नई दिल्ली: संसद के मानसून सत्र के दौरान एक बार फिर भारत और पाकिस्तान के बीच हुए सीजफायर को लेकर सियासी गर्मी तेज हो गई है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बुधवार को संसद परिसर में मीडिया से बातचीत करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा और दावा किया कि अगर मोदी जी इस विषय पर खुलकर बोलते हैं, तो अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप उनकी असलियत सबके सामने ला देंगे।
राहुल गांधी ने कहा, “ट्रंप बार-बार सीजफायर का जिक्र इसलिए कर रहे हैं, क्योंकि उन्हें अपने देश के हित में ट्रेड डील चाहिए। वे भारत पर दबाव बनाएंगे। आप देखिएगा कि अंत में ये किस तरह की ट्रेड डील सामने आती है।” उन्होंने आगे कहा, “अगर पीएम मोदी सीजफायर के मसले पर साफ-साफ कुछ बोलते हैं, तो ट्रंप खुलकर बात करेगा और सारी सच्चाई सामने रख देगा।”
ट्रंप के दावे और पीएम मोदी की प्रतिक्रिया
डोनाल्ड ट्रंप ने कई बार दावा किया कि भारत और पाकिस्तान के बीच शांति और सीजफायर उन्हीं की कोशिशों का नतीजा थी। अमेरिकी मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ट्रंप कम से कम 26 बार यह कह चुके हैं कि उन्होंने दोनों देशों के बीच तनाव को कम करने में भूमिका निभाई।
हालांकि, प्रधानमंत्री मोदी ने मंगलवार को लोकसभा में बिना ट्रंप का नाम लिए कहा, “दुनिया के किसी भी नेता ने भारत से पाकिस्तान के खिलाफ एक्शन रोकने के लिए नहीं कहा था। पाकिस्तान के DGMO ने खुद भारत से संपर्क कर अपील की कि अब सीजफायर किया जाए क्योंकि वे ज्यादा नुकसान नहीं झेल सकते थे।”
अगर दम है तो PM खुद कहें कि ट्रंप झूठ बोल रहे- राहुल गांधी
राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री को सीधी चुनौती देते हुए कहा, “अगर उनमें हिम्मत है, तो वे संसद में खड़े होकर यह कहें कि डोनाल्ड ट्रंप झूठ बोल रहे हैं। जब अमेरिका के राष्ट्रपति खुद इतने बार कह चुके हैं कि सीजफायर उनकी वजह से हुआ, तो प्रधानमंत्री मोदी आखिर खुलकर इसका खंडन क्यों नहीं करते?”
राहुल ने यह भी कहा कि ट्रंप की बयानबाजी कोई साधारण बात नहीं है, बल्कि एक रणनीति है जिससे भारत पर कूटनीतिक और व्यापारिक दबाव डाला जा रहा है। “ये बात देश की संप्रभुता और विदेश नीति से जुड़ी है। अगर प्रधानमंत्री चुप हैं, तो इसका मतलब है कि कुछ छिपाया जा रहा है।”
मोदी में हिम्मत नहीं कि ट्रंप को झूठा कह सकें- खड़गे
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी राहुल गांधी के सुर में सुर मिलाते हुए प्रधानमंत्री पर सीधा हमला बोला। उन्होंने कहा, “मैंने पहले ही कहा था कि ट्रंप का सीजफायर दावा बार-बार दोहराया जा रहा है। जब तक संसद का सत्र चलेगा, वह 30 बार यह कह देंगे कि उन्होंने सीजफायर कराया। लेकिन मोदी जी में इतनी हिम्मत नहीं है कि वे ट्रंप के बयान को झूठा कह सकें।”
खड़गे ने आरोप लगाया कि “दाल में कुछ काला है।” उन्होंने सवाल किया कि अगर सीजफायर का फैसला पूरी तरह भारत सरकार और सेना की रणनीति का हिस्सा था, तो फिर प्रधानमंत्री खुद आगे आकर क्यों नहीं कह रहे कि अमेरिका का इस मामले में कोई रोल नहीं था?
मोदी का बयान: “हमारा एक्शन नॉन-एक्सेलेटरी था
प्रधानमंत्री मोदी ने मंगलवार को लोकसभा में अपने बयान में कहा, “पाकिस्तान के DGMO ने भारत से अपील की कि बहुत हो गया, अब और नुकसान नहीं सह सकते। हमने पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि हमारा लक्ष्य क्या है और कार्रवाई सीमित रहेगी।”
उन्होंने आगे कहा, “हमारा सैन्य अभियान ‘नॉन-एक्सेलेटरी’ था यानी हम युद्ध नहीं चाहते थे, सिर्फ अपने लक्ष्यों को हासिल कर रहे थे। किसी भी अंतरराष्ट्रीय नेता या देश ने हमें कोई दबाव नहीं डाला कि हम अपना एक्शन रोकें। ये नीति भारत सरकार और हमारी सेना ने मिलकर तय की थी।”
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