दार्जिलिंग: पश्चिम बंगाल के पर्वतीय जिलों में पिछले कुछ दिनों से लगातार हो रही मूसलधार बारिश ने तबाही मचा दी है। भारी बारिश के कारण भूस्खलन, पुलों के टूटने और सड़कों के क्षतिग्रस्त होने की खबरें सामने आई हैं। अब तक छह लोगों की जान जा चुकी है, जबकि दर्जनों इलाके पूरी तरह से प्रभावित हो चुके हैं।
सरकारी एजेंसियां राहत और बचाव कार्यों में जुटी हुई हैं, लेकिन खराब मौसम और दुर्गम इलाकों के कारण कार्यों में भारी बाधाएं आ रही हैं।
दार्जिलिंग में भारी तबाही, लोहे का पुल बहा
दार्जिलिंग जिले में बारिश की वजह से कई स्थानों पर भूस्खलन (Landslide) हुआ है। बारिश का पानी और मलबा सड़कों पर बह आया है, जिससे यातायात बुरी तरह बाधित हुआ है। इस बीच, एक लोहे का पुल, जो दो कस्बों को जोड़ता था, पानी के दबाव में टूट गया। यह घटना रात के अंधेरे में हुई, जब नदी का जलस्तर अचानक तेज़ी से बढ़ा।
इस पुल के टूटने से कई गांवों का संपर्क मुख्य शहर से कट गया है। जनजीवन अस्त-व्यस्त हो चुका है और प्रशासन को आपातकालीन सेवाएं सक्रिय करनी पड़ी हैं।
कालिम्पोंग में हालात बेहद गंभीर
कालिम्पोंग जिला, जो पहले ही संवेदनशील इलाकों में गिना जाता है, वहां स्थिति और भी खराब हो चुकी है। लगातार हो रही बारिश ने पहाड़ों को खिसकने के कगार पर ला दिया है। कई जगहों पर सड़कों में दरारें पड़ गई हैं और कुछ जगहों पर सड़कें पूरी तरह से ध्वस्त हो चुकी हैं।
यहां के कई क्षेत्रों में भूस्खलन का खतरा इतना बढ़ गया है कि स्थानीय प्रशासन ने लोगों को सतर्क रहने और अनावश्यक रूप से घरों से बाहर न निकलने की सलाह दी है।
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राष्ट्रीय राजमार्ग 717E बंद
कालिम्पोंग और सिलीगुड़ी को जोड़ने वाला राष्ट्रीय राजमार्ग 717E भूस्खलन की वजह से बुरी तरह प्रभावित हुआ है। खासकर पेडोंग और ऋषिखोला के बीच हुए बड़े भूस्खलन के कारण यह मार्ग पूरी तरह अवरुद्ध हो गया है। यह मार्ग सिक्किम जाने का एक वैकल्पिक रास्ता था, जो अब बंद हो चुका है।
ऐसे में, न सिर्फ यातायात ठप हो गया है बल्कि सिक्किम और उत्तर बंगाल के कई हिस्सों के बीच जरूरी आपूर्ति भी रुक गई है, जिससे लोगों को दैनिक आवश्यकताओं की चीजों की कमी का सामना करना पड़ सकता है।
मिरिक से सिलीगुड़ी का संपर्क टूटा
दार्जिलिंग के पास स्थित दुधिया क्षेत्र में बालासन नदी पर बना एक लोहे का पुल पूरी तरह बह गया है। यह पुल सिलीगुड़ी और मिरिक को जोड़ता था, जो स्थानीय निवासियों और पर्यटकों के लिए एक महत्वपूर्ण मार्ग था। पुल टूटने के बाद से इस मार्ग पर सभी प्रकार की आवाजाही बंद कर दी गई है।
नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है, जिससे किनारे बसे इलाकों में दहशत का माहौल है। प्रशासन की ओर से गरीधुरा पुलिस चौकी को स्थिति पर नजर रखने के लिए तैनात किया गया है।
राहत और बचाव कार्य जारी
पश्चिम बंगाल प्रशासन और दार्जिलिंग जिला पुलिस की टीमें राहत कार्यों में सक्रिय हैं। लगातार भारी बारिश और पहाड़ी इलाकों में फिसलन के कारण राहत अभियान में मुश्किलें पेश आ रही हैं। नेशनल डिजास्टर रेस्पॉन्स फोर्स (NDRF) और राज्य आपदा मोचन बल (SDRF) की टीमें भी जरूरत पड़ने पर तैनात की जा सकती हैं।
भारी बारिश ने न केवल जन-धन की हानि की है, बल्कि संचार और बिजली आपूर्ति पर भी गंभीर प्रभाव डाला है। कई क्षेत्रों में मोबाइल नेटवर्क ठप हो गया है और बिजली आपूर्ति बाधित हुई है।
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