SCO समिट में AI रोबोट कर रही है मेहमानों का स्वागत, 3 भाषाओं में है एक्सपर्ट, देखें Video

AI Robot in SCO Summit 2025
AI Robot in SCO Summit 2025

AI Robot in SCO Summit 2025: जब दुनिया के दिग्गज नेता एक मंच पर जुटते हैं, तो मंच की भव्यता सिर्फ विचारों से नहीं, बल्कि तकनीकी नवाचारों से भी तय होती है। चीन के तियानजिन शहर में चल रहे शंघाई सहयोग संगठन (SCO) समिट 2025 में कुछ ऐसा ही देखने को मिल रहा है। जहां एक तरफ कूटनीतिक चर्चाओं का दौर जारी है, वहीं एक AI ह्यूमनॉइड रोबोट “शियाओ हे” ने सबका ध्यान अपनी ओर खींच लिया है।

यह सिर्फ एक मशीन नहीं, बल्कि एक आत्मविश्वासी, सीखने-समझने वाली और मेहमानों की आवभगत करने वाली “डिजिटल मेज़बान” बन चुकी है। मीडिया से खुद बात कर इसने अपनी खूबियां बताईं और यह साफ कर दिया कि भविष्य अब दरवाज़े पर नहीं, हमारी आंखों के सामने खड़ा है।

शियाओ हे: 3 भाषाएं बोलने वाली डिजिटल मेज़बान

आम तौर पर रोबोटिक डेमोंस्ट्रेशन में टेक्निशियन बताते हैं कि मशीन क्या कर सकती है, लेकिन इस बार नज़ारा कुछ अलग था। शियाओ हे ने खुद माइक थामा और पत्रकारों से कहा कि वह इस सम्मेलन की खास मेज़बान है। ANI को दिए इंटरव्यू में उसने पूरे कॉन्फिडेंस के साथ बताया, “मेरा नाम शियाओ हे है, मुझे खास तौर पर SCO समिट 2025 के लिए डिजाइन किया गया है। मैं कई भाषाओं में संवाद कर सकती हूं, सही जानकारी दे सकती हूं और मेहमानों से आत्मीयता से बात कर सकती हूं।”

शियाओ हे के बारे में बताया गया कि वह तीन भाषाओं में पारंगत है। यह सिर्फ बातचीत नहीं करती, बल्कि समझती है, प्रतिक्रिया देती है और जरूरत के हिसाब से सीखने में भी सक्षम है। यह खासियतें इसे एक परंपरागत गाइड से कहीं ज्यादा बना देती हैं यह तकनीक और भावनाओं का सम्मिलन है।

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रोबोट नहीं, तियानजिन की संस्कृति की दूत

SCO समिट जहां दुनिया के नेताओं को एक मंच पर ला रहा है, वहीं चीन ने इस आयोजन को अपनी संस्कृति और तकनीक का एक अनूठा संगम बना दिया है। शियाओ हे ने बताया कि सम्मेलन के दौरान तियानजिन शहर की खास पहचान “यांग्लियूकिंग वुडब्लॉक प्रिंट्स” और पारंपरिक हस्तशिल्प की एग्जीबिशन भी आयोजित की जा रही है।

इसने यह भी कहा कि समिट में एक खास एरिया बनाया गया है जहां लोग चीन की सांस्कृतिक विरासत को करीब से देख सकते हैं, महसूस कर सकते हैं। ऐसे में यह रोबोट केवल एक तकनीकी टूल नहीं, बल्कि संस्कृति की एक संजीवनी दूत बन गई है जो AI और आर्ट के बीच एक खूबसूरत पुल बना रही है।

SCO समिट 2025: भविष्य की झलक

31 अगस्त से शुरू हुआ यह समिट 1 सितंबर तक चलेगा, और इसे अब तक का सबसे आधुनिक और भव्य SCO सम्मेलन कहा जा रहा है। यहां जहां एक तरफ देशों के नेता क्षेत्रीय सुरक्षा, व्यापार, सहयोग और भविष्य की रणनीतियों पर चर्चा कर रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ AI, रोबोटिक्स और स्मार्ट इनोवेशन की झलक पूरी दुनिया को दिखाई जा रही है।

शियाओ हे जैसे AI ह्यूमनॉइड का समिट में सक्रिय रूप से शामिल होना यह संकेत देता है कि भविष्य की कूटनीति सिर्फ इंसानों तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि तकनीक भी इसमें भागीदार होगी वह भी इतनी आत्मीयता और भावनाओं के साथ कि वह मेहमानों को परिवार की तरह महसूस करा सके।

भारत की भागीदारी और मोदी की ऐतिहासिक यात्रा

इस सम्मेलन में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी भाग ले रहे हैं। यह उनकी गलवान झड़प के बाद की पहली चीन यात्रा है, जो अपने आप में ऐतिहासिक मानी जा रही है। ऐसे में जब तकनीक, कूटनीति और संस्कृति एक ही मंच पर साथ आ रहे हों, तब इस समिट की गहराई और व्यापकता समझी जा सकती है।

भारत, रूस, चीन, पाकिस्तान समेत कुल 9 पूर्ण सदस्य देश और 3 पर्यवेक्षक देश इस मंच पर मौजूद हैं। यह न सिर्फ क्षेत्रीय बल्कि वैश्विक भविष्य के लिए भी एक निर्णायक क्षण हो सकता है।

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