कश्मीर घाटी का नाम सुनते ही ज़हन में बर्फ से ढके पहाड़ों और खूबसूरत वादियों की तस्वीर उभरती है। लेकिन इन वादियों के बीच जब गोलियों की आवाज़ गूंजती है, तो दिल दहल उठता है। ऐसा ही मंजर सोमवार सुबह देखने को मिला, जब जम्मू-कश्मीर के कुलगाम ज़िले के घने जंगलों में भारतीय सेना और आतंकियों के बीच जबरदस्त मुठभेड़ शुरू हुई। इस ऑपरेशन को ‘ऑपरेशन गुड्डर’ नाम दिया गया है, जो अब भी जारी है।
गुड्डर के जंगलों में सन्नाटा तोड़ती गोलियां
सुबह का वक्त था, जब कुलगाम के गुड्डर जंगलों में अचानक गोलियों की तड़तड़ाहट गूंजने लगी। सेना, पुलिस और CRPF की संयुक्त टीम को खुफिया सूत्रों से आतंकियों की मौजूदगी की जानकारी मिली थी। जैसे ही सर्च ऑपरेशन शुरू हुआ, जंगल में छिपे आतंकियों ने अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी। जवाब में सुरक्षाबलों ने मोर्चा संभाला और आतंकी हमले का डटकर सामना किया।
मुठभेड़ में लश्कर-ए-तैयबा के एक आतंकी को मार गिराया गया है, जबकि 3-4 आतंकी अब भी इलाके में छिपे हो सकते हैं। सेना की कार्रवाई जारी है और अतिरिक्त सुरक्षा बलों को मौके पर भेजा गया है। इस मुठभेड़ में सेना का एक जूनियर कमीशंड ऑफिसर (JCO) और एक जवान घायल हो गए हैं। उन्हें तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनका इलाज चल रहा है।
आतंक के खिलाफ डटे जवान
जब भी हमारे देश की सरहदें या अंदरूनी सुरक्षा खतरे में आती है, हमारे जवान अपने प्राणों की बाजी लगाकर देश की रक्षा करते हैं। गुड्डर के इस ऑपरेशन में भी कुछ ऐसा ही हुआ। जैसे ही सेना की टुकड़ी जंगल में पहुंची, वहां छिपे आतंकियों ने अचानक फायरिंग शुरू कर दी। लेकिन बिना एक पल की देरी किए, हमारे बहादुर जवानों ने जवाबी कार्रवाई की और आतंक के नापाक मंसूबों को नाकाम करने के लिए डटे रहे।
अभी भी जंगल में सर्च ऑपरेशन जारी है और माना जा रहा है कि कुछ आतंकी वहां छिपे हो सकते हैं। सुरक्षाबल पूरे इलाके की घेराबंदी कर चुके हैं और ऑपरेशन तब तक जारी रहेगा जब तक आखिरी आतंकी को खत्म नहीं कर दिया जाता।
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आरएस पुरा में घुसपैठ की कोशिश नाकाम
जब एक ओर कुलगाम में ऑपरेशन चल रहा था, उसी वक्त जम्मू के आरएस पुरा सेक्टर में इंटरनेशनल बॉर्डर पर एक और बड़ी सफलता मिली। रविवार रात 9:20 बजे बीएसएफ के जवानों ने एक पाकिस्तानी घुसपैठिए को पकड़ा। पकड़े गए व्यक्ति की पहचान सिराज खान के रूप में हुई है, जो पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के सरगोधा का रहने वाला है।
बीएसएफ ने पहले कुछ राउंड फायरिंग की और फिर उसे बॉर्डर फेंसिंग के पास धर दबोचा। उसके पास से पाकिस्तानी करेंसी बरामद हुई है और उससे पूछताछ की जा रही है कि वह भारत में घुसने की कोशिश क्यों कर रहा था। सुरक्षा एजेंसियां इसकी हर पहलू से जांच कर रही हैं।
कुलगाम में 12 दिन का सबसे लंबा ऑपरेशन
इससे पहले अगस्त में भी सुरक्षाबलों ने आतंक के खिलाफ दो बड़े ऑपरेशन को अंजाम दिया था। 26 अगस्त को गुरेज सेक्टर में लश्कर के दो आतंकवादी मारे गए थे। इनमें से एक था बागू खान, जिसे ‘ह्यूमन GPS’ कहा जाता था। वह 1995 से अब तक 100 से ज्यादा घुसपैठ की कोशिशों में शामिल रहा और सभी रास्तों से वाकिफ था। दशकों से उसकी तलाश की जा रही थी और आखिरकार उसे ढेर कर दिया गया।
वहीं 1 से 12 अगस्त के बीच कुलगाम में ही एक और बड़ा ऑपरेशन चला था – ‘ऑपरेशन अखल’। यह ऑपरेशन कुलगाम के घने जंगलों में चला, जिसमें लश्कर का एक और आतंकी हारिस डार मारा गया था। वह पुलवामा का रहने वाला था और सुरक्षा एजेंसियों की मोस्ट वांटेड लिस्ट में शामिल था।
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