सनातन धर्म में कार्तिक मास का विशेष महत्व माना गया है। यह महीना पावन पर्वों और उत्सवों से भरा रहता है। इस वर्ष 21 अक्टूबर 2025 को कृष्ण पक्ष की अमावस्या समाप्त होने के बाद शुक्ल पक्ष का आरंभ हो जाएगा। इसके साथ ही घर-घर में लोक आस्था के महापर्व छठ पूजा 2025 की तैयारियां शुरू हो जाएंगी। पंचांगों में तिथियों के अंतर के कारण हर वर्ष छठ पूजा की तारीखों को लेकर कुछ भ्रम की स्थिति रहती है।
इस वर्ष छठ व्रत 2025 कब है, नहाय-खाय, खरना और अर्घ्य किस दिन होंगे — आइए जानते हैं विस्तार से।
Chhath Puja 2025 की सही तिथियां
पुरोहितों और पंचांग गणना के अनुसार इस बार छठ पर्व की शुरुआत शनिवार, 25 अक्टूबर 2025 से होगी।
25 अक्टूबर (शनिवार): नहाय-खाय
26 अक्टूबर (रविवार): लोहंडा और खरना
27 अक्टूबर (सोमवार): संध्या अर्घ्य (डूबते सूर्य को अर्घ्य शाम 5:10 से 5:58 बजे तक)
28 अक्टूबर (मंगलवार): प्रातःकालीन अर्घ्य (उदीयमान सूर्य को अर्घ्य सुबह 5:33 से 6:30 बजे तक)
इसी दिन, 28 अक्टूबर को, व्रती अर्घ्य अर्पण के बाद छठ व्रत का पारण करेंगे और पूजा का समापन होगा।
Chhath 2025: शुभ योग और ग्रह संयोग
वैदिक ज्योतिष के अनुसार, इस बार छठ पूजा के दिनों में ग्रह-नक्षत्रों का अत्यंत शुभ संयोग बन रहा है। इस अवधि में सूर्य उपासना और छठी मइया की आराधना से हर मनोकामना पूर्ण होने की मान्यता है। कहा जाता है कि इस पावन अवसर पर श्रद्धापूर्वक सूर्य देव को अर्घ्य देने से जीवन के सभी कष्ट दूर होते हैं और सुख-समृद्धि प्राप्त होती है।
बूढ़ानाथ मंदिर के पुजारी पंडित भूपेश मिश्रा के अनुसार, 2025 के छठ व्रत में सूर्योपासना का विशेष फल मिलेगा। यह पर्व न केवल लोक आस्था का प्रतीक है बल्कि यह शुद्धता, आत्मसंयम और श्रद्धा का महापर्व भी है।
कार्तिक मास 2025: त्योहारों से सजा रहेगा पूरा महीना
अमावस्या के बाद 21 अक्टूबर 2025 से कार्तिक शुक्ल पक्ष की शुरुआत होगी और 5 नवंबर 2025 को कार्तिक पूर्णिमा के साथ इसका समापन होगा।
इस बीच कई प्रमुख त्योहार मनाए जाएंगे —
30 अक्टूबर (गुरुवार): अक्षय नवमी
1 नवंबर (शनिवार): देवउठनी एकादशी
2 नवंबर (रविवार): तुलसी विवाह
5 नवंबर (बुधवार): गंगा स्नान और कार्तिक पूर्णिमा
इस प्रकार, धनतेरस, दीपावली और छठ पूजा से लेकर देवउठनी एकादशी तक पूरा कार्तिक मास उत्सव और श्रद्धा का संगम रहेगा।
Chhath Puja 2025: सूर्योपासना का अद्भुत पर्व
चार दिनों तक चलने वाला छठ व्रत स्वच्छता, सात्विकता और आस्था का संदेश देता है। इस दौरान गलियों और घाटों में छठी मइया के गीतों की गूंज सुनाई देती है। व्रती पूरे मनोयोग से सूर्य देव और छठी मइया की पूजा करते हैं ताकि परिवार में सुख-शांति और समृद्धि बनी रहे।
छठ पूजा 2025 केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि यह लोक संस्कृति, भक्ति और अनुशासन का महापर्व है जो समाज में एकता और श्रद्धा का संदेश फैलाता है।