GST में बदलाव के बाद लोगों को कैसे और कितना मिलेगा फायदा? निर्मला सीतारमण ने बताया पूरा प्लान

GST में बदलाव के बाद लोगों को कैसे और कितना मिलेगा फायदा? निर्मला सीतारमण ने बताया पूरा प्लान

ज़रा सोचिए, जब आपकी रोज़मर्रा की ज़िंदगी से जुड़े सामान जैसे टेलीविज़न, फ्रिज, किचन अप्लायंसेज़, या खाने-पीने की चीज़ें सस्ती हो जाएं तो कैसा लगेगा? शायद थोड़ी राहत महसूस हो, कुछ बचत का एहसास हो और भविष्य के लिए थोड़ा सुकून भी मिले। यही सुकून अब सरकार देने जा रही है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने हाल ही में ऐलान किया है कि GST सिस्टम में एक बड़ा बदलाव किया गया है, जिससे देश की 140 करोड़ आबादी को सीधा फायदा होगा।

जीएसटी में बदलाव का असर

वित्त मंत्री ने शनिवार को एक इंटरव्यू में कहा कि जीएसटी रेट्स को और सरल, पारदर्शी और जनहितैषी बनाने की दिशा में बड़ा कदम उठाया गया है। पहले जहां GST के चार स्लैब थे, अब उन्हें घटाकर सिर्फ दो स्लैब कर दिया गया है- 5% और 18%। इसके अलावा तंबाकू, सिगरेट और विलासिता की वस्तुओं पर 40% का विशेष टैक्स अलग से लगाया जाएगा।

यह बदलाव केवल आंकड़ों या प्रतिशत का खेल नहीं है। इसका मतलब है कि अब आपकी जरूरत की कई वस्तुएं सस्ती होंगी, जैसे कि किचन अप्लायंसेज़, एयर कंडीशनर, टेलीविज़न और कई घरेलू इस्तेमाल के सामान। और सबसे बड़ी बात यह 22 सितंबर से लागू हो जाएगा, यानी राहत का रास्ता अब बहुत दूर नहीं।

सीधे जनता की जेब में पहुंचेगा राहत का पैसा

वित्त मंत्री ने साफ किया है कि सरकार यह सुनिश्चित करने जा रही है कि दरें कम होने का फायदा सीधे लोगों तक पहुंचे। इसके लिए उद्योगों और कंपनियों से बातचीत शुरू हो चुकी है ताकि वे अपने प्रोडक्ट्स की कीमतों में कटौती करें।

निर्मला सीतारमण ने कहा, “यह केवल रेट घटाने का फैसला नहीं है, यह एक संपूर्ण सुधार है जो कंपनियों और आम लोगों दोनों की ज़िंदगी आसान बनाएगा।”

सरकार का फोकस इस बात पर है कि कंपनियां इस दर कटौती को केवल अपनी मुनाफाखोरी का जरिया न बनाएं, बल्कि इसका लाभ आम लोगों तक पहुंचाएं। इसके लिए 22 सितंबर से सरकार खुद निगरानी करेगी कि लोगों को इसका सही लाभ मिल रहा है या नहीं।

ये भी पढ़ें- फसल को बारिश से हुआ नुकसान? तो मिल सकता है प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का लाभ, ऐसे करें क्लेम

रजिस्ट्रेशन और रिफंड होंगे और आसान

एक और बड़ी खबर यह है कि अब बिज़नेस के लिए जीएसटी में रजिस्ट्रेशन और रिफंड की प्रक्रिया बेहद आसान होने जा रही है। सीतारमण ने बताया कि जैसे ही नई प्रणाली लागू होती है, लगभग 90% रिफंड स्वतः तय समय के भीतर जारी हो जाएंगे और कंपनियों को सिर्फ तीन दिनों के भीतर रजिस्ट्रेशन भी मिल जाएगा।

इससे न केवल बड़े कारोबारी, बल्कि छोटे दुकानदार, किसान और ग्रामीण उद्यमी भी लाभान्वित होंगे। कीटनाशक, कृषि उपकरण जैसे ज़रूरी सामान सस्ते होंगे और किसानों को खेती में राहत मिलेगी। छोटे व्यापारियों के लिए जीएसटी का डर खत्म होगा और वे अपनी सेवाएं बिना परेशानी आगे बढ़ा सकेंगे।

गरीब से गरीब को भी मिलेगा फायदा

वित्त मंत्री ने विशेष तौर पर इस बात पर ज़ोर दिया कि यह सुधार गरीब और मध्यम वर्ग के लिए वरदान साबित होगा। सरकार का मानना है कि जब रोजमर्रा की ज़रूरतों की चीजें सस्ती होंगी, तो गरीब आदमी की ज़िंदगी भी बेहतर होगी। वह थोड़ा और बचा सकेगा, अपने बच्चों की पढ़ाई, अपने स्वास्थ्य और अपने छोटे-छोटे सपनों पर खर्च कर सकेगा।

निर्मला सीतारमण ने कहा, “यह बदलाव 140 करोड़ देशवासियों को राहत देने के लिए है। गरीब से गरीब व्यक्ति को भी इसका कुछ न कुछ फायदा ज़रूर मिलेगा।”

राज्यों की सहमति और रेवेन्यू की चिंता

हालांकि कुछ राज्यों ने इस बात को लेकर चिंता जताई कि दरों में कटौती से सरकार की आमदनी यानी राजस्व में गिरावट आ सकती है। लेकिन इसके बावजूद जीएसटी काउंसिल ने आम सहमति से यह फैसला लिया कि जनता का भला ज़्यादा जरूरी है।

सरकार का यह भी मानना है कि दरों में कटौती से वस्तुएं सस्ती होंगी, जिससे खपत बढ़ेगी, और अंततः राजस्व में खुद-ब-खुद बढ़ोतरी होगी। यानी यह एक विन-विन सिचुएशन होगी- जनता को राहत और सरकार को भविष्य में फायदा।

ये भी पढ़ें- महिंद्रा थार, टाटा नेक्सन से लेकर हुंडई क्रेटा तक… GST में बदलाव के बाद कितनी सस्ती होंगी पॉपुलर कारें?

Comments

No comments yet. Why don’t you start the discussion?

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *