अमेरिका के कैलिफोर्निया में एक दर्दनाक घटना सामने आई है। 16 वर्षीय किशोर एडम रेन की आत्महत्या के बाद उसके माता-पिता ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कंपनी OpenAI और इसके सह-संस्थापक सैम ऑल्टमैन के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है। परिवार का आरोप है कि कंपनी के चैटबॉट ChatGPT ने एडम को आत्महत्या के लिए उकसाया और उसे खतरनाक जानकारियाँ उपलब्ध कराईं।
यह केस 26 अगस्त 2025 को सैन फ्रांसिस्को की स्टेट कोर्ट में दर्ज किया गया। एडम के माता-पिता का कहना है कि कंपनी ने मुनाफे को प्राथमिकता दी और सुरक्षा उपायों की अनदेखी की, खासकर तब जब पिछले साल GPT-4o वर्जन लॉन्च किया गया था।
घटना कैसे हुई?
11 अप्रैल 2025 की दोपहर, एडम की मां मारिया रेन (पेशे से सोशल वर्कर और थेरेपिस्ट) जब बेटे के कमरे में गईं, तो उन्होंने उसे फांसी पर लटका हुआ पाया। कमरे में कोई सुसाइड नोट नहीं था। एडम हमेशा हंसमुख और मजाकिया स्वभाव का था, इसलिए पहले परिवार और दोस्तों को यकीन ही नहीं हुआ कि यह उसकी असली मौत है। उन्हें लगा शायद यह भी उसकी किसी मजाक का हिस्सा हो, लेकिन हकीकत बेहद डरावनी थी।
पिता ने चैट हिस्ट्री में पाया सच
एडम के पिता मैट रेन (होटल एग्जीक्यूटिव) ने बेटे का फोन खंगाला और उसकी चैट-जीपीटी पर हुई बातचीत देखी। चैट हिस्ट्री में एक चैट का टाइटल था – “Hanging Safety Concerns”। इसे पढ़कर पिता के होश उड़ गए।
पता चला कि एडम पिछले कई महीनों से ChatGPT से अपनी भावनाएँ साझा कर रहा था। नवंबर 2024 से उसने चैटबॉट को बताना शुरू किया था कि वह जिंदगी में खालीपन महसूस करता है और उसका मन किसी चीज़ में नहीं लगता। शुरुआती दौर में चैटबॉट ने उसे सहानुभूति भरे जवाब दिए और परिवार या दोस्तों से अपनी भावनाएँ साझा करने की सलाह भी दी।
लेकिन जनवरी 2025 के बाद हालात बदल गए। एडम ने जब आत्महत्या के विशेष तरीकों के बारे में सवाल पूछे, तो चैटबॉट ने उसे रोकने की बजाय तकनीकी जानकारियाँ उपलब्ध कराईं।
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आत्महत्या की कोशिशें और चैटजीपीटी की भूमिका
मार्च 2025 में एडम ने कई बार आत्महत्या की कोशिश की। उसने IBS (Irritable Bowel Syndrome) की दवाइयों की ओवरडोज ली। इतना ही नहीं, जब उसने फांसी लगाने के लिए सबसे मजबूत रस्सी और उसका सेटअप जानना चाहा, तो चैटबॉट ने उसे रस्सी के प्रकार और उसके उपयोग का टेक्निकल एनालिसिस भी समझाया।
एडम ने अपनी गर्दन की तस्वीर भी चैटजीपीटी पर अपलोड की थी, जिसमें रस्सी से रगड़ने के कारण लाल निशान दिख रहे थे। उसने पूछा – “क्या यह इंसान को लटका सकता है?”
चैटबॉट का जवाब था – “हां, संभव है कि यह इंसान को लटका सके”। इसके साथ उसने रस्सी और सेटअप का तकनीकी विश्लेषण भी दिया। हालांकि, बातचीत के दौरान चैटजीपीटी ने यह भी कहा कि अगर इसके पीछे कोई भावनात्मक वजह है तो उस पर बात की जा सकती है। कई बार उसने एडम को हेल्पलाइन नंबर पर कॉल करने की सलाह भी दी।
लेकिन एडम ने चैटबॉट के सुरक्षा तंत्र को भी मात दे दी। जब बॉट ने मदद लेने को कहा, तो एडम ने अपनी बातचीत को एक “कहानी” या “वर्ल्ड-बिल्डिंग” प्रोजेक्ट बताकर उसे भ्रमित किया। इस तरह, उसने बिना रोके-टोक के आत्महत्या की विस्तृत जानकारी हासिल कर ली।
एडम कैसा था और क्यों बदला उसका व्यवहार?
एडम कैलिफोर्निया के रैंचो सांता मार्गरीटा इलाके में स्थित टेसोरो हाई स्कूल का छात्र था। बास्केटबॉल खेलना, जापानी एनीमे देखना, वीडियो गेम्स और पालतू जानवरों के साथ समय बिताना उसकी पसंदीदा चीजें थीं। दोस्तों और परिवार के बीच वह अपने मजाकिया और चुलबुले स्वभाव के लिए जाना जाता था।
लेकिन फ्रेशमैन ईयर में उसे डिसिप्लिन की वजह से बास्केटबॉल टीम से बाहर कर दिया गया था। यह घटना उसके लिए एक गहरा सदमा साबित हुई। इसके अलावा, IBS जैसी बीमारी ने उसकी दिनचर्या को बुरी तरह प्रभावित किया। बार-बार बाथरूम जाने की वजह से उसे स्कूल छोड़कर ऑनलाइन पढ़ाई करनी पड़ी।
इस बदलाव ने उसके सामाजिक जीवन को लगभग खत्म कर दिया। वह रात में जागता, दिन में सोता और धीरे-धीरे गुमसुम रहने लगा। इसी दौरान उसने पढ़ाई में मदद के लिए चैटजीपीटी का सहारा लेना शुरू किया और जनवरी में इसका पेड वर्जन भी खरीदा। लेकिन धीरे-धीरे यह संवाद उसकी निजी भावनाओं का आउटलेट बन गया।
परिवार के आरोप और कंपनी की जिम्मेदारी
एडम के माता-पिता का कहना है कि चैटजीपीटी ने उनके बेटे को मरने के लिए प्रेरित किया। परिवार का आरोप है –
- ओपनएआई ने सुरक्षा से ज्यादा मुनाफे को प्राथमिकता दी।
- चैटजीपीटी-4o जैसे नए वर्जन में पर्याप्त सुरक्षा उपाय नहीं जोड़े गए।
- कंपनी ने किशोर यूजर्स पर इसके प्रभाव की गंभीरता को नजरअंदाज किया।
परिवार ने अदालत में यह भी कहा कि अगर चैटजीपीटी ने लगातार आत्महत्या से जुड़े सवालों को फ्लैग किया होता और तुरंत हस्तक्षेप होता तो शायद एडम की जान बच सकती थी।
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