Mukhyamantri Mahila Rojgar Yojana: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने महिलाओं को आर्थिक आज़ादी और आत्मनिर्भरता की नई राह पर चलने का अवसर दिया है। मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना ने बिहार की लाखों महिलाओं को न केवल अपना सपना देखने की हिम्मत दी है, बल्कि उसे साकार करने का एक ठोस रास्ता भी दिखाया है।
सरकार की यह पहल केवल एक योजना नहीं, बल्कि उन तमाम महिलाओं के लिए एक नई सुबह है, जो वर्षों से घर की चारदीवारी में बंधी हुई थीं, लेकिन अब अपने हौसले और हुनर के बलबूते कुछ करना चाहती हैं।
10,000 रुपये की पहली किस्त
इस योजना के तहत महिलाओं को अपने छोटे व्यवसाय की शुरुआत के लिए सरकार की ओर से सीधे उनके बैंक खातों में 10,000 रुपये की राशि भेजी जा रही है। यह राशि योजना की पहली किस्त है और इसका उद्देश्य महिलाओं को आर्थिक संबल देकर उन्हें रोजगार की ओर प्रेरित करना है।
सरकार ने यह तय कर दिया है कि योजना की पहली किश्त इसी महीने खातों में ट्रांसफर कर दी जाएगी। अब तक 1 करोड़ से अधिक आवेदन आ चुके हैं, जिनमें से लगभग 90 लाख महिलाओं का डाटा तैयार कर लिया गया है। बाकी महिलाओं के बैंक खाते को आधार से जोड़ने की प्रक्रिया जारी है।
महिलाओं की पहली पसंद
इस योजना के अंतर्गत 18 प्रकार के कार्यों के लिए सहायता दी जा रही है। दिलचस्प बात यह है कि गांव और शहर दोनों ही क्षेत्रों में महिलाएं इस योजना से जुड़ रही हैं, लेकिन उनकी प्राथमिकताएं थोड़ी अलग हैं।
ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाएं पशुपालन को पहली पसंद बना रही हैं- गौपालन, बकरी पालन और मुर्गी पालन जैसे व्यवसायों की ओर उनका रुझान सबसे अधिक देखा जा रहा है। दूसरी ओर, शहरी क्षेत्रों की महिलाएं चाय-पकौड़े की दुकान, परचून की दुकान, सिलाई का काम और फल-सब्जी का व्यवसाय शुरू करने के लिए आगे आ रही हैं।
यह बदलाव यह दिखाता है कि महिलाएं अब खुद को सिर्फ घर तक सीमित नहीं रखना चाहतीं। वे भी कमाने, संभालने और नेतृत्व करने के लिए तैयार हैं।
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जीविका समूह बना महिलाओं का साथी
मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना से जुड़ने के लिए महिलाओं को जीविका स्वयं सहायता समूह से जुड़ना अनिवार्य किया गया है। इसका फायदा यह हो रहा है कि महिलाएं सामूहिक रूप से एक-दूसरे का साथ देकर आगे बढ़ रही हैं।
जीविका समूह ने महिलाओं के बीच एक नया भरोसा पैदा किया है कि अगर साथ चलें, तो रास्ता आसान हो जाता है। इस वजह से जीविका से जुड़ने वाली महिलाओं की संख्या में भी जबरदस्त इज़ाफा हुआ है।
किन कामों के लिए मिल रहा है पैसा?
सरकार ने महिलाओं को केवल सीमित विकल्प नहीं दिए हैं, बल्कि ऐसे कार्यों की सूची तैयार की है, जो आसानी से शुरू किए जा सकते हैं और कम लागत में चलाए जा सकते हैं।
इस योजना के तहत महिलाएं जूस की दुकान, डेयरी प्रोडक्ट, फल-सब्जी की दुकान, किराना स्टोर, बर्तन या प्लास्टिक सामग्री की दुकान, खिलौनों की दुकान, मोबाइल रिपेयरिंग या रिचार्ज दुकान, स्टेशनरी-फोटोकॉपी, खाद्य सामग्री की दुकान, ब्यूटी पार्लर, सिलाई-कढ़ाई की दुकान, कपड़े-जूते की दुकान, इलेक्ट्रिक आइटम्स की दुकान खोल सकती हैं।
इसके अलावा ई-रिक्शा या ऑटो रिक्शा चलाने, खेती से जुड़े कार्य, गौपालन, बकरी पालन और मुर्गी पालन जैसे कामों में भी उन्हें आर्थिक सहायता मिल रही है।
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