हिमाचल के बिलासपुर में फटा बादल, मंडी में लैंडस्लाइड, कई गाड़ियां और घर मलबे में दबे

हिमाचल के बिलासपुर में फटा बादल, मंडी में लैंडस्लाइड, कई गाड़ियां और घर मलबे में दबे

जब पहाड़ों में पानी का सैलाब बरसता है, तो उसकी खूबसूरती भी डर का रूप ले लेती है। हिमाचल प्रदेश, जो आमतौर पर अपनी शांत वादियों और सुहावने मौसम के लिए जाना जाता है, इन दिनों कुदरत के कहर से कांप रहा है। जहां एक ओर लोगों को गर्मी से राहत देने वाला मानसून आमतौर पर खुशियां लाता है, वहीं इस बार वह अपने साथ तबाही लेकर आया है।

बिलासपुर में फटा बादल, गाड़ियां और घर मलबे में दबे

हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिले के नम्होल क्षेत्र में शुक्रवार देर रात एक भयानक हादसा हुआ, जब वहां बादल फट गया। देखते ही देखते, तेज़ बारिश के साथ भारी मलबा सड़कों और लोगों की गाड़ियों पर आ गिरा। 10 से ज्यादा वाहन इस मलबे में दब गए, कई घरों को नुकसान पहुंचा और सड़कें पूरी तरह से तबाह हो गईं।

स्थानीय लोगों के मुताबिक, अचानक तेज़ आवाज़ के साथ पहाड़ से मलबा और पानी नीचे आया और जिसने जो कुछ भी रास्ते में था, उसे बहा ले गया। जिन लोगों की गाड़ियां मलबे में दब गईं, उनके लिए यह रात किसी बुरे सपने से कम नहीं थी।

मंडी के सपड़ी रोह गांव में लैंडस्लाइड

शनिवार की सुबह करीब 4 बजे, मंडी जिले के धर्मपुर क्षेत्र के सपड़ी रोह गांव में भूस्खलन (लैंडस्लाइड) हुआ। कई घर मलबे से घिर गए, जिससे ग्रामीणों में अफरा-तफरी मच गई। प्रशासन ने तत्परता दिखाते हुए 8 घरों को खाली करवाया और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया।

गांव के बुजुर्ग बताते हैं कि उन्होंने ऐसा मंजर पहले कभी नहीं देखा। घरों की दीवारों में दरारें पड़ गई हैं और ज़मीन खिसकने की आवाज़ें अब भी कानों में गूंज रही हैं।

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हिमाचल में बाढ़ और बारिश से अब तक 386 मौतें

हिमाचल प्रदेश इस साल भारी बारिश की मार झेल रहा है। अब तक राज्य में बाढ़ और बारिश से जान गंवाने वालों की संख्या 386 तक पहुंच चुकी है। आमतौर पर हिमाचल में 1 जून से 12 सितंबर तक 678.4 मिमी बारिश होती है, लेकिन इस बार 967.2 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई है – यानी सामान्य से 43% ज्यादा।

सितंबर महीने में ही, एक से 12 तारीख तक 150.4 मिमी बारिश हो चुकी है, जबकि इस अवधि की सामान्य बारिश मात्र 64.6 मिमी होती है। यानी इस महीने अब तक 133% अधिक बारिश हुई है।

जिलों की बात करें तो, कुल्लू में सामान्य से 363 मिमी, सोलन में 256 मिमी, ऊना में 241 मिमी और शिमला में 231 मिमी ज्यादा बारिश हो चुकी है। इन आंकड़ों से साफ है कि हिमाचल इस वक्त एक जलप्रलय से जूझ रहा है।

उत्तर भारत में भी आफत की बारिश

केवल हिमाचल ही नहीं, बल्कि उत्तर प्रदेश में भी बारिश और बाढ़ की स्थिति भयावह हो चुकी है। उन्नाव जिले में गंगा नदी खतरे के निशान से 23 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है। यहां 80 से ज्यादा गांवों में पानी घुस चुका है और 100 से ज्यादा परिवार बेघर हो चुके हैं।

फर्रुखाबाद जिले में गंगा के किनारों का कटान इतना तेज़ हो गया है कि ग्रामीण खुद ही अपने मकान तोड़ने पर मजबूर हो गए हैं। मकान की ईंटें और सरिया निकालकर सुरक्षित जगहों पर ले जाई जा रही हैं, ताकि बाढ़ में सब कुछ न बह जाए।

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