Swami Chaitanyananda Saraswati: दिल्ली के वसंतकुंज में एक नामी और प्रतिष्ठित आश्रम के संचालक पर ऐसा आरोप लगा है जिसने न सिर्फ स्थानीय लोगों को, बल्कि पूरे देश को हिला दिया है। जिस इंसान को लोग आध्यात्मिक गुरु मानकर पूजते थे, उसी पर 15 से अधिक छात्राओं के साथ यौन शोषण और दुर्व्यवहार के गंभीर आरोप लगे हैं। ये घटना न केवल समाज की आत्मा को झकझोरती है, बल्कि हमारे उस विश्वास को भी तोड़ती है जो हम धर्मगुरुओं में रखते आए हैं।
दिल्ली के मशहूर आश्रम का काला सच
वसंतकुंज स्थित श्री शारदा इंस्टीट्यूट ऑफ इंडियन मैनेजमेंट, जो ईडब्ल्यूएस स्कॉलरशिप के तहत कई छात्राओं को उच्च शिक्षा देता है, वहीं पर ये चौंकाने वाली घटनाएं सामने आईं। इस संस्थान का संचालन करने वाले स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती, जिनका असली नाम पार्थसारथी है, पर आरोप है कि उन्होंने छात्राओं से अश्लील मैसेज भेजे, गाली-गलौज की, और कई बार शारीरिक रूप से भी उन्हें गलत तरीके से छूने की कोशिश की।
शुरुआत में छात्राएं डर और शर्म की वजह से चुप रहीं, लेकिन जब हिम्मत करके उन्होंने अपनी आवाज़ उठाई, तो सामने आया एक ऐसा सच जिसने संस्थान की गरिमा पर भी सवाल खड़े कर दिए।
छात्राओं ने बताई आपबीती, टूटा भरोसा
दिल्ली पुलिस की ओर से दर्ज एफआईआर के अनुसार, कुल 32 छात्राओं के बयान दर्ज किए गए, जिनमें से 17 ने स्पष्ट रूप से बताया कि स्वामी चैतन्यानंद ने उनके साथ दुर्व्यवहार किया। इनमें से अधिकतर छात्राएं आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग से आती हैं और ईडब्ल्यूएस स्कॉलरशिप के तहत पढ़ रही थीं। आरोप यह भी है कि संस्थान की महिला फैकल्टी और प्रशासनिक अधिकारी भी इन छात्राओं पर दबाव डालती थीं कि वे स्वामी की मांगों को मना न करें।
यह बात बेहद शर्मनाक है कि एक शिक्षण संस्थान, जहां छात्राओं को सुरक्षित और आत्मनिर्भर बनाने की शिक्षा मिलनी चाहिए, वहीं उन्हें सबसे बड़ा धोखा मिला अपने ही गुरुजनों से।
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फर्जी नंबर प्लेट वाली वॉल्वो कार और संदिग्ध गतिविधियाँ
जांच के दौरान एक और सनसनीखेज खुलासा हुआ- आश्रम के बेसमेंट में खड़ी एक वॉल्वो कार, जिस पर 39 UN 1 जैसा फर्जी राजनयिक नंबर प्लेट लगा हुआ था। पुलिस ने जब इस गाड़ी की जांच की तो पता चला कि यह गाड़ी खुद स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती उर्फ डॉ. पार्थसारथी इस्तेमाल करते थे। यह नंबर किसी भी आधिकारिक या वैध रजिस्ट्रेशन से मेल नहीं खाता, जिससे संदेह और भी गहरा गया। इस गाड़ी को तुरंत जब्त कर लिया गया है।
फरार आरोपी और आगरा में आखिरी लोकेशन
एफआईआर दर्ज होने के बाद से ही स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती पुलिस जांच में सहयोग करने के बजाय फरार हो गया है। दिल्ली पुलिस ने कई जगहों पर छापेमारी की लेकिन उसका कोई सुराग नहीं मिला। उसकी आखिरी लोकेशन आगरा में ट्रैक की गई थी, और अब यूपी पुलिस की मदद से उसकी तलाश जारी है।
पुलिस का कहना है कि आरोपी बेहद चालाकी से जगह बदल रहा है और अपने प्रभावशाली संपर्कों की मदद से गिरफ्तारी से बचने की कोशिश कर रहा है।
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