दिवाली का त्योहार नजदीक आ रहा है और इसके साथ ही हर किसी को खुशियों का एक और तोहफा मिलने की उम्मीद है। जहां आमतौर पर दिवाली की खुशियाँ मिठाइयाँ, पटाखे और नए कपड़े लाती हैं, वहीं इस बार भारतीय उपभोक्ताओं के लिए एक और ख़ुशखबरी सामने आई है। अगर आप भी टू-व्हीलर खरीदने की सोच रहे हैं तो आपके लिए यह मौका बेहद खास हो सकता है। मोदी सरकार ने फैसला लिया है कि दिवाली तक टू-व्हीलर पर टैक्स में कटौती की जाएगी, जिससे ग्राहकों को न केवल अधिक सस्ती बाइक्स मिलेंगी, बल्कि यह ऑटो सेक्टर के लिए भी बड़ा फायदा साबित होगा।
जीएसटी में बदलाव: क्या होगा असर?
भारत में पेट्रोल से चलने वाली टू-व्हीलर्स पर वर्तमान में 28% जीएसटी लगता है, और अगर बाइक की क्षमता 350 सीसी से ज्यादा है तो उस पर 3% का अतिरिक्त सेस भी लगाया जाता है। इसका मतलब है कि इन बाइक्स पर कुल मिलाकर 31% टैक्स लगता है। लेकिन अब सरकार की योजना है कि इन टैक्स दरों में भारी कमी की जाए। रिपोर्ट्स के मुताबिक, दिवाली तक बाइक और स्कूटर पर जीएसटी को घटाकर सिर्फ 18% किया जा सकता है। यह बदलाव न सिर्फ बाइक खरीदारों के लिए फायदेमंद होगा, बल्कि ऑटोमोबाइल कंपनियों के लिए भी राहत देने वाला साबित हो सकता है।
क्यूं जरूरी है यह बदलाव?
ऑटो सेक्टर में लंबे समय से यह मांग उठ रही थी कि टू-व्हीलर्स को लग्ज़री सामान के रूप में न देखा जाए, बल्कि एक आवश्यक वस्तु के रूप में पहचाना जाए। इसकी वजह यह है कि भारतीय उपभोक्ताओं के लिए बाइक एक जरूरी परिवहन साधन है, जो उन्हें रोज़मर्रा की ज़िंदगी में सहूलियत देता है। इस दृष्टिकोण को ध्यान में रखते हुए, SIAM (सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चर्स) ने भी सरकार से इस पर विचार करने की अपील की थी, और अब यह उम्मीद जताई जा रही है कि जीएसटी काउंसिल की बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी मिल सकती है।
दिवाली तक इस फैसले का होना है ऐलान
आपके लिए एक और अहम जानकारी यह है कि जीएसटी काउंसिल की बैठक 3 और 4 सितंबर को होने जा रही है, जिसमें यह फैसला किया जाएगा कि कौन सी वस्तुएं जीएसटी के किस स्लैब में आएंगी। इसके बाद ही यह साफ होगा कि बाइक्स और स्कूटर्स पर टैक्स दर में कितनी कटौती की जाएगी और कब से यह लागू होगी।
बाइक की कीमतों में कितनी होगी कमी?
अब सवाल उठता है कि अगर जीएसटी कटौती होती है तो आम आदमी के लिए कितनी राहत मिलेगी। उदाहरण के तौर पर, यदि किसी बाइक की कीमत ₹1,00,000 (1 लाख रुपये) है, तो 28% जीएसटी के मुकाबले 18% जीएसटी लागू होने पर करीब ₹10,000 तक की बचत हो सकती है। हालांकि, यह केवल एक अनुमान है, और वास्तविक बदलाव बाइक की कीमत पर निर्भर करेगा। लेकिन यह अनुमान दिखाता है कि जीएसटी में इस कमी से खरीदारों को कितनी राहत मिल सकती है।
उद्योग और रोजगार पर असर
यह टैक्स कटौती सिर्फ ग्राहकों के लिए फायदेमंद नहीं होगी, बल्कि पूरी ऑटो इंडस्ट्री को भी इसका फायदा मिलेगा। जब बाइक्स की कीमतें कम होंगी, तो डिमांड बढ़ेगी, और इसे पूरा करने के लिए कंपनियों को अपनी उत्पादन क्षमता बढ़ानी पड़ेगी। इससे ऑटो सेक्टर में रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे, क्योंकि अधिक उत्पादन का मतलब है अधिक श्रमिकों की जरूरत। इससे भारत में रोजगार के मौके भी बढ़ेंगे और यह देश की अर्थव्यवस्था के लिए एक सकारात्मक संकेत होगा।
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