नई दिल्ली: सुबह-सुबह जब लोग अपने घरों से निकले, तो आसमान से गिरती बूंदों ने जैसे मौसम में मिठास घोल दी। गर्मी और उमस से परेशान दिल्ली-एनसीआर के लोगों ने राहत की सांस ली। लेकिन जैसे-जैसे दिन चढ़ा, यही राहत कई लोगों के लिए परेशानी में बदल गई। बारिश जहां दिल को भाने वाली थी, वहीं सड़कों पर जाम में फंसे लोगों के चेहरे पर थकान और झुंझलाहट साफ देखी जा सकती थी।
लगातार बारिश ने किया बेहाल
शुक्रवार की सुबह जब दिल्ली-एनसीआर में तेज बारिश शुरू हुई, तो कई लोगों ने खिड़कियों से झांककर इस नज़ारे का आनंद लिया। मौसम ठंडा और सुहावना हो गया था, हवाओं में ताजगी घुल गई थी। लेकिन कुछ ही घंटों में जैसे तस्वीर बदल गई। शहर की सड़कों पर पानी भर गया, खासतौर पर निचले इलाकों में। कई जगहों पर तो हालत ऐसी हो गई कि गाड़ियाँ बंद हो गईं और लोग पैदल ही कीचड़ और पानी से जूझते हुए आगे बढ़ते नजर आए।
ऑफिस और स्कूल जाने वालों की बढ़ी मुश्किलें
बारिश के कारण सबसे ज्यादा परेशानी उन लोगों को हुई जो रोज़ाना की ज़िन्दगी में समय से ऑफिस या स्कूल पहुंचने की कोशिश करते हैं। ट्रैफिक इतना ज्यादा था कि कई जगहों पर वाहन रेंग-रेंग कर चल रहे थे। कुछ लोग तो ऑफिस पहुँचने से पहले ही थक गए। बच्चों को स्कूल छोड़ने जा रहे माता-पिता को भी पानी और ट्रैफिक दोनों से दो-दो हाथ करने पड़े। कई स्कूल बसें देर से पहुंचीं, जिससे बच्चों को भी परेशानी का सामना करना पड़ा।
जलभराव ने खोली सिस्टम की पोल
हर साल की तरह इस बार भी पहली तेज बारिश ने नगर निगम और प्रशासन की तैयारियों की पोल खोल दी। सड़कों पर जमा पानी ने दिखा दिया कि ड्रेनेज सिस्टम किस हद तक फेल है। जिस राजधानी को स्मार्ट सिटी बनाने के सपने दिखाए जा रहे हैं, वहां की मुख्य सड़कों पर गड्ढों में तब्दील हो जाना किसी चिंता से कम नहीं। नालियों की सफाई समय पर नहीं होने का खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ा।
मन तो खुश हुआ, लेकिन शरीर थक गया
बारिश के मौसम का एक अलग ही रोमांस होता है। गरम चाय, पकौड़े, और ठंडी-ठंडी हवा ये सब मिलकर दिन को खास बना देते हैं। लेकिन जब आप सड़क पर घंटों फंसे रहें, गीले कपड़ों में ऑफिस पहुंचे या कीचड़ में फिसलते-फिसलते स्कूल पहुँचें, तो यही रोमांस थकान और परेशानी में बदल जाता है। दिल्ली-एनसीआर के लोगों ने आज यही अनुभव किया दिल तो खुश हुआ, पर शरीर थक गया।
ये भी पढ़ें- व्हिस्की के पैग में अच्छे स्वाद के लिए कितना पानी मिलाना चाहिए? जानें क्या कहती है स्टडी