बारिश का मौसम आमतौर पर राहत और ठंडक लेकर आता है, लेकिन जब यही बारिश बेकाबू हो जाए, तो तबाही का मंजर पीछे छोड़ जाती है। इस वक्त देश के कई राज्य ऐसी ही भयंकर प्राकृतिक आपदा का सामना कर रहे हैं। उत्तर से लेकर पश्चिम तक बारिश और भूस्खलन ने जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है। कहीं नदियां उफान पर हैं तो कहीं पहाड़ दरक रहे हैं। आइए जानते हैं देश के अलग-अलग हिस्सों में मानसून की मार ने किस तरह से लोगों की ज़िंदगी को प्रभावित किया है।
उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग में भूस्खलन के चलते हालात बेहद चिंताजनक हो गए हैं। बद्रीनाथ हाईवे पूरी तरह से बंद हो चुका है, जिससे चारधाम यात्रा पर निकले यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। गंगोत्री हाईवे भी धरासू पुराने थाना और सोनागढ़ के पास मलबे से अवरुद्ध हो चुका है। यही हाल यमुनोत्री हाईवे का भी है, जो नारदचट्टी के पास बंद पड़ा है।
हालांकि कुथनौर इलाके में ट्रैफिक धीरे-धीरे शुरू हो चुका है, लेकिन अन्य स्थानों पर लगातार मलबा हटाने का प्रयास जारी है। यह स्थिति न केवल स्थानीय लोगों के लिए, बल्कि तीर्थ यात्रियों के लिए भी एक बड़ी चुनौती बन गई है।
उत्तर प्रदेश में यमुना का विकराल रूप
उत्तर प्रदेश के कई जिले यमुना नदी के उफान से जूझ रहे हैं। हालात इतने गंभीर हैं कि यमुना का पानी अब ऐतिहासिक ताजमहल तक पहुंच गया है। यह नजारा जितना दुर्लभ है, उतना ही खतरनाक भी। मथुरा में यमुना नदी ने अपना पुराना रास्ता छोड़कर अब दो किलोमीटर दूर बहना शुरू कर दिया है, जिससे आसपास के गांवों में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है।
करीब 40 गांवों को अलर्ट पर रखा गया है और प्रशासन ने संभावित खतरे को देखते हुए राहत और बचाव के इंतज़ाम तेज कर दिए हैं। ताजमहल के आसपास पानी पहुंचना केवल एक चेतावनी नहीं, बल्कि इस बात का संकेत है कि हालात सामान्य नहीं हैं।
गुजरात में 12 घंटे की बारिश ने मचाई तबाही
गुजरात के तटीय जिलों में बीते बुधवार को हुई मूसलधार बारिश ने जनजीवन को तहस-नहस कर दिया। जूनागढ़ जिले में सिर्फ 12 घंटों के भीतर 331 मिमी बारिश दर्ज की गई, जिससे कई इलाकों में जलभराव और बाढ़ जैसे हालात बन गए।
पोरबंदर जिले में स्थिति इतनी बिगड़ गई कि एक स्कूल में फंसे 46 बच्चों और 4 शिक्षकों को NDRF की टीम ने सुरक्षित बाहर निकाला। यह एक राहत भरी खबर जरूर है, लेकिन इससे यह भी साफ हो गया है कि प्रशासन और राहत एजेंसियों को लगातार सतर्क रहने की ज़रूरत है।
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महाराष्ट्र में थमी नहीं बारिश, नुकसान का सिलसिला जारी
महाराष्ट्र में भी बारिश की रफ्तार थमने का नाम नहीं ले रही है। मुंबई में मंगलवार को 107.4 मिमी बारिश दर्ज की गई, जिससे कई इलाकों में पानी भर गया और यातायात प्रभावित हुआ। ठाणे जिले में एक व्यक्ति की मौत तब हो गई जब वह पानी से भरी खदान में गिर गया।
मौसम विभाग ने राज्य के कुछ इलाकों में ऑरेंज अलर्ट जारी किया है, जिससे साफ है कि अभी राहत की उम्मीद नहीं की जा सकती। लगातार बारिश ने शहरों के ड्रेनेज सिस्टम की पोल खोल दी है और लोग अपने ही घरों में कैद होकर रह गए हैं।
हिमाचल प्रदेश में अब 145 लोगों की मौत
हिमाचल प्रदेश में बारिश से जुड़ी घटनाएं लगातार लोगों की जान ले रही हैं। 20 जून से अब तक राज्य में 145 लोगों की मौत हो चुकी है। पहाड़ों से लगातार मलबा गिरने, सड़कें टूटने और मकान ढहने से हालात बेहद नाजुक हो गए हैं।
अब तक अनुमानित तौर पर 2,281 करोड़ रुपए से अधिक की संपत्ति का नुकसान हो चुका है। यह आंकड़ा न केवल डराने वाला है, बल्कि यह भी बताता है कि जलवायु परिवर्तन किस तरह से पहाड़ी राज्यों को सबसे ज़्यादा नुकसान पहुंचा रहा है।
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