बैन के बावजूद रातभर आतिशबाजी, जहरीली हुई दिल्ली-NCR की हवा, AQI 400 पार, बाहर निकलना खतरनाक!

बैन के बावजूद रातभर आतिशबाजी, जहरीली हुई दिल्ली-NCR की हवा, AQI 400 पार, बाहर निकलना खतरनाक!

Delhi Air Pollution: दिवाली खुशियों का त्योहार जरूर है, लेकिन दिल्ली-NCR के लिए यह त्योहार एक बार फिर जहरीली हवा लेकर आया। सुप्रीम कोर्ट के सख्त निर्देशों के बावजूद, दिवाली की रात दिल्ली और आसपास के इलाकों में जमकर आतिशबाजी हुई। इसका नतीजा यह हुआ कि दूसरे दिन की सुबह दिल्ली और हरियाणा की हवा खतरनाक स्तर तक पहुंच गई।

अनदेखी सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-NCR में 8 से 10 बजे तक ग्रीन पटाखों की ही अनुमति दी थी, लेकिन लोगों ने देर रात तक पारंपरिक और प्रतिबंधित पटाखे चलाए। इसका सीधा असर वायु गुणवत्ता (AQI) पर पड़ा।

प्रमुख स्थानों पर दिवाली की रात AQI स्थिति:

  • द्वारका – 417
  • अशोक विहार – 404
  • वजीरपुर – 423
  • आनंद विहार – 404

ITO, एम्स, अक्षरधाम जैसे इलाकों में भी AQI 300 से ऊपर रहा

दिल्ली के 38 में से 36 मॉनिटरिंग स्टेशनों पर प्रदूषण का स्तर रेड जोन में रिकॉर्ड किया गया।

हरियाणा में भी हवा हुई खतरनाक

दिवाली की रात हरियाणा के 15 जिलों में AQI 500 तक पहुंच गया, जो कि ‘गंभीर प्लस’ कैटेगरी में आता है। मंगलवार सुबह की स्थिति भी ज्यादा बेहतर नहीं रही:

  • रोहतक – AQI 320
  • नारनौल – AQI 311
  • बहादुरगढ़ – AQI 306

हरियाणा के साथ-साथ राजस्थान में भी हवा की गुणवत्ता खराब रही। राजस्थान का औसतन AQI 243 रहा जबकि भिवाड़ी में 318 दर्ज किया गया।

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GRAP के चार स्टेज और उनके मायने

दिल्ली-NCR में प्रदूषण से निपटने के लिए सरकार ने GRAP (Graded Response Action Plan) लागू कर रखा है। इसके तहत वायु गुणवत्ता के आधार पर 4 स्टेज बनाए गए हैं:

इस समय दिल्ली-NCR में GRAP Stage-I लागू है, लेकिन कई इलाकों में हालात Stage-III और IV तक पहुंच गए हैं।

GRAP के तहत उठाए जाने वाले कदम

GRAP के तहत सरकार और एजेंसियों को कुछ जरूरी कदम उठाने होते हैं:

  • एंटी-स्मॉग गन का उपयोग
  • सड़कों पर पानी का छिड़काव
  • निर्माण और मरम्मत कार्यों में धूल नियंत्रण
  • वास्तविक समय में प्रदूषण की निगरानी

गाजियाबाद के फेफड़े रोग विशेषज्ञ डॉ. शरद जोशी ने लोगों को सलाह दी है कि बाहर निकलते समय N95 या डबल सर्जिकल मास्क जरूर पहनें।

पराली जलाना बना बड़ा कारण

दिवाली के बाद उत्तर भारत में पराली जलाने की घटनाएं तेजी से बढ़ जाती हैं। खासकर पंजाब और हरियाणा में इसकी संख्या सबसे अधिक होती है, जो दिल्ली की हवा को और भी जहरीला बना देता है।

क्या कहते हैं कानून?

2015 में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने पराली जलाने पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाया था।

2021 में केंद्र सरकार ने CAQM (Commission for Air Quality Management) अधिनियम के तहत जुर्माने के प्रावधान किए।

आम लोगों के लिए जरूरी सुझाव

  • सुबह की सैर या बच्चों को बाहर खेलने से रोकें।
  • घर के अंदर एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल करें।
  • खांसने, सांस लेने में तकलीफ हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
  • N95 मास्क या डबल लेयर मास्क पहनें, खासकर बाहर निकलते वक्त।
  • गाड़ी का कम इस्तेमाल करें और पब्लिक ट्रांसपोर्ट अपनाएं।

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