New GST Rate: अगर आप सिगरेट का धुआं उड़ाते हैं या कभी-कभार जाम उठाना आपकी आदत है, तो ये खबर आपको थोड़ी परेशान कर सकती है। आने वाले दिनों में आपकी ये आदतें न सिर्फ आपकी सेहत पर भारी पड़ेंगी, बल्कि अब आपकी जेब भी इससे कराहेगी। भारत सरकार की ओर से GST दरों में बड़े बदलाव की तैयारी हो चुकी है और इसका सीधा असर शराब, सिगरेट और तंबाकू जैसी चीजों पर पड़ने वाला है।
आइए विस्तार से जानते हैं कि क्या कुछ बदलने जा रहा है, क्यों सरकार ये कदम उठा रही है और आम आदमी पर इसका क्या असर पड़ेगा।
टैक्स सिस्टम में बदलाव करने जा रही है सरकार
वित्त मंत्रालय और जीएसटी काउंसिल की एक महत्वपूर्ण बैठक 3 और 4 सितंबर को दिल्ली में होने वाली है, जहां देश की वस्तु एवं सेवा कर (GST) प्रणाली को सरल और पारदर्शी बनाने पर गंभीर चर्चा होगी। सूत्रों के मुताबिक इस बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा लाल किले से दिए गए संकेतों को ध्यान में रखते हुए GST के स्लैब सिस्टम में बड़े बदलाव की तैयारी है।
अब तक भारत में चार प्रमुख GST स्लैब हैं- 5%, 12%, 18% और 28%। लेकिन अब योजना बनाई जा रही है कि 12% और 28% स्लैब को पूरी तरह खत्म कर दिया जाए और देश में केवल 5% और 18% के दो टैक्स स्लैब ही बचें। इससे टैक्स ढांचे को न केवल सरल बनाया जा सकेगा बल्कि कारोबारी जगत और आम जनता के लिए इसे समझना और लागू करना भी आसान होगा।
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सिगरेट और तंबाकू के शौकीनों की बढ़ेगी मुश्किल
अगर आप सोच रहे हैं कि स्लैब घटने से टैक्स कम हो जाएगा, तो ये आपके लिए खुशखबरी नहीं, बल्कि उलटा साबित हो सकता है खासकर उनके लिए जो शराब, सिगरेट, तंबाकू या अन्य नशे से जुड़े उत्पादों का सेवन करते हैं।
सरकार ने संकेत दिए हैं कि सिगरेट और तंबाकू पर अब 28% नहीं, बल्कि सीधे 40% टैक्स (जिसे Sin Tax कहा जाता है) लगाने का प्रस्ताव है। यह टैक्स उन उत्पादों पर लगाया जाता है जो सेहत के लिए हानिकारक माने जाते हैं।
मतलब साफ है- अब एक सिगरेट की कीमत आपको पहले से कहीं ज्यादा चुभेगी, और शराब का पैग उठाना आपकी जेब को और हल्का कर देगा। अगर यह प्रस्ताव पास हो जाता है, तो इसे 22 सितंबर 2025 से लागू किया जा सकता है।
शराब और अल्कोहल पर भी महंगाई की मार
सिगरेट और तंबाकू के साथ-साथ शराब और दूसरे अल्कोहलिक ड्रिंक्स पर भी सरकार की नजर है। इन पर राज्य सरकारों द्वारा पहले से ही अलग-अलग दरों पर Sin Tax लगाया जाता रहा है। लेकिन अब एकीकृत GST व्यवस्था में इन उत्पादों को भी अधिक टैक्स के दायरे में लाने की तैयारी हो रही है।
सरकार का कहना है कि इस कदम से न केवल स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाने वाली चीजों पर नियंत्रण किया जाएगा, बल्कि इससे राजस्व में भी भारी इजाफा होगा, जो देश की विकास योजनाओं में लगाया जा सकेगा।
उपभोक्ताओं और व्यापारियों को मिल सकती है राहत
यह भी सच है कि टैक्स स्लैब में सुधार से छोटे व्यापारियों और उपभोक्ताओं को लाभ हो सकता है। जब सिस्टम सरल होगा, तो टैक्स की गणना और भुगतान भी आसान हो जाएगा। सरकार का इरादा कर प्रणाली को आसान, पारदर्शी और भरोसेमंद बनाने का है।
लेकिन एक सच्चाई ये भी है कि जो लोग रोजमर्रा में सिगरेट, बीड़ी, शराब या अन्य नशीली चीजों का सेवन करते हैं, उन्हें अब अपनी जेब पर ज्यादा बोझ महसूस होगा। खासतौर पर उन युवाओं के लिए ये एक झटका हो सकता है जो कॉलेज या ऑफिस के बाद सिगरेट या बीयर के साथ समय बिताते हैं।
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