सिर्फ 8 घंटे में घुटनों पर आया पाकिस्तान, माननी पड़ी तालि‍बान की शर्त, जानें सीजफायर की पूरी कहानी

सिर्फ 8 घंटे में घुटनों पर आया पाकिस्तान, माननी पड़ी तालि‍बान की शर्त, जानें सीजफायर की पूरी कहानी

Pakistan Afghanistan Ceasefire: बुधवार को पाकिस्तान ने सोचा कि वह अपने सैन्य बल और हथियारों के दम पर अफगानिस्तान में तालिबान को दबाव में ले आएगा। इसी सोच के तहत पाकिस्तानी सेना ने अफगानिस्तान के स्पिन बोल्डक क्षेत्र में हवाई हमले किए और काबुल के आसपास भी बम गिराए।

पाकिस्तान को उम्मीद थी कि इस तरह के हमले से तालिबान डर जाएगा और कोई जवाबी कार्रवाई नहीं करेगा। लेकिन इस बार हालात कुछ और ही थे। अफगान‍िस्‍तान से मिली जानकारी के मुताबिक, सिर्फ 8 घंटे में ही पाक‍िस्‍तानी सेना सीजफायर के ल‍िए ग‍िड़ग‍िड़ाने लगी और उसे ताल‍िबान की शर्तों पर ही जंग रोकनी पड़ी।

तालिबान का कड़ा जवाब

पाक हमले के कुछ ही समय बाद तालिबान की सुरक्षा बलों ने तुरंत मोर्चा संभाला और जोरदार जवाब दिया। अफगानी अधिकारियों के मुताबिक, इस जवाबी हमले में पाकिस्तान को गंभीर नुकसान झेलना पड़ा।

  • कई पाकिस्तानी सैनिक मारे गए
  • कुछ को जिंदा पकड़ लिया गया
  • पाक सेना युद्धक्षेत्र में शव छोड़कर भाग गई

इस हालात के बाद पाकिस्तान की स्थिति कमजोर हो गई और उसे अल्पकालिक युद्धविराम (सीजफायर) की अपील करनी पड़ी।

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पाकिस्तान ने मांगी सीजफायर की भीख

तालिबान ने शुरुआत में पाकिस्तान की सीजफायर की अपील को ठुकरा दिया, लेकिन बाद में लगातार आग्रह के चलते 48 घंटे के युद्धविराम को मंजूरी दे दी। हालांकि तालिबान ने साफ कर दिया कि- अगर भविष्य में फिर ऐसा कोई हमला हुआ, तो इस बार जवाब और ज़्यादा कड़ा और व्यापक होगा।

तालिबान ने कहा कि सीजफायर के दौरान हालात पर कड़ी निगरानी रखी जाएगी। यदि किसी भी तरह का सीमा उल्लंघन हुआ, तो उसका तुरंत और निर्णायक जवाब दिया जाएगा।

तालिबान का बयान-

तालिबान सरकार की ओर से बताया गया कि:

  • पाकिस्तानी सेना को भारी नुकसान हुआ है।
  • कई सैनिकों के शव युद्ध स्थल पर छोड़ दिए गए।
  • कुछ सैनिक तालिबान की हिरासत में हैं।
  • पाकिस्तान की सरकार लगातार संपर्क कर रही है और सैनिकों को वापस लेने की मांग कर रही है।

तालिबान ने पाकिस्तान को साफ संदेश दिया कि, “डूरंड लाइन हमारी सीमा है। इसका सम्मान जरूरी है। अगर पाकिस्तान ने फिर कोई कार्रवाई की, तो इसका जवाब पहले से कहीं ज़्यादा कठोर होगा।”

क्या है डूरंड लाइन विवाद?

डूरंड लाइन वो सीमा है जो 1893 में ब्रिटिश राज के दौरान अफगानिस्तान और भारत (अब पाकिस्तान) के बीच खींची गई थी। अफगानिस्तान इस रेखा को आज तक पूरी तरह स्वीकार नहीं करता। इसी सीमा को लेकर दोनों देशों के बीच समय-समय पर तनाव की स्थिति बनती रही है।

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