सिंधु जल समझौता रद्द, भारतीय विमानों के लिए एयरस्पेस बंद… पाकिस्तान को 2 महीने में हुआ 127 करोड़ का नुकसान

Pakistan Suffered A Loss
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नई दिल्ली: कभी-कभी राजनीतिक फैसले केवल कागज पर नहीं, बल्कि आसमान में उड़ते विमानों और अरबों के लेन-देन पर भी असर डालते हैं। भारत और पाकिस्तान के बीच हाल ही में हुआ एक ऐसा ही टकराव, अब दोनों देशों की एयरलाइन इंडस्ट्री और अर्थव्यवस्था पर भारी पड़ रहा है। खासकर पाकिस्तान को, जिसने भारतीय विमानों के लिए अपना एयरस्पेस बंद करने का निर्णय लिया और अब इसके वित्तीय नुकसान का बोझ झेल रहा है।

23 अप्रैल को भारत ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए दर्दनाक आतंकी हमले के बाद सिंधु जल संधि को निलंबित करने का ऐलान किया। इस हमले में 26 निर्दोष नागरिकों की जान गई थी और जिम्मेदारी पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन ‘द रेसिस्टेंस फ्रंट’ (TRF) ने ली थी।
भारत के इस कड़े कदम के बाद पाकिस्तान ने जवाबी कार्रवाई के रूप में भारतीय विमानों के लिए अपना हवाई क्षेत्र बंद कर दिया। यह कदम राजनीतिक तौर पर भले ही सख्त संदेश देने वाला था, लेकिन आर्थिक रूप से पाकिस्तान के लिए बेहद महंगा साबित हुआ।

दो महीने में 127 करोड़ रुपए का नुकसान

पाकिस्तान के रक्षा मंत्रालय ने संसद में खुलासा किया कि 24 अप्रैल से 30 जून के बीच एयरस्पेस बंद रखने से उन्हें करीब 4.10 अरब पाकिस्तानी रुपए यानी लगभग 127 करोड़ भारतीय रुपए का सीधा घाटा हुआ। इस दौरान रोजाना 100 से 150 भारतीय उड़ानें प्रभावित हुईं, जो अब पाकिस्तान के आसमान से होकर नहीं गुजर सकीं।

इसके बावजूद पाकिस्तान ने साफ कर दिया कि अगस्त के आखिरी हफ्ते तक यह प्रतिबंध जारी रहेगा और उसके बाद ही स्थिति की समीक्षा की जाएगी।

इतिहास दोहराया गया, लेकिन घाटा भी भारी

यह पहली बार नहीं है जब पाकिस्तान ने ऐसा फैसला लिया हो। 2019 में भी भारत के खिलाफ एयरस्पेस बंद करने की नीति अपनाई गई थी, जिससे पाकिस्तान को करीब 451 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ था। इस बार भी नतीजा कुछ अलग नहीं है राजनीतिक संदेश के साथ-साथ वित्तीय चुभन भी बढ़ गई है।

भारत ने भी जवाबी कदम उठाते हुए पाकिस्तानी विमानों के भारतीय एयरस्पेस में प्रवेश पर रोक लगा दी है। इस तरह दोनों देशों के बीच हवाई रास्ता राजनीतिक टकराव का नया मोर्चा बन गया है।

एयरपोर्ट्स अथॉरिटी की आय में उलट रुझान

दिलचस्प बात यह है कि इतने बड़े घाटे के बावजूद पाकिस्तान एयरपोर्ट्स अथॉरिटी की कुल कमाई में इजाफा हुआ है। 2019 में रोजाना औसत ओवरफ्लाइट (यानी ऊपर से गुजरने वाले विमानों) से होने वाली आय जहां 4.24 करोड़ रुपए थी, वहीं 2025 में यह बढ़कर 6.35 करोड़ रुपए तक पहुंच गई। यह वृद्धि अन्य देशों के विमानों के बढ़े हुए रूट और शुल्क से संभव हुई है।

भारतीय एयरलाइनों पर भी असर

हालांकि यह टकराव केवल पाकिस्तान के लिए महंगा नहीं है, बल्कि भारतीय एयरलाइंस भी इसकी कीमत चुका रही हैं। 30 अप्रैल की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय एयरलाइनों को हर महीने लगभग 306 करोड़ रुपए अतिरिक्त खर्च करने पड़ सकते हैं।

एयर इंडिया ने अनुमान लगाया कि यदि यह स्थिति एक साल तक बनी रही, तो उसे करीब 600 मिलियन डॉलर (लगभग 5,081 करोड़ रुपए) का भारी नुकसान झेलना पड़ सकता है। लंबा रास्ता अपनाने और ईंधन की अतिरिक्त खपत इस नुकसान की बड़ी वजह है।

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