चेन्नई: भारत की सैन्य ताकत के इतिहास में कई ऐसे पल आए हैं जब रणनीति, साहस और एकजुटता ने देश को गर्व से भर दिया। ऐसा ही एक पल था “ऑपरेशन सिंदूर”, जिसके बारे में थल सेनाध्यक्ष जनरल उपेंद्र द्विवेदी और वायुसेना प्रमुख एपी सिंह ने हाल ही में खुलकर बातें कीं। इस ऑपरेशन की कहानियां सिर्फ आंकड़ों और सैन्य रणनीतियों तक सीमित नहीं हैं, बल्कि इसमें सैनिकों की दृढ़ इच्छाशक्ति, अदम्य साहस और देश के लिए सब कुछ न्योछावर करने की भावना भी शामिल है।
जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने चेन्नई में हुए एक कार्यक्रम में बताया कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान सरकार ने सेना को पूरी तरह से ‘फ्रीहैंड’ दिया था। उन्होंने इस ऑपरेशन की तुलना शतरंज के खेल से की जहां हर चाल सोच-समझकर, पर अप्रत्याशित तरीके से चली जाती है।
उन्होंने कहा, “हमें नहीं पता था कि दुश्मन की अगली चाल क्या होगी और कभी-कभी हमें भी नहीं पता होता था कि हम अगले पल क्या करेंगे।” यही इस ऑपरेशन की खासियत थी हर कदम पर अप्रत्याशित रणनीति और उसी में छिपी जीत की कुंजी।
ग्रे जोन ऑपरेशन: पारंपरिक युद्ध से अलग
थल सेनाध्यक्ष ने ऑपरेशन को ग्रे जोन का नाम दिया। यह वह स्थिति होती है जब पारंपरिक युद्ध की बजाय आधुनिक, खुफिया-आधारित और रणनीतिक कदम उठाए जाते हैं। 4 अगस्त को IIT मद्रास में ‘अग्निशोध’—इंडियन आर्मी रिसर्च सेल के उद्घाटन के मौके पर उन्होंने बताया कि ऑपरेशन सिंदूर एक सुनियोजित और खुफिया जानकारी पर आधारित कार्रवाई थी, जिसने भारत की सैन्य सोच में एक बड़ा बदलाव लाया।
25 से 29 अप्रैल: पांच दिनों की निर्णायक जंग
जनरल द्विवेदी के मुताबिक, 25 अप्रैल को उत्तरी कमान का दौरा किया गया, जहां इस ऑपरेशन की विस्तृत योजना बनाई गई। लक्ष्य स्पष्ट था दुश्मन के मजबूत ठिकानों पर सटीक वार करना। नतीजा यह हुआ कि 9 में से 7 आतंकी ठिकाने तबाह कर दिए गए, और कई दुश्मन मार गिराए गए।
29 अप्रैल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात हुई। इस दौरान उन्होंने बताया कि “ऑपरेशन सिंदूर” सिर्फ एक नाम नहीं, बल्कि एक भावना बन गया, जिसने पूरे देश को एक साथ खड़ा कर दिया।
वायुसेना की ऐतिहासिक कामयाबी
बेंगलुरु में एक कार्यक्रम के दौरान वायुसेना प्रमुख एपी सिंह ने खुलासा किया कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान के पांच लड़ाकू विमान गिराए गए। इसके साथ ही एक सर्विलांस एयरक्राफ्ट को लगभग 300 किलोमीटर की दूरी से मार गिराना एक रिकॉर्ड साबित हुआ।
उन्होंने बताया कि हमारे एयर डिफेंस सिस्टम ने अद्भुत प्रदर्शन किया और पाकिस्तान उसे तोड़ पाने में नाकाम रहा। खासतौर पर हाल ही में शामिल हुआ S-400 सिस्टम इस ऑपरेशन का गेम-चेंजर साबित हुआ। पाकिस्तान के पास लंबी दूरी के ग्लाइड बम होने के बावजूद वह उनका इस्तेमाल नहीं कर सका।
बहावलपुर में तबाही: सबूत बोलते हैं
वायुसेना प्रमुख ने यह भी बताया कि पाकिस्तान के बहावलपुर में हुए हमले के पहले और बाद की तस्वीरें खुद गवाही देती हैं कि वहां कुछ भी नहीं बचा था। ये तस्वीरें सिर्फ सैटेलाइट से ही नहीं बल्कि स्थानीय मीडिया ने भी तबाह हुई इमारतों के अंदर की तस्वीरें दिखाईं, जो इस ऑपरेशन की सफलता का प्रमाण थीं।
‘अग्निशोध’: तकनीक से सशक्त सेना
इस मौके पर शुरू हुआ ‘अग्निशोध’-इंडियन आर्मी रिसर्च सेल (IARC), जो भारत की रक्षा तकनीक में बड़ा कदम है। इसका उद्देश्य सेना के जवानों को एडिटिव मैन्युफैक्चरिंग, साइबर सिक्योरिटी, क्वांटम कंप्यूटिंग, वायरलेस कम्युनिकेशन और अनमैन्ड सिस्टम जैसे क्षेत्रों में प्रशिक्षित करना है। इससे आने वाले समय में सेना तकनीकी रूप से और भी ज्यादा मजबूत और आत्मनिर्भर बनेगी।
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