‘हम जामनगर रिफाइनरी को मिसाइल से उड़ा देंगे…’ पाकिस्तानी आर्मी चीफ असिम मुनीर की भारत को नई धमकी

Pakistan Army Chief Asim Munir
Pakistan Army Chief Asim Munir

दुनिया की सबसे बड़ी रिफाइनरी में से एक, भारत के गुजरात में स्थित जामनगर रिफाइनरी, सिर्फ एक औद्योगिक प्रतिष्ठान नहीं, बल्कि करोड़ों भारतीयों की उम्मीद और देश की आर्थिक ताकत का प्रतीक है। लेकिन जब पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर ने इस पर हमले की अप्रत्यक्ष धमकी दी, तो हर कोई चौंक गया।

यह धमकी सिर्फ एक रिफाइनरी को नहीं, बल्कि भारत की संप्रभुता, उसके आत्मविश्वास और वैश्विक छवि पर भी हमला मानी जा रही है। यह बयान तब आया जब जनरल मुनीर अमेरिका के फ्लोरिडा राज्य में आयोजित एक निजी डिनर में प्रवासी पाकिस्तानी समुदाय को संबोधित कर रहे थे।

अमेरिका से भारत के खिलाफ ज़हरीले शब्द

फ्लोरिडा के टेम्पा शहर के एक लग्ज़री होटल में आयोजित कार्यक्रम में करीब 120 पाकिस्तानी प्रवासी शामिल थे। यहीं पर जनरल मुनीर ने एक सोशल मीडिया पोस्ट का हवाला देते हुए कहा कि उन्होंने खुद उस पोस्ट को मंजूरी दी थी जिसमें मुकेश अंबानी की तस्वीर के साथ कुरान की सूरह अल-फील की एक आयत प्रकाशित की गई थी।

कई जानकार इस आयत की व्याख्या हवाई हमले या दैवीय सजा के प्रतीक के रूप में करते हैं। यानी साफ तौर पर एक संदेश- अगर भारत और पाकिस्तान के बीच अगली बार संघर्ष हुआ, तो पाकिस्तान इसके लिए पूरी तैयारी के साथ आएगा।

हम डूबे तो आधी दुनिया को साथ ले जाएंगे- मुनीर

जनरल मुनीर ने अपने भाषण में जो सबसे डरावनी बात कही, वह थी, “अगर हमें लगता है कि हम डूब रहे हैं, तो हम आधी दुनिया को अपने साथ ले जाएंगे।”

इस वाक्य ने न केवल भारत बल्कि पूरे वैश्विक समुदाय को सतर्क कर दिया है। जब एक परमाणु संपन्न देश का सैन्य प्रमुख इस तरह की बात करता है, तो सवाल उठता है कि क्या यह सिर्फ एक बयान है या इसके पीछे कोई रणनीतिक संकेत छिपा है?

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भारत की आर्थिक ताकत को क्यों बनाया निशाना?

मुकेश अंबानी और जामनगर रिफाइनरी का ज़िक्र महज़ एक नाम या स्थान का उल्लेख नहीं था। ये प्रतीक हैं भारत की विकास यात्रा, औद्योगिक आत्मनिर्भरता, और वैश्विक आर्थिक हैसियत के। जनरल मुनीर के बयान से यह साफ हुआ कि पाकिस्तान भारत को सिर्फ सैन्य शक्ति नहीं, बल्कि उसकी आर्थिक तरक्की से भी खतरा महसूस कर रहा है।

रिफाइनरी को लक्ष्य बनाना न सिर्फ युद्ध की एक रणनीति है, बल्कि एक मनोवैज्ञानिक हमला भी है ये दर्शाने की कोशिश कि अगर लड़ाई हुई, तो पाकिस्तान भारत की रीढ़ पर वार करेगा।

परमाणु हमले और सिंधु जल संधि पर चेतावनी

मुनीर ने भारत द्वारा सिंधु जल संधि को स्थगित करने की संभावना को लेकर चेतावनी दी कि यदि भारत ऐसा करता है, तो पाकिस्तान 10 मिसाइलों से जवाब देगा। उनका दावा था कि इस संधि के बिना पाकिस्तान में 25 करोड़ लोगों को भुखमरी का सामना करना पड़ सकता है।

उन्होंने खुले तौर पर कहा, “हमारे पास मिसाइलों की कमी नहीं है।”

यह कहना, और उस पर परमाणु शक्ति का घमंड जताना, यह दिखाता है कि पाकिस्तान की सैन्य सोच अभी भी पारंपरिक दुश्मनी और खतरे की मानसिकता में जकड़ी हुई है।

भारत का जवाब: संयम के साथ स्पष्टता

भारत ने इस बयान का जवाब संयमित परंतु स्पष्ट शब्दों में दिया। विदेश मंत्रालय ने कहा कि परमाणु धमकी देना पाकिस्तान की पुरानी आदत है और भारत न्यूक्लियर ब्लैकमेल के सामने कभी नहीं झुकेगा।

भारत ने यह भी दोहराया कि “हमें अपनी सुरक्षा करना आता है, और जरूरत पड़ने पर हम हर चुनौती का सामना करेंगे।”

साथ ही भारत ने यह भी कहा कि किसी मित्र देश की धरती से इस तरह की टिप्पणी बेहद खेदजनक है और यह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान की गंभीरता और विश्वसनीयता पर सवाल उठाती है।

अमेरिका में बढ़ती पाकिस्तान की हलचल

जनरल असीम मुनीर की अमेरिका यात्रा पहली नहीं थी। इससे पहले भी वे अमेरिका आ चुके हैं, जहां उन्होंने अमेरिकी सेना की 250वीं वर्षगांठ में हिस्सा लिया और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के साथ एक दो घंटे लंबी निजी लंच मीटिंग भी की।

खास बात यह है कि ट्रम्प के साथ इस मुलाकात को पाकिस्तान सरकार ने काफी महत्व दिया और उन्हें 2026 के नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामांकित भी किया। उनका दावा है कि भारत-पाक संघर्ष के समय ट्रम्प की मध्यस्थता ने एक बड़े युद्ध को टालने में मदद की।

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