GST स्लैब में बदलाव से 10% घटेंगे जरूरी चीजों के दाम, सीमेंट से टीवी, फ्रिज तक होंगे सस्ते, देखें लिस्ट

GST Tax Slab
GST Tax Slab

नई दिल्ली: देश में महंगाई की मार झेल रही आम जनता के लिए एक बड़ी राहत की खबर आई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले से ‘नेक्स्ट जेन GST’ यानी GST 2.0 का ऐलान कर दिया। इस घोषणा को उन्होंने “दिवाली गिफ्ट” करार दिया, और इसके लागू होते ही लाखों वस्तुएं सस्ती हो जाएंगी।

यह सुधार न सिर्फ घर के बजट को हल्का करेगा, बल्कि बाजार में खपत भी बढ़ाएगा। हर तबके के लोगों को इस फैसले से फायदा होगा, चाहे वो किसान हो, नौकरीपेशा हो, व्यापारी हो या कोई सामान्य उपभोक्ता।

GST स्लैब का बड़ा बदलाव

अब तक देश में चार GST स्लैब लागू थे- 5%, 12%, 18% और 28%। लेकिन अब सरकार इसे सरलीकृत करने जा रही है। प्रस्तावित सुधारों के तहत केवल दो स्लैब बचेंगे- 5% और 18%। इसका मतलब है कि 12% टैक्स वाली अधिकतर वस्तुएं अब 5% में आ जाएंगी और 28% टैक्स वाली अधिकतर वस्तुएं 18% में।

इस बदलाव से न सिर्फ सामान सस्ते होंगे, बल्कि टैक्स प्रक्रिया भी आसान हो जाएगी। लोग कम टैक्स में ज्यादा खरीद सकेंगे, जिससे बाजार में मांग बढ़ेगी और अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।

रोजमर्रा की चीजें 7% तक सस्ती होंगी

अब जब 12% टैक्स वाली वस्तुएं 5% में आ जाएंगी, तो यह सीधे-सीधे आम आदमी के जीवन को राहत देगी। खाने-पीने से लेकर घरेलू उपयोग की तमाम वस्तुएं जैसे ड्राय फ्रूट्स, फ्रूट जूस, साबुन, टूथपेस्ट, हेयर ऑयल, ब्रांडेड नमकीन, सामान्य दवाइयां, किचन अप्लायंसेज़ और साइकिल तक सस्ती हो जाएंगी।

अब सोचिए, एक परिवार जो महीने में नियमित तौर पर ये सामान खरीदता है, वो साल भर में हजारों रुपये की बचत कर सकेगा। बच्चों की पढ़ाई से जुड़ी चीजें जैसे ज्योमेट्री बॉक्स, नक्शे और ग्लोब भी सस्ते होंगे। छोटे दुकानदारों से लेकर स्कूल के बच्चे तक सभी को इसका लाभ मिलेगा।

घरेलू अप्लायंसेज़ से लेकर सीमेंट तक सस्ते होंगे

बड़ी राहत की बात ये है कि 28% टैक्स के दायरे में आने वाली वस्तुएं जैसे टीवी, फ्रिज, वॉशिंग मशीन, एसी, सीमेंट, ब्यूटी प्रोडक्ट्स और चॉकलेट जैसी चीजें अब 18% स्लैब में लाई जाएंगी। यानी ये सामान अब 10% तक सस्ते हो जाएंगे।

उदाहरण के तौर पर अगर आप एक 80 हजार रुपए की टीवी खरीदते हैं तो अब वो लगभग 8 हजार रुपए तक सस्ती हो सकती है। सीमेंट की एक बोरी 350 रुपए की है, वो अब करीब 28 रुपए सस्ती हो जाएगी। इससे न केवल आम उपभोक्ता को राहत मिलेगी, बल्कि रियल एस्टेट सेक्टर और निर्माण उद्योग को भी जबरदस्त फायदा होगा।

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बीमा भी होगा सस्ता, सुरक्षा की पहुंच हर घर तक

जीवन बीमा और स्वास्थ्य बीमा जैसी जरूरी सेवाओं पर अभी 18% GST लगता है। लेकिन सरकार की योजना इसे घटाकर 5% करने की है, या जरूरत पड़ी तो इसे शून्य प्रतिशत तक किया जा सकता है।

इससे अधिक लोग बीमा खरीदने के लिए प्रेरित होंगे। खासकर मध्यम और निम्न वर्ग के लिए यह फैसला बहुत मायने रखता है। हर किसी को हेल्थ कवर और जीवन सुरक्षा मिल सकेगी, और कोई भी इलाज या संकट की घड़ी में आर्थिक बोझ से नहीं दबेगा।

GST रिफंड की प्रक्रिया होगी आसान

GST रिफंड अब Income Tax रिटर्न जितना ही आसान होने जा रहा है। इसके लिए अलग से आवेदन नहीं करना होगा। रिटर्न फाइल करते ही ऑटोमैटिक रिफंड की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। रिटर्न भी प्री-फिल्ड फॉर्मेट में मिलेगा, जिससे गलती की संभावना कम होगी।

छोटे व्यापारियों, निर्यातकों और टेक्सटाइल उद्योग जैसे क्षेत्रों में यह बदलाव गेमचेंजर साबित हो सकता है। इससे ना केवल सिस्टम पारदर्शी होगा, बल्कि समय की भी बचत होगी।

टेक्सटाइल और फर्टिलाइज़र उद्योग को राहत

कपड़े और जूते-चप्पल जैसे उद्योगों को लंबे समय से टैक्स ढांचे में असंतुलन का सामना करना पड़ रहा था। कच्चे माल पर टैक्स ज्यादा और तैयार माल पर कम टैक्स लगने से इनपुट टैक्स क्रेडिट जमा होता जा रहा था।

अब इस ‘इनवर्टेड ड्यूटी स्ट्रक्चर’ को सुधारा जाएगा। कपड़ों और जूतों पर एक समान टैक्स लगेगा, जिससे लागत घटेगी और कीमतें भी कम होंगी। यही स्थिति फर्टिलाइज़र उद्योग में भी देखने को मिलेगी, जिससे किसानों को राहत मिलेगी। सस्ता खाद मतलब सस्ती खेती और इसका असर सीधा आम उपभोक्ता पर पड़ेगा।

2047 तक टैक्स सिस्टम होगा एक समान

सरकार का लक्ष्य है कि 2047 तक पूरे देश में एक समान टैक्स स्लैब लागू हो। यह बदलाव उसी दिशा में पहला मजबूत कदम है। एक साधारण और समान टैक्स सिस्टम देश की अर्थव्यवस्था को गति देगा और ईमानदार करदाताओं के लिए टैक्स भरना एक सहज प्रक्रिया बनेगा।

लग्जरी वस्तुओं पर नहीं लगेगा कंपनसेशन सेस

अब तक अल्ट्रा लग्जरी वस्तुओं पर कंपनसेशन सेस लगता था, जो 204% तक पहुंच जाता था। इसे अब खत्म किया जा रहा है। सरकार इसकी जगह तंबाकू, ऑनलाइन गेमिंग, और लग्जरी उत्पादों पर 40% की विशेष दर लागू करने की योजना बना रही है। इससे टैक्स व्यवस्था सरल होगी और सरकार को राजस्व की कमी नहीं झेलनी पड़ेगी।

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