AI से इंडियन आर्मी, एयरफोर्स, नेवी में आई नई क्रांति, दुनिया में बढ़ा दबदबा

AI से इंडियन आर्मी, एयरफोर्स, नेवी में आई नई क्रांति, दुनिया में बढ़ा दबदबा

आज जब हम अपने देश भारत को हर क्षेत्र में आगे बढ़ते देख रहे हैं, तो एक और क्षेत्र है जो चुपचाप लेकिन बहुत ही तेजी से क्रांति की ओर बढ़ रहा है भारत का रक्षा उत्पादन क्षेत्र। और इस बदलाव के केंद्र में है आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI)। जी हां, वही एआई जो आज आपकी मोबाइल स्क्रीन से लेकर मेडिकल रिपोर्ट, बैंकिंग, खेती और अब हमारी सेनाओं को भी स्मार्ट बना रही है।

भारत में एआई सिर्फ एक तकनीक नहीं रही, बल्कि यह रक्षा क्षेत्र को आत्मनिर्भर और दुनिया में प्रतिस्पर्धी बनाने वाली क्रांति बन चुकी है। चलिए जानते हैं कैसे भारत ने एआई को अपनाकर अपनी सेना को और भी ज्यादा ताकतवर, सटीक और आधुनिक बना दिया है।

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस बना भारत की सेनाओं की नई ताकत

भारत की रक्षा प्रणाली अब पहले जैसी नहीं रही। जहां पहले हथियार और सुरक्षा उपकरण बाहरी देशों पर निर्भर थे, अब भारत खुद अपने लिए हथियार बना रहा है वो भी स्मार्ट टेक्नोलॉजी के साथ। ड्रोन, सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल, एयर डिफेंस सिस्टम और साइबर सिक्योरिटी जैसे तमाम क्षेत्रों में एआई ने ऐसा असर डाला है, जिसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।

सरकार की योजना iDEX (Innovation for Defence Excellence) ने स्टार्टअप्स और इनोवेटर्स को एक प्लेटफॉर्म दिया है, जिससे यह क्रांति और भी तेजी से फैल रही है।

डीआरडीओ और HAL ने दिखाई एआई की ताकत

भारत की सबसे प्रमुख रक्षा अनुसंधान संस्था DRDO ने 75 से ज्यादा ऐसे प्रोडक्ट्स बनाए हैं जिनमें एआई का इस्तेमाल हुआ है। अब इन हथियारों और उपकरणों में सटीकता, फास्ट रिस्पॉन्स टाइम और डेटा एनालिटिक्स जैसे गुण आ चुके हैं। मतलब दुश्मन की एक भी हरकत अब बच नहीं सकती।

वहीं, हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) ने तो एक कदम आगे बढ़कर ऐसा CATS (Combat Air Teaming System) विकसित किया है, जो ड्रोन को लड़ाकू विमान से आने वाले वॉयस कमांड को समझने और उस पर काम करने के काबिल बनाता है। इसके साथ ही एआई के जरिए यह सिस्टम विमानों की तकनीकी खराबियों को पहले ही पकड़ लेता है यानि खतरा होने से पहले ही समाधान!

भारतीय सेना और BEL की एआई में भागीदारी

भारतीय सेना ने भी एआई को अपनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। AI Incubation Centre के माध्यम से भारत इलेक्ट्रोनिक्स लिमिटेड (BEL) के साथ मिलकर देश में ऐसे सिस्टम बनाए जा रहे हैं जो जासूसी, मॉनिटरिंग और कम्युनिकेशन को पहले से कहीं ज्यादा स्मार्ट बना रहे हैं।

एक शानदार उदाहरण है Sandarbh.AI, जो भारतीय नौसेना के लिए तैयार किया जा रहा है। यह प्लेटफॉर्म कम्युनिकेशन और संदर्भ आधारित निर्णय लेने में मदद करता है, जिससे हर चुनौती का जवाब जल्दी और सटीक तरीके से मिल सके।

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निजी कंपनियों की एंट्री ने बढ़ाई रफ्तार

जहां एक ओर सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियां एआई को आत्मनिर्भर भारत की रीढ़ बना रही हैं, वहीं दूसरी ओर निजी कंपनियों और स्टार्टअप्स ने भी इस क्षेत्र में जान फूंक दी है। चेन्नई की Data Patterns Limited रडार और एवियोनिक्स के लिए एआई-आधारित सिस्टम विकसित कर रही है।

Zen Technologies Limited का Combat Simulation Platform तो सेनाओं को ऐसा ट्रेनिंग एक्सपीरियंस देता है जो बिल्कुल असली युद्ध के मैदान जैसा होता है। यानी हमारे सैनिक अब वर्चुअल युद्ध के जरिए हर परिस्थिति में मानसिक और तकनीकी रूप से तैयार रहते हैं।

एआई बना रहा युद्ध की तैयारी को भविष्य

भारत की सरकार अब सिर्फ आज की नहीं, भविष्य की लड़ाई की तैयारी कर रही है। इसके लिए वित्त वर्ष 2025-26 में AI Military Projects के लिए 100 करोड़ रुपये का बजट तय किया गया है। यही नहीं, आज देशभर में 1000 से ज्यादा डिफेंस-टेक स्टार्टअप्स इस क्षेत्र में काम कर रहे हैं।

ये स्टार्टअप्स भारत को उस मुकाम तक ले जा रहे हैं, जहां देश सिर्फ आत्मनिर्भर नहीं होगा, बल्कि एक ग्लोबल डिफेंस टेक्नोलॉजी एक्सपोर्ट हब भी बन जाएगा। इससे हमारे देश की अर्थव्यवस्था को भी नई ऊर्जा मिलेगी और युवाओं के लिए रोजगार के कई नए द्वार खुलेंगे।

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