बेडरूम तक पहुंची जंग, रशियन हसीनाओं के आगे अमेरिका पस्त, हनीट्रैप से सीक्रेट निकलवा रहीं स्पाई गर्ल्स

बेडरूम तक पहुंची जंग, रशियन हसीनाओं के आगे अमेरिका पस्त, हनीट्रैप से सीक्रेट निकलवा रहीं स्पाई गर्ल्स

Russian Girls Honeytrap: अमेरिका ने हाल ही में अपने खुफिया विभागों से रिपोर्ट जारी की है, जिसमें खुलासा किया गया है कि रूस और चीन अब पश्चिमी देशों के खिलाफ पारंपरिक हथियारों के बजाय नई रणनीति अपना रहे हैं। इस रणनीति में जासूसी और तकनीकी चोरी के लिए हनीट्रैप और व्यक्तिगत संबंधों का इस्तेमाल किया जा रहा है। इसे अमेरिकी सुरक्षा विश्लेषकों ने “साइबर और सेक्स वॉर का मिश्रित रूप” बताया है।

अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा विशेषज्ञ जेफ स्टॉफ का कहना है कि चीन और रूस अब अमेरिकी टेक्नोलॉजी सेक्टर, स्टार्टअप्स, अनुसंधान परियोजनाओं और रक्षा विभाग से जुड़े इंजीनियर्स को सीधे निशाना बना रहे हैं। इसमें केवल तकनीकी जानकारी की चोरी नहीं होती, बल्कि यह एक मानसिक और मनोवैज्ञानिक युद्ध भी है।

नई जासूसी रणनीति: हनीट्रैप का प्रयोग

रूस और चीन की जासूसी एजेंसियां अब पारंपरिक जासूसों के बजाय हनीट्रैप और रोमांटिक संबंधों का इस्तेमाल कर रही हैं। अमेरिकी डिफेंस एक्सपर्ट्स के मुताबिक, यह रणनीति सीधे अमेरिकी सुरक्षा ढांचे पर असर डालती है। इसमें शामिल है:

आकर्षक विदेशी महिलाएं या पुरुष, जो LinkedIn, सोशल मीडिया और पेशेवर नेटवर्किंग साइटों पर अमेरिकी कर्मचारियों से संपर्क साधते हैं।

वे मीटिंग, सेमिनार या कॉन्फ्रेंस के बहाने अमेरिकी अधिकारियों और इंजीनियर्स के करीब आते हैं।

कई बार यह रिश्ता शादी या लंबी दोस्ती के रूप में विकसित होता है, जिसके माध्यम से संवेदनशील जानकारी जुटाई जाती है।

एक उदाहरण में बताया गया है कि दो चीनी महिलाओं ने वर्जीनिया में एक अमेरिकी सम्मेलन में घुसने की कोशिश की, जबकि एक पूर्व अधिकारी ने साझा किया कि एक रूसी महिला ने अमेरिकी एयरोस्पेस कर्मचारी से शादी की और इसके बाद सुरक्षा और क्रिप्टो प्रोजेक्ट्स में सक्रिय रही।

चीन का व्यापक नेटवर्क

अमेरिकी जांच एजेंसियों के अनुसार, चीन ने अपनी जासूसी रणनीति को सामाजिक स्तर तक फैला दिया है। इसमें शामिल हैं:

स्टूडेंट्स और अकादमिक रिसर्चर

विदेशी निवेशक और बिजनेस प्रोफेशनल्स

टेक्नोलॉजी और स्टार्टअप समुदाय

अमेरिका के लिए यह चुनौती सिर्फ व्यक्तिगत जासूसी तक सीमित नहीं है। अर्थव्यवस्था और टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में भी चीनी एजेंसियां सक्रिय हैं। अमेरिकी एजेंसियों का अनुमान है कि चीन की गतिविधियों से अमेरिका को लगभग 600 अरब डॉलर का सालाना नुकसान होता है।

विशेषज्ञों का कहना है कि यह न केवल हनीट्रैप, बल्कि बिजनेस और आर्थिक जासूसी का भी हिस्सा है। उदाहरण के लिए, स्टार्टअप्स के पिच इवेंट या नेटवर्किंग सेशन्स में चीनी एजेंट महत्वपूर्ण बिजनेस आइडियाज और इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी चुराने का प्रयास कर रहे हैं।

रूस का पुराना हनीट्रैप नेटवर्क

रूस का हनीट्रैप नेटवर्क भी अब सक्रिय हो चुका है। मशहूर रूसी जासूस एना चैपमैन की कहानी दुनिया के सामने है, जिन्होंने 2010 में अमेरिकी जासूसी रिंग में काम किया था। अब वही एना रोमानोवा नाम से मॉस्को में एक खुफिया म्यूजियम चला रही हैं।

इसके अलावा, रूसी एजेंट एलिया रोजा ने सार्वजनिक रूप से बताया कि रूसी सैन्य अकादमियों में पुरुषों को मानसिक रूप से प्रभावित करने और महत्वपूर्ण जानकारी निकालने के तरीकों की ट्रेनिंग दी जाती है।

हाल ही में लंदन में दो बुल्गारियाई महिलाएं, त्वेटेलिना जेंचेवा और त्वेतांका डोनचेवा, पकड़ी गईं। ये महिलाएं रूस के हनीट्रैप नेटवर्क का हिस्सा थीं।

अमेरिका में प्रभाव और उदाहरण

FBI के अनुसार, चीन की जासूस फैंग फैंग ने 2011 से 2015 तक अमेरिकी नेताओं और स्थानीय अधिकारियों को अपने जाल में फंसाया। उसने कई मेयरों से संपर्क बनाया और एक अमेरिकी सांसद एरिक स्वॉलवेल से भी नजदीकी बढ़ाई। जब तक एफबीआई ने उसे पकड़ने की कोशिश की, वह चीन भाग गई।

इससे स्पष्ट होता है कि रूस और चीन की यह रणनीति सिर्फ जासूसी नहीं, बल्कि अमेरिकी सुरक्षा और राजनीतिक ढांचे पर हमला है।

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