‘हमारे लिए कोई पक्ष या विपक्ष नहीं…’ राहुल गांधी के वोट चोरी के आरोप पर बोला चुनाव आयोग, Video

Election Commission on Vote Chori
Election Commission on Vote Chori

नई दिल्ली: देश में जब-जब चुनाव आते हैं, जनता की उम्मीदें आसमान छूने लगती हैं। हर नागरिक को यह भरोसा होता है कि उसका एक-एक वोट एक सशक्त और निष्पक्ष लोकतंत्र की नींव रखेगा। लेकिन हाल ही में जब चुनावों में पारदर्शिता को लेकर गंभीर आरोप लगे और “वोट चोरी” जैसे शब्दों का इस्तेमाल हुआ, तब चुनाव आयोग (EC) ने न सिर्फ इन आरोपों का खंडन किया, बल्कि बेहद स्पष्ट शब्दों में अपनी निष्पक्षता और सख्त मंशा का परिचय भी दिया।

CEC ज्ञानेश कुमार ने कहा- लोकसभा चुनाव की प्रक्रिया में एक करोड़ से ज्यादा कर्मचारी, 10 लाख से ज्यादा बूथ लेवल एजेंट, उम्मीदवारों के 20 लाख से ज्यादा पोलिंग एजेंट काम करते हैं। इतने सारे लोगों के सामने इतनी पारदर्शी प्रक्रिया में क्या कोई मतदाता वोट चुरा सकता है?

हम न किसी के साथ, न किसी के खिलाफ: EC

नई दिल्ली के नेशनल मीडिया सेंटर में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) ज्ञानेश कुमार ने कहा कि चुनाव आयोग न पक्ष में है, न विपक्ष में। उन्होंने भावुक अंदाज में कहा कि EC के लिए हर राजनीतिक दल एक समान है और लोकतंत्र की रक्षा करना आयोग की सबसे बड़ी जिम्मेदारी है।

उन्होंने दो टूक कहा कि “जब हमारे कंधे पर बंदूक रखकर मतदाताओं को निशाना बनाया जाता है, तो यह केवल चुनाव आयोग का नहीं बल्कि पूरे लोकतंत्र का अपमान होता है। हम गरीब हो या अमीर, महिला हो या युवा, हर धर्म और जाति के मतदाताओं के साथ पहले भी खड़े थे, आज भी खड़े हैं और कल भी खड़े रहेंगे।”

वोट चोरी जैसे शब्दों का इस्तेमाल, संविधान का अपमान

CEC ज्ञानेश कुमार ने राहुल गांधी के उन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया जिसमें उन्होंने कहा था कि “चुनाव आयोग भाजपा के साथ मिलकर चुनाव चुरा रहा है।”

ज्ञानेश कुमार ने स्पष्ट कहा कि अगर कोई समय रहते मतदाता सूची में त्रुटियों को सुधारने के लिए आवेदन नहीं देता और बाद में “वोट चोरी” जैसे शब्दों का इस्तेमाल करता है, तो यह न केवल जनता को गुमराह करने की कोशिश है, बल्कि भारतीय संविधान और लोकतंत्र का अपमान भी है।

उन्होंने कहा कि ऐसे आरोप लगाने वाले लोग जब उनसे सबूत मांगे जाते हैं, तो चुप्पी साध लेते हैं। लेकिन EC इन आरोपों से डरने वाला नहीं है।

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SIR के ज़रिए पारदर्शी सुधार की प्रक्रिया जारी है

CEC ने बताया कि बिहार में SIR (Systematic Improvement in Registration) के ज़रिए मतदाता सूची में सुधार की प्रक्रिया जारी है और इसके लिए अभी 15 दिन का समय बाकी है। उन्होंने सभी राजनीतिक दलों और उनके बीएलए (Booth Level Agents) से अपील की कि इस दौरान अगर कोई त्रुटि है तो वे फॉर्म भरकर उसे दूर करवाएं।

ज्ञानेश कुमार ने कहा, “सभी दलों के बीएलए ज़मीनी स्तर पर साइन कर इस प्रक्रिया में हिस्सा ले रहे हैं। लेकिन यह गंभीर चिंता का विषय है कि यह जानकारी उनके शीर्ष नेतृत्व तक नहीं पहुंच रही या जानबूझकर भ्रम फैलाया जा रहा है।”

वोटर लिस्ट को लेकर जनता का योगदान- CEC

चुनाव आयोग ने यह भी बताया कि पिछले दो दशकों से मतदाता सूची में सुधार की मांग लगातार उठती रही है। इसी को ध्यान में रखते हुए SIR की शुरुआत की गई। CEC के मुताबिक इस प्रक्रिया में लाखों मतदाता खुद आवेदन कर रहे हैं, जिनमें वे युवा शामिल हैं जो 1 जुलाई या 1 अक्टूबर तक 18 वर्ष के हो रहे हैं।

यह साबित करता है कि देश की जनता अब अपने मताधिकार को लेकर और भी सजग और जागरूक हो चुकी है, जो लोकतंत्र के लिए शुभ संकेत है।

मतदाताओं की तस्वीरें मीडिया में दिखाना असंवेदनशील

चुनाव आयोग ने यह भी गंभीर चिंता जताई कि हाल के दिनों में कुछ राजनीतिक दलों ने बिना अनुमति के आम मतदाताओं की तस्वीरें और उनकी जानकारी मीडिया के साथ साझा की।

CEC ने भावनात्मक लहजे में कहा कि, “क्या चुनाव आयोग को किसी की मां, बहन या बेटी का CCTV फुटेज सार्वजनिक करना चाहिए? हमें सोचकर देखना होगा कि क्या यह देश के किसी भी मतदाता के साथ न्याय है?”

उनका यह बयान स्पष्ट रूप से इस बात की ओर इशारा करता है कि आयोग केवल निष्पक्षता ही नहीं, बल्कि हर मतदाता की गरिमा और निजता की रक्षा को भी सर्वोच्च प्राथमिकता देता है।

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