Nepal Gen Z Unrest: सोचिए, आप एक खूबसूरत देश की सैर पर निकले हों, कुछ पल सुकून के बिताने, ज़िंदगी को थोड़ी राहत देने, और अचानक वहां की सड़कों पर आग, डर, चीखें और लाठियों की गूंज सुनाई देने लगे। आंखों के सामने लोग भाग रहे हों, कुछ जलता दिखे और आप खुद भी उसी आग की लपटों में फंस जाएं… कुछ ऐसा ही हुआ है भारतीय महिला पर्यटक उपासिता काले के साथ, जो इस समय नेपाल में चल रहे Gen Z आंदोलन की हिंसा की चपेट में आ गई हैं। उनकी आवाज़ अब सिर्फ़ एक अपील कर रही है – “प्लीज मुझे बचा लीजिए”।
Gen Z आंदोलन कैसे बना आग का तूफान
नेपाल इस समय बेहद असामान्य और खतरनाक हालात से गुजर रहा है। Gen Z यानी नई पीढ़ी के युवा अब वहां की सरकार, भ्रष्टाचार और हाल ही में लगाए गए सोशल मीडिया बैन के खिलाफ सड़कों पर उतर चुके हैं। यह गुस्सा इतना भयानक रूप ले चुका है कि संसद भवन तक को आग के हवाले कर दिया गया है।
हर ओर सिर्फ गुस्सा, आग और अराजकता है। यह विरोध प्रदर्शन अब केवल आवाज़ नहीं, बल्कि हिंसा और जान का खतरा बन चुका है। सरकारी इमारतों, नेताओं के घरों और अब आम नागरिकों व विदेशी पर्यटकों तक को निशाना बनाया जा रहा है।
“होटल जला दिया गया… मेरे पीछे डंडे लेकर लोग भागे”
उपासिता काले, एक भारतीय महिला जो नेपाल में आयोजित हो रहे वॉलीबॉल लीग को होस्ट करने के लिए पोखरा पहुंची थीं, आज मदद की गुहार लगा रही हैं। उन्होंने एक वीडियो जारी किया है, जिसमें उनकी आंखों में डर साफ देखा जा सकता है। उनकी आवाज़ थरथरा रही है, लेकिन उनका संदेश बेहद साफ है- “मुझे बचा लीजिए।”
उपासिता कहती हैं, “मैं जिस होटल में ठहरी थी, उसे आग लगा दी गई। मेरा सारा सामान वहीं जल गया। जब मैं स्पा में थी, तो लोगों ने लाठी-डंडे लेकर मेरा पीछा किया। मैं जान बचाकर भागी हूं। अब किसी होटल में छुपी हूं, लेकिन कब तक सुरक्षित रहूंगी, कुछ नहीं पता…”
ये शब्द सिर्फ एक महिला की कहानी नहीं कह रहे, बल्कि उस डर और असहायता की चीख हैं, जिसमें कोई अपनी जिंदगी की भीख मांग रहा है।
भारत सरकार और दूतावास से मदद की अपील
उपासिता ने अपने वीडियो संदेश में भारत सरकार और काठमांडू स्थित भारतीय दूतावास से मदद की अपील की है। उन्होंने बताया कि अब प्रदर्शनकारी यह नहीं देख रहे कि कौन स्थानीय है और कौन पर्यटक। हर कोई खतरे में है।
इस बीच दूतावास ने तुरंत प्रतिक्रिया देते हुए आपातकालीन हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं:
- +977-980 860 2881
- +977-981 032 6134
साथ ही सभी भारतीय नागरिकों को यह सलाह दी गई है कि वे अपने घरों या होटलों से बाहर न निकलें और जब तक हालात न सुधरें, नेपाल की यात्रा टाल दें।
देश के हालात भयावह, अब तक 19 की मौत
नेपाल में इस आंदोलन ने अब तक कम से कम 19 लोगों की जान ले ली है। कई शहरों में हालात बेकाबू हो चुके हैं। प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली भारी दबाव के चलते इस्तीफा दे चुके हैं, और सोशल मीडिया बैन भी हटा लिया गया है। मगर स्थिति अब भी नियंत्रण से बाहर है।
आंदोलन में शामिल युवा अब सिर्फ सोशल मीडिया के लिए नहीं लड़ रहे, बल्कि भ्रष्टाचार, बेरोज़गारी और सरकार के झूठे वादों के खिलाफ अपनी आवाज़ बुलंद कर रहे हैं। लेकिन अफसोस की बात यह है कि यह आवाज़ अब शांति की जगह हिंसा का रूप ले चुकी है, जिसमें निर्दोष लोग भी घायल और मृत हो रहे हैं।