Flood: जब बारिश राहत की जगह आफत बन जाए, तब हर इंसान की चिंता सिर्फ एक होती है ज़िंदगी की सुरक्षा। पिछले कुछ दिनों में देश के कई राज्यों में जो हालात बने हैं, उन्होंने आम लोगों की ज़िंदगी को बुरी तरह प्रभावित किया है। पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, हिमाचल प्रदेश, कश्मीर और गुजरात हर जगह प्रकृति का क्रोध एक जैसी ही तबाही लेकर आया है। कहीं बाढ़ ने खेत और घर लील लिए, तो कहीं पहाड़ों ने दरककर जिंदगी को मलबे में दबा दिया।
ये सिर्फ मौसम की खबरें नहीं हैं, बल्कि उन लोगों की कहानियां हैं जो हर दिन एक नई चुनौती का सामना कर रहे हैं। आइए, विस्तार से समझते हैं कि देश के किन हिस्सों में हालात सबसे गंभीर हैं और प्रशासन क्या कर रहा है।
पंजाब और हरियाणा: पूरा राज्य हुआ जलमग्न
पंजाब के हालात इस वक्त बेहद गंभीर हैं। राज्य के सभी 23 जिलों में बाढ़ का असर है और 1,655 गांवों के करीब 3.55 लाख लोग सीधे तौर पर प्रभावित हैं। बारिश के साथ-साथ नदियों के जलस्तर में वृद्धि और जलनिकासी की कमी ने मिलकर हालात को और बिगाड़ दिया है।
अब तक राज्य में 37 लोगों की जान जा चुकी है, और पठानकोट में 3 लोग लापता बताए जा रहे हैं। बच्चों की सुरक्षा को देखते हुए सभी स्कूल, कॉलेज और यूनिवर्सिटी 7 सितंबर तक बंद कर दिए गए हैं।
हरियाणा की हालत भी कुछ अलग नहीं है। 11 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है। हिसार, पंचकूला, अंबाला और रोहतक जैसे जिलों में बाढ़ ने जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है। दिल्ली से छोड़े गए पानी के कारण फरीदाबाद में यमुना खतरे के निशान तक पहुंच गई है।
दिल्ली: यमुना ने तोड़ी सीमाएं, शहर में घुसा पानी
दिल्ली, देश की राजधानी, भी इस बार जलप्रलय से अछूती नहीं रही। यमुना नदी का जलस्तर 207.47 मीटर तक पहुंच गया है, जो खतरे के निशान से ऊपर है। इसका असर शहर के कई हिस्सों में देखा जा सकता है।
मयूर विहार फेज-1, मॉनेस्ट्री मार्केट, सिविल लाइंस और बेला रोड जैसे इलाकों में पानी घरों और सड़कों तक आ गया है। राहत शिविरों में भी पानी भर चुका है, जिससे विस्थापित लोगों के लिए दोहरी मुसीबत बन गई है।
सबसे खतरनाक स्थिति तब सामने आई जब अलीपुर में NH-44 पर फ्लाईओवर का हिस्सा धंस गया, जिससे ट्रैफिक पूरी तरह ठप हो गया। यह घटना इस बात का संकेत है कि बारिश और बाढ़ से केवल लोग ही नहीं, बुनियादी ढांचा भी खतरे में है।
हिमाचल प्रदेश: पहाड़ों से आया मौत का मलबा
कुल्लू में भूस्खलन ने एक बार फिर पहाड़ों की असली ताकत का एहसास करा दिया। गुरुवार सुबह हुए लैंडस्लाइड में दो घर पूरी तरह ढह गए। एक व्यक्ति की मौत हो चुकी है, जबकि 6 लोग अब भी मलबे में फंसे हुए हैं।
एक दिन पहले हुए भूस्खलन में एक NDRF जवान मलबे में दब गया था, जिसे 24 घंटे बाद रेस्क्यू किया जा सका। इन घटनाओं से साफ है कि पहाड़ी इलाकों में रहना अब पहले जितना सुरक्षित नहीं रहा, खासकर जब बारिश का मौसम हो।
गुजरात: नर्मदा ने दिखाया विकराल रूप
गुजरात में अब तक मानसून काफी शांत था, लेकिन अब हालात बदलने लगे हैं। भारी बारिश और मध्य प्रदेश के डैम से छोड़े गए पानी के कारण सरदार सरोवर डैम के 15 गेट खोलने पड़े।
डैम का जलस्तर 135.37 मीटर तक पहुंच चुका है, जबकि इसकी अधिकतम सीमा 138.68 मीटर है। इस कारण नर्मदा नदी के आसपास के 25 गांवों में अलर्ट जारी किया गया है। वडोदरा जिले के डभोई, शिनोर और करजण तालुका के लोग विशेष रूप से सतर्क रहें।
मौसम विभाग ने नर्मदा और तापी जिलों में रेड अलर्ट जारी किया है। इससे साफ है कि राज्य को अभी और सतर्क रहने की जरूरत है।
कश्मीर: लगातार बारिश ने बढ़ाई मुश्किलें
कश्मीर घाटी में लगातार बारिश के कारण हालात चिंताजनक बने हुए हैं। दो दिनों से सभी स्कूल, कॉलेज, यूनिवर्सिटी और कोचिंग सेंटर बंद हैं।
झेलम नदी और उसकी सहायक नदियों का जलस्तर धीरे-धीरे घट रहा है, लेकिन कई जिलों जैसे अनंतनाग, बडगाम, कुलगाम, पुलवामा और शोपियां में अब भी बाढ़ जैसी स्थिति बनी हुई है। कश्मीर के लिए यह मौसम और भी कठिन होता है, क्योंकि यहां की भूगोलिक स्थिति राहत कार्यों को धीमा बना देती है।