भारत में तबाही मचाने आ रहा है ‘मोंथा चक्रवात’! इन शहरों पर होगा असर, मौसम विभाग ने जारी किया अलर्ट

Cyclone Montha

Cyclone Montha: भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने चेतावनी जारी की है कि बंगाल की खाड़ी में विकसित हो रहा एक गहरा दबाव क्षेत्र अगले 48 घंटों में एक गंभीर चक्रवाती तूफान “मोंथा” (Cyclone MONTHA) का रूप ले सकता है। यह तूफान इस समय दक्षिण-पूर्वी बंगाल की खाड़ी के ऊपर सक्रिय है और तेजी से उत्तर-पश्चिम दिशा की ओर बढ़ रहा है। मौसम विशेषज्ञों के मुताबिक, यह 26 अक्टूबर की शाम या 27 अक्टूबर की सुबह तक आंध्र प्रदेश के तट से टकरा सकता है, जिसके बाद इसके असर से दक्षिण और पूर्वी भारत के कई हिस्सों में भारी बारिश और तेज हवाओं का दौर शुरू होगा।

कैसे बना ‘मोंथा’ चक्रवात? (Cyclone Montha)

IMD के अनुसार, बंगाल की खाड़ी के दक्षिण-पूर्व हिस्से में पिछले कुछ दिनों से निम्न दबाव का क्षेत्र (Low Pressure Area) सक्रिय था, जो अब गहरे दबाव (Deep Depression) में बदल चुका है। उपग्रह चित्रों और रडार विश्लेषण से यह संकेत मिला है कि यह सिस्टम तेजी से ताकतवर हो रहा है और जल्द ही गंभीर चक्रवाती तूफान (Severe Cyclonic Storm) बन जाएगा।

‘मोंथा’ का केंद्र वर्तमान में अंडमान सागर से पश्चिम की ओर बढ़ रहा है और इसके 27 अक्टूबर तक पूर्ण चक्रवात बनने की संभावना है। 28 अक्टूबर तक इसके गंभीर रूप लेने का अनुमान है।

कहां-कहां मचेगी तबाही?

‘मोंथा’ चक्रवात का सबसे ज्यादा असर आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, तेलंगाना, ओडिशा और छत्तीसगढ़ में देखने को मिलेगा। इसके अलावा केरल, कर्नाटक, रायलसीमा और माहे क्षेत्र में भी बारिश और तेज हवाओं की चेतावनी जारी की गई है।

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IMD की रिपोर्ट के मुताबिक: Cyclone Montha

  • रायलसीमा, तमिलनाडु, केरल और माहे में 27 और 28 अक्टूबर को भारी से बहुत भारी बारिश हो सकती है।
  • तटीय आंध्र प्रदेश और यनम क्षेत्र में 26 से 30 अक्टूबर तक बारिश का दौर चलेगा, कुछ इलाकों में बाढ़ जैसी स्थिति बन सकती है।
  • तेलंगाना और ओडिशा में 27 से 30 अक्टूबर के बीच बारिश और आंधी की संभावना है।
  • छत्तीसगढ़ में भी 27 से 30 अक्टूबर तक व्यापक वर्षा की भविष्यवाणी की गई है।
  • तटीय कर्नाटक में 26 से 28 अक्टूबर तक समुद्र में ऊंची लहरें और तेज हवाओं का खतरा रहेगा।

मौसम विभाग ने मछुआरों को समुद्र में न जाने की सख्त हिदायत दी है और संवेदनशील तटीय इलाकों में रेड और ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है।

उत्तर भारत पर कैसा रहेगा असर

हालांकि ‘मोंथा’ चक्रवात का सबसे ज्यादा असर दक्षिणी राज्यों में होगा, लेकिन इसका अप्रत्यक्ष प्रभाव उत्तर भारत के मौसम पर भी दिखाई देगा। हिमालय क्षेत्र में सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ (Western Disturbance) के चलते दिल्ली, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, हरियाणा, बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश के कुछ इलाकों में हल्की बारिश या बूंदाबांदी हो सकती है।

दिल्ली NCR और पश्चिमी यूपी में 27-28 अक्टूबर को आसमान बादलों से घिरा रहेगा।

बिहार के दक्षिणी हिस्सों जैसे गया, औरंगाबाद, नवादा और भागलपुर में मोंथा का असर ज्यादा रहेगा, जहां मध्यम बारिश की संभावना है।

पंजाब, हरियाणा और राजस्थान में मौसम शुष्क रहेगा, लेकिन तापमान में गिरावट दर्ज की जाएगी।

मोंथा की गति और दिशा

मौसम विभाग ने बताया है कि ‘मोंथा’ तूफान फिलहाल उत्तर-पश्चिम दिशा की ओर बढ़ रहा है और 26 अक्टूबर की शाम या 27 अक्टूबर की सुबह तक यह आंध्र प्रदेश के तटीय इलाकों से टकराएगा। टकराने के बाद यह सिस्टम कमजोर होते हुए छत्तीसगढ़ और ओडिशा की ओर बढ़ेगा।

हवा की गति:

  • टकराने के समय हवा की रफ्तार 100 से 120 किमी/घंटा तक पहुंच सकती है।
  • तटीय आंध्र प्रदेश, ओडिशा और उत्तर तमिलनाडु के समुद्र तटों पर तेज लहरें (high sea waves) और तूफानी हवाएं चलने की संभावना है।
  • इस दौरान तटीय इलाकों में पेड़ गिरने, बिजली कटने और फसलों के नुकसान की आशंका जताई गई है।

राज्य सरकारों को अलर्ट मोड पर रखा गया है। राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) और भारतीय नौसेना की टीमें तैनात कर दी गई हैं।

मध्य-पूर्वी अरब सागर में भी सक्रिय

IMD के अनुसार, अरब सागर के मध्य-पूर्वी हिस्से में भी एक कम दबाव का क्षेत्र (Low Pressure Area) बन रहा है, जो अगले कुछ दिनों में गहराने की संभावना है। हालांकि इसका भारत के तटीय इलाकों पर प्रत्यक्ष असर कम रहेगा, लेकिन यह पश्चिमी तटों पर हवा की नमी और आर्द्रता बढ़ा सकता है, जिससे मुंबई, गोवा और कर्नाटक के कुछ हिस्सों में हल्की बारिश दर्ज की जा सकती है।

क्यों रखा गया नाम ‘मोंथा’?

इस चक्रवाती तूफान का नाम ‘मोंथा’ (Montha) थाईलैंड द्वारा दिया गया है। थाई भाषा में इसका अर्थ होता है “सुंदर फूल” या “सुगंधित फूल”।

दरअसल, चक्रवातों के नामकरण की प्रक्रिया WMO/ESCAP (World Meteorological Organization / Economic and Social Commission for Asia and the Pacific) के अंतर्गत होती है। इसके तहत 13 सदस्य देशों- भारत, बांग्लादेश, ईरान, मालदीव, म्यांमार, ओमान, पाकिस्तान, कतर, श्रीलंका, थाईलैंड, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात और यमन की बारी-बारी से सुझाए गए नामों में से चयन किया जाता है।

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