (1968) और ललकार (1972) में कैमरा और इलेक्ट्रिकल विभाग में काम किया और चरस (1976) में बतौर सिनेमैटोग्राफर अपनी पहचान बनाई।
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