नई दिल्ली: जब भी पेट में गैस होती है, लोग फौरन ENO की तरफ़ दौड़ते हैं। दांतों की झनझनाहट से राहत पाने के लिए लोग भरोसा करते हैं Sensodyne टूथपेस्ट पर। और कुछ लोग रोज़ सुबह की शुरुआत करते हैं सिगरेट के कश से। लेकिन ज़रा सोचिए, अगर ये सारी चीजें नकली निकलें, तो क्या होगा? ये न सिर्फ़ आपकी सेहत को नुकसान पहुंचाएंगी, बल्कि आपके भरोसे के साथ भी खेलेंगी। दिल्ली में हाल ही में कुछ ऐसा ही सामने आया, जिसने लोगों को चौंका दिया है।
दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने एक ऐसे गिरोह का पर्दाफाश किया है जो ENO, टूथपेस्ट और Gold Flake सिगरेट जैसे ब्रांडेड प्रोडक्ट्स की हूबहू नकली कॉपियां बना रहा था। सोचकर ही रोंगटे खड़े हो जाते हैं कि कैसे हमारी रोज़मर्रा की ज़िंदगी में इस्तेमाल होने वाली चीज़ें धीरे-धीरे जहर बनती जा रही थीं, और हमें भनक तक नहीं थी।
नकलीपन के पीछे का पूरा खेल
इस गिरोह का काम बेहद संगठित था। ये लोग दिल्ली के रोहिणी, बवाना और माजरी-कराला जैसे इलाकों में नकली प्रोडक्ट तैयार कर रहे थे। इनके पास हर चीज़ थी- मशीनें, पैकेजिंग मटीरियल, डुप्लीकेट स्टिकर और बाजार में फैलाने का तगड़ा नेटवर्क। पुलिस की जांच में सामने आया कि ये लोग सालों से इस धंधे में थे और अब तक करोड़ों का नकली माल बाजार में बेच चुके थे।
सबसे डराने वाली बात ये है कि ये प्रोडक्ट्स बिल्कुल असली जैसे दिखते थे। पैकेट, लोगो, रंग और यहां तक कि लिखावट तक असली प्रोडक्ट्स जैसी थी। कोई भी आम आदमी इन नकली चीजों को देखकर धोखा खा जाता।
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पुलिस ने कैसे पकड़ा नकली सामान बनाने वाला गैंग?
इस पूरे ऑपरेशन की शुरुआत एक गुप्त सूचना और कंपनियों की शिकायत से हुई थी। कंपनियों ने अपने प्रोडक्ट्स की नकली बिक्री को लेकर चिंता जताई थी। इसी आधार पर दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने 6 अगस्त को पहली छापेमारी की। रोहिणी के विजय विहार फेज-1 और कश्मीरी गेट के केला घाट मार्ग पर दो जगहों पर रेड मारी गई। यहां से नकली ENO और Gold Flake सिगरेट का भंडार मिला।
इसके बाद 10 और 11 अगस्त को माजरी-कराला गांव और बवाना सेक्टर-3 में फिर से छापे मारे गए। इस दौरान दो अवैध फैक्ट्रियां पूरी तरह ध्वस्त कर दी गईं और बड़ी मात्रा में नकली माल और मशीनें जब्त की गईं।
जानिए कौन-कौन निकले इस घिनौने खेल के खिलाड़ी
पुलिस ने इस मामले में 6 लोगों को गिरफ्तार किया है। इनमें शामिल हैं- ओनम जैन (मुख्य आपूर्तिकर्ता), सुरेंद्र बंसल (गाजियाबाद निवासी), शिवा (समयपुर बादली से बीकॉम ग्रेजुएट), मनोज कुमार गुप्ता (जयपुर निवासी), दीपक उर्फ दीपु (रोहिणी से ENO और सिगरेट सप्लाई करने वाला) और मनीष जैन (कैलाश नगर निवासी)। इन सभी ने पूछताछ में माना कि वे 2022 से इस धंधे में शामिल थे।
कितना माल मिला और कितनी गहराई थी इस धंधे की?
पुलिस के मुताबिक, छापेमारी के दौरान जो नकली सामान मिला, उसकी संख्या चौंकाने वाली है। 1.07 लाख से ज्यादा ENO के नकली स्टिकर, 4,552 टूथपेस्ट ट्यूब, 2,550 Gold Flake सिगरेट के नकली कार्टन, 360 खाली बॉक्स, 2 भरने वाली मशीनें और हजारों कैप्स व पैकिंग मटीरियल बरामद हुआ है। ये सब मिलाकर करीब 30 लाख रुपये का नकली सामान था।
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