पंजाब-हरियाणा में बाढ़ जैसे हालात, दिल्ली पर मंडराया खतरा; पहाड़ों पर बारिश से नदियां उफान पर

पंजाब-हरियाणा में बाढ़ जैसे हालात, दिल्ली पर मंडराया खतरा; पहाड़ों पर बारिश से नदियां उफान पर

उत्तर भारत के कई राज्यों में लगातार हो रही बारिश ने बाढ़ की स्थिति को गंभीर बना दिया है। पर्वतीय इलाकों से बढ़ते जल प्रवाह ने पंजाब और हरियाणा में तबाही मचाई है। हिमाचल प्रदेश को पहली सितंबर से आपदा प्रभावित राज्य घोषित कर दिया गया है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने विधानसभा में यह घोषणा की।

दिल्ली तक पहुंच सकता है यमुना का बढ़ा जलस्तर

लगातार बारिश के कारण यमुना नदी का जलस्तर सीजन के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है। हरियाणा के सिंचाई विभाग ने सायरन बजाकर लोगों को अलर्ट किया है। लगभग 50 गांवों की 50 हजार एकड़ फसल जलमग्न हो चुकी है। हथिनीकुंड बैराज पर दबाव इतना बढ़ा कि सुरक्षा दीवार में दरारें आ गईं और बैराज के सभी 18 गेट कई घंटों से खुले हैं। माना जा रहा है कि अगले 48 घंटों में दिल्ली तक बाढ़ का असर देखने को मिल सकता है।

पंजाब में ब्यास-रावी के बाद सतलुज में भी उफान

पंजाब में बाढ़ की स्थिति लगातार बिगड़ रही है। ब्यास और रावी नदियों के बाद अब सतलुज का जलस्तर भी बढ़ने लगा है, जिससे रूपनगर, लुधियाना और जालंधर में खतरा बढ़ गया है। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा किया। राज्य में अब तक 29 लोगों की जान जा चुकी है और कई जिलों में स्कूल 3 सितंबर तक बंद कर दिए गए हैं।

जम्मू-कश्मीर और हिमाचल में रेड अलर्ट

मौसम विभाग ने जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश के कई जिलों में भारी बारिश, बाढ़ और भूस्खलन की चेतावनी जारी की है। श्रीनगर में झेलम नदी का जलस्तर बढ़ने से लोग अपने घरों का सामान ऊपरी मंजिलों पर ले जाने को मजबूर हैं। हिमाचल में मणिमहेश यात्रा बाधित हो गई है, जहां 3,000 से ज्यादा श्रद्धालु फंसे हुए हैं। चंडीगढ़-शिमला और कीरतपुर-मनाली हाईवे पर भूस्खलन से यातायात ठप हो गया है।

उत्तराखंड में चारधाम यात्रा स्थगित

उत्तराखंड में भारी बारिश और भूस्खलन की वजह से हेमकुंड साहिब और चारधाम यात्रा रोक दी गई है। प्रदेश के 360 मार्ग बाधित हैं। उत्तरकाशी और धराली में झीलों का पानी बढ़ने से पुल और हाईवे जलमग्न हो गए हैं। इस बीच कई जिलों में रेड अलर्ट जारी कर दिया गया है।

यूपी और राजस्थान भी प्रभावित

उत्तर प्रदेश में भी भारी बारिश और वज्रपात से अब तक 13 लोगों की मौत हो चुकी है। गोंडा, हरदोई और बहराइच जिलों में स्थिति खराब है। वहीं राजस्थान में हनुमानगढ़ और बीकानेर में जलभराव और मकान गिरने से जनहानि हुई है। मौसम विभाग ने सितंबर के पहले सप्ताह तक मानसून के सक्रिय रहने का अनुमान जताया है।

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