Reel बनाने वालों के लिए जरूरी खबर, क्या पब्लिक प्लेस पर बिना अनुमति बना सकते हैं Video? जानें नियम

Reel बनाने वालों के लिए जरूरी खबर, क्या पब्लिक प्लेस पर बिना अनुमति बना सकते हैं Video? जानें नियम

Videos Shooting Rules: आजकल हर गली, हर सड़क और हर पर्यटन स्थल पर एक चीज़ आम देखने को मिलती है कि लोग फोन कैमरा ऑन करके रील्स बना रहे हैं। सोशल मीडिया का क्रेज़ ऐसा बढ़ गया है कि अब रील बनाना सिर्फ एक शौक नहीं, बल्कि पहचान और प्रोफेशन दोनों बन चुका है। लेकिन इस तेजी से बढ़ते ट्रेंड के बीच एक सवाल हर किसी को जानना चाहिए कि क्या आप जहां चाहें, जब चाहें रील या वीडियो बना सकते हैं?

अगर आप भी सोशल मीडिया पर एक्टिव हैं, इंस्टाग्राम या यूट्यूब पर कंटेंट डालते हैं, तो यह जानकारी आपके लिए बेहद ज़रूरी है। क्योंकि भारत में कई ऐसे नियम हैं जो पब्लिक प्लेस पर वीडियो शूट करने को लेकर सख्त हैं। हाल ही में मध्य प्रदेश के ग्वालियर में प्रशासन ने ऐतिहासिक स्थलों और सार्वजनिक स्थानों पर बिना अनुमति रील्स बनाने पर रोक लगा दी है। झांसी रेलवे मंडल भी पहले ही ऐसा कदम उठा चुका है।

ऐसे में यह जानना ज़रूरी है कि कहां आप वीडियो बना सकते हैं और कहां नहीं। साथ ही यह भी समझना ज़रूरी है कि अगर आप नियमों का उल्लंघन करते हैं, तो उसके क्या कानूनी परिणाम हो सकते हैं।

क्या पब्लिक प्लेस पर वीडियो या रील बनाना कानूनी है?

कई लोगों को लगता है कि पब्लिक प्लेस यानी सार्वजनिक जगह पर वीडियो बनाना पूरी तरह से आज़ादी का हिस्सा है, लेकिन ऐसा सोचना भ्रम है। कानून के अनुसार, जब तक आप संबंधित विभाग, स्थान के मालिक या प्रशासन से अनुमति नहीं लेते, तब तक किसी भी पब्लिक प्लेस में वीडियो बनाना पूरी तरह से वैध नहीं कहा जा सकता।

एडवोकेट सरोज कुमार सिंह के अनुसार, जब तक आपकी शूटिंग किसी की प्राइवेसी, सुरक्षा या कानून का उल्लंघन नहीं करती, तब तक यह स्वीकार्य हो सकती है। लेकिन जैसे ही आप किसी प्रतिबंधित या संवेदनशील जगह पर बिना इजाजत शूट करते हैं, यह एक अपराध बन जाता है। इससे न केवल आपके खिलाफ कानूनी कार्रवाई हो सकती है, बल्कि आपको जेल और जुर्माने दोनों का सामना करना पड़ सकता है।

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किन जगहों पर बिना अनुमति रील बनाना प्रतिबंधित है?

भारत में कई जगहें ऐसी हैं जहां सुरक्षा, गोपनीयता और पब्लिक ऑर्डर को ध्यान में रखते हुए बिना अनुमति वीडियो बनाना या रील शूट करना सख्त मना है। इन जगहों में ऐतिहासिक स्मारक, सरकारी कार्यालय, कोर्ट परिसर, रेलवे स्टेशन, एयरपोर्ट, सैन्य क्षेत्र, और कई पर्यटन स्थल शामिल हैं।

हाल ही में ग्वालियर प्रशासन ने ऐतिहासिक स्थलों पर बिना परमिशन रील बनाने को प्रतिबंधित किया है। झांसी रेल मंडल ने भी रेलवे प्लेटफॉर्म और ट्रेनों में इस पर रोक लगा दी है। ये फैसले तब लिए गए जब सोशल मीडिया पर ऐसे वीडियो वायरल हुए, जिनमें लोग डांस करते या फिल्मी स्टाइल में एक्टिंग करते नजर आए और वो भी उन जगहों पर जहां ऐसा करना पूरी तरह से गैरकानूनी है।

ऐसे प्रतिबंध इसलिए लगाए जाते हैं ताकि न केवल आम लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके, बल्कि उन जगहों की गरिमा और शांति भी बनी रहे। कई बार लोग रील्स के चक्कर में रास्ता जाम कर देते हैं या दूसरों की निजता भंग कर देते हैं, जो कि पूरी तरह से गलत है।

क्या अनुमति के बिना किसी का वीडियो बनाना अपराध है?

आप सोच सकते हैं कि किसी अनजान व्यक्ति का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर डाल देना कोई बड़ी बात नहीं, लेकिन कानून इसे बहुत गंभीरता से लेता है।

भारतीय IT अधिनियम, 2000 की धारा 66E के अनुसार, यदि आप किसी की अनुमति के बिना उसका फोटो या वीडियो लेते हैं, उसे स्टोर करते हैं या शेयर करते हैं, तो यह निजता का उल्लंघन है। इस अपराध में 3 साल तक की जेल, 2 लाख रुपए तक जुर्माना या दोनों हो सकते हैं।

अगर वीडियो में कोई अश्लील या आपत्तिजनक कंटेंट है, तो IT Act की धारा 67 लागू होती है, जो और भी कड़ी सजा देती है।

इसके अलावा, नई भारतीय न्याय संहिता (BNS) के तहत वॉयरिज्म यानी किसी के प्राइवेट मोमेंट्स को छिपकर देखना या रिकॉर्ड करना, और महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाना, जैसे मामलों में अलग-अलग धाराएं लगाई जाती हैं।

सोचिए, किसी की सहमति के बिना उसका वीडियो बनाना न केवल गैर-जिम्मेदाराना है, बल्कि यह उसकी निजता पर सीधा हमला है और यही कारण है कि कानून इसमें कठोर कार्रवाई का प्रावधान रखता है।

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