अगर आपने कभी रात को दोस्तों के साथ बैठकर सोचा हो कि काश शराब भी ऑनलाइन ऑर्डर हो जाती, तो अब आपकी यह ख्वाहिश पूरी होने जा रही है। केरल से एक ऐसी खबर आई है जो शराब पसंद करने वालों के लिए किसी तोहफे से कम नहीं। अब जिस तरह से आप खाना, किराना या दूध मोबाइल ऐप से मंगवाते हैं, उसी तरह जल्द ही शराब भी ऑनलाइन मंगवा सकेंगे और वो भी पूरी तरह कानूनी रूप से।
केरल सरकार की यह योजना न सिर्फ शराब उपभोक्ताओं के लिए राहत लेकर आई है, बल्कि यह राज्य की आय बढ़ाने और पर्यावरण की रक्षा करने की दिशा में भी एक बड़ा कदम साबित हो सकती है। आइए, जानते हैं इस नई व्यवस्था के बारे में विस्तार से।
अब शराब भी मोबाइल पर: बदलते वक्त की पहल
आजकल जब हर चीज़ डिजिटल हो चुकी है, ऐसे में शराब को लेकर पुरानी पाबंदियों का हटना एक बड़ी बात है। केरल स्टेट बेवरेज कॉर्पोरेशन (BEVCO) ने सरकार को एक सिफारिश भेजी है जिसमें साफ तौर पर कहा गया है कि शराब की ऑनलाइन बिक्री को मंजूरी दी जाए। इस प्रस्ताव के पीछे एक ही मकसद है पारदर्शिता बढ़े, अवैध बिक्री पर रोक लगे और सरकारी खजाने को 2,000 करोड़ रुपये तक का फायदा हो।
बेवको की मैनेजिंग डायरेक्टर हर्षिता अट्टालुरी के मुताबिक, कई बड़े डिलीवरी प्लेटफॉर्म्स जैसे Swiggy इस सेवा में रुचि दिखा रहे हैं और जल्द ही इस व्यवस्था को अमल में लाया जा सकता है। इसका मतलब है कि आने वाले समय में स्विगी से शराब मंगवाना उतना ही आसान हो जाएगा जितना आज बिरयानी मंगवाना है।
कौन कर सकेगा ऑनलाइन शराब ऑर्डर?
सरकार की तरफ से इस योजना को लागू करने से पहले कुछ शर्तें भी तय की गई हैं ताकि इस व्यवस्था का गलत इस्तेमाल न हो सके। केवल 23 साल या उससे अधिक उम्र के लोग ही शराब ऑनलाइन मंगवा सकेंगे। उम्र की पुष्टि के लिए डिजिटल वेरिफिकेशन जरूरी होगा, जिससे नाबालिगों की पहुंच से शराब दूर रहे।
विदेशी बीयर और लो-एल्कोहल ड्रिंक्स को भी मंजूरी
बेवको की इस सिफारिश में यह भी सुझाव दिया गया है कि विदेशी ब्रांड्स की बीयर और कम एल्कोहल वाली ड्रिंक्स को ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स पर बेचना शुरू किया जाए, ताकि पर्यटकों और नए उपभोक्ताओं को अधिक विकल्प मिल सकें। इस पहल से पर्यटन को भी बल मिलेगा और विदेशी शराब प्रेमियों को भी आसानी होगी।
पर्यावरण की सोच: बोतल रिटर्न स्कीम की शुरुआत
इस डिजिटल सुविधा के साथ-साथ एक और पहल की जा रही है जो पर्यावरण के लिहाज से बेहद जरूरी है। अब शराब की बोतल खरीदते समय ग्राहक को ₹20 डिपॉजिट देना होगा, जो बोतल वापसी पर लौटा दिया जाएगा। यह कदम प्लास्टिक और कांच की बोतलों के कचरे को कम करने के लिए उठाया गया है। इस योजना को सबसे पहले थिरुवनंतपुरम और कन्नूर में सितंबर से पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर लागू किया जाएगा।
बोतल वापसी की प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए सभी बोतलों पर QR कोड भी लगाए जाएंगे, जिससे ट्रैकिंग और रिफंड का प्रोसेस सरल और पारदर्शी होगा।
₹800 से ऊपर की शराब सिर्फ कांच की बोतल में ही
एक और अहम फैसला लिया गया है कि अब ₹800 से ज्यादा कीमत वाली शराब सिर्फ कांच की बोतल में ही बेची जाएगी। प्लास्टिक की बोतलों पर लगभग प्रतिबंध लगाया जाएगा, जिससे न केवल पर्यावरण को फायदा होगा, बल्कि ग्राहकों को भी बेहतर क्वालिटी मिलेगी।
क्यों जरूरी है यह कदम?
शराब की ऑनलाइन बिक्री का मुद्दा भारत में लंबे समय से बहस का विषय रहा है। कोविड-19 के दौरान जब शराब की दुकानों पर भीड़ उमड़ती थी, तब यह बात साफ हो गई थी कि एक डिजिटल व्यवस्था की सख्त जरूरत है। अब जब सरकार और कॉर्पोरेशन दोनों इस दिशा में कदम बढ़ा रहे हैं, तो इससे कई फायदे हो सकते हैं, जैसे:
- अवैध बिक्री पर रोक
- सरकारी राजस्व में इजाफा
- उपभोक्ताओं की सुविधा
- पर्यावरण की सुरक्षा
क्या बदल जाएगी शराब की खरीदारी की परंपरा?
केरल सरकार का यह कदम देश के बाकी राज्यों के लिए भी एक मिसाल बन सकता है। अगर यह योजना सफल रहती है तो यह मुमकिन है कि महाराष्ट्र, दिल्ली, पश्चिम बंगाल, पंजाब जैसे अन्य राज्य भी इस मॉडल को अपनाएं। ऐसे में आने वाले वक्त में शराब की खरीदारी का तरीका पूरी तरह बदल सकता है। अब लाइन में लगने की जगह मोबाइल पर एक क्लिक से बोतल आपके दरवाजे तक पहुंचेगी वह भी पूरी तरह कानूनी रूप से।
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