एशिया कप 2025 की सभी टीमों में किसका फॉर्म सबसे बेहतर, किसने कितने मैच जीते? जानें स्ट्रेंथ और वीकनेस

एशिया कप 2025 की सभी टीमों में किसका फॉर्म सबसे बेहतर, किसने कितने मैच जीते? जानें स्ट्रेंथ और वीकनेस

Asia Cup 2025: क्रिकेट फैंस के लिए एक बार फिर त्योहार जैसा माहौल लौट आया है। कल से शुरू हो रहे एशिया कप 2025 को लेकर हर क्रिकेट प्रेमी की धड़कनें तेज हो गई हैं। जून 2024 में टी-20 वर्ल्ड कप के बाद यह पहला बड़ा मल्टीनेशन टूर्नामेंट है, जिसमें एशिया की 8 टॉप टीमें आमने-सामने होंगी। भारत, पाकिस्तान, श्रीलंका, बांग्लादेश, अफगानिस्तान, UAE, हांग-कांग और ओमान की टीमें ट्रॉफी के लिए भिड़ेंगी।

लेकिन बड़ा सवाल ये है कि इन आठ टीमों में सबसे मज़बूत फॉर्म में कौन है? पिछले 15 महीनों के प्रदर्शन को देखते हुए कौन से खिलाड़ी चमके और किसे अब तक जीत नहीं मिल पाई? आइए जानते हैं…

भारत: फॉर्म में नंबर-1

भारत की टीम न सिर्फ वर्ल्ड चैंपियन है, बल्कि वर्ल्ड कप के बाद भी उसने अपने बेहतरीन प्रदर्शन को बरकरार रखा है। पिछले 15 महीनों में टीम ने 20 टी-20 इंटरनेशनल मैच खेले और इनमें से 16 में जीत दर्ज की। जीत का प्रतिशत रहा 80% और विन-लॉस रेशियो 5.33—जो बाकी किसी भी टीम से कहीं बेहतर है।

भारत की ताकत

भारत की सबसे बड़ी ताकत उसका टॉप ऑर्डर है। अभिषेक शर्मा, संजू सैमसन और तिलक वर्मा ने मिलकर 6 शतक जड़े हैं। अकेले सैमसन के बल्ले से ही तीन शतक निकले। बीच के ओवर्स में सूर्यकुमार यादव, रिंकू सिंह और हार्दिक पंड्या टीम को स्थिरता देते हैं।

गेंदबाजी की बात करें तो जसप्रीत बुमराह, अर्शदीप सिंह और हर्षित राणा जैसे गेंदबाजों ने विरोधियों की नींदें उड़ा दी हैं। स्पिन डिपार्टमेंट की कमान वरुण चक्रवर्ती और कुलदीप यादव ने संभाली है।

भारत की कमजोरी

टीम इंडिया की कमजोर कड़ी है उसका लोअर ऑर्डर। सातवें नंबर के बाद कोई ऐसा बल्लेबाज नहीं है जिस पर रन बनाने का भरोसा किया जा सके। इसके अलावा बुमराह की फिटनेस भी चिंता का विषय बनी हुई है वो हर मैच में खेलेंगे या नहीं, ये अब तक साफ नहीं है।

भारत का स्क्वॉड

सूर्यकुमार यादव (कप्तान), शुभमन गिल (उपकप्तान), संजू सैमसन, अभिषेक शर्मा, तिलक वर्मा, रिंकू सिंह, हार्दिक पांड्या, शिवम दुबे, कुलदीप यादव, अक्षर पटेल, जितेश शर्मा, हर्षित राणा, अर्शदीप सिंह, वरुण चक्रवर्ती, जसप्रीत बुमराह।

रिजर्व प्लेयर- प्रसिद्ध कृष्णा, वॉशिंगटन सुंदर, रियान पराग, ध्रुव जुरेल और यशस्वी जायसवाल।

पाकिस्तान: कप्तानी में बदलाव

पाकिस्तान की टीम इस बार बदलावों के दौर से गुजर रही है। नया कप्तान सलमान अली आगा पहली बार किसी बड़े टूर्नामेंट में टीम की अगुवाई कर रहे हैं और अब तक उनका रिकॉर्ड भी औसत ही रहा है।

पाकिस्तान ने वर्ल्ड कप के बाद 24 मैच खेले हैं, जिसमें से 13 मैच हारे और सिर्फ 11 जीते। टीम का विन-लॉस रेशियो 0.846 है, जो कि चिंता का संकेत है।

पाकिस्तान की ताकत

टीम का टॉप ऑर्डर 1672 रन बना चुका है, जिसमें सईम आयूब, मोहम्मद हारिस और फरहान की अहम भूमिका रही। वहीं पेस अटैक में शाहीन अफरीदी और हारिस रऊफ जैसे खिलाड़ी अब भी पाकिस्तान की सबसे बड़ी ताकत हैं।

पाकिस्तान की कमजोरी

टीम के पास ऐसा लीडर नहीं है जो दबाव में बड़ी टीमों के खिलाफ टीम को जीत दिला सके। इसके अलावा, फील्डिंग पाकिस्तान की परंपरागत कमजोरी रही है। कैच छोड़ना और रन आउट मिस करना इस टीम की आदत सी बन चुकी है।

पाकिस्तान का स्क्वॉड

सलमान आगा (कप्तान), अबरार अहमद, फहीम अशरफ, फखर जमान, हारिस रऊफ, हसन अली, हसन नवाज, हुसैन तलत, खुशदिल शाह, मोहम्मद हारिस (विकेटकीपर), मोहम्मद नवाज, मोहम्मद वसीम, साहिबजादा फरहान, सैम आयूब, सलमान मिर्जा, शाहीन शाह अफरीदी, सूफियान मोकिम।

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अफगानिस्तान: स्पिन का तूफान

अफगानिस्तान की टीम पिछले वर्ल्ड कप में सेमीफाइनल तक पहुंची थी, जिससे उन्होंने साबित किया कि वे अब छोटी टीम नहीं हैं। लेकिन इसके बाद टीम ने सिर्फ 5 टी-20 मैच खेले हैं—जिसमें से 3 जीते और 2 हारे।

अफगानिस्तान की ताकत

राशिद खान, मुजीब उर रहमान और मोहम्मद नबी का स्पिन तिकड़ी एशिया कप में कहर मचा सकती है। साथ ही गुरबाज, जादरान और अजमतुल्लाह ओमरजई जैसे बल्लेबाज़ भी शानदार फॉर्म में हैं।

अफगानिस्तान की कमजोरी

5 मैचों के साथ मैदान में उतरना किसी भी टीम के लिए बड़ी चुनौती हो सकती है। बड़ी टीमों के सामने यह कमी महसूस हो सकती है।

अफगानिस्तान का स्क्वॉड

राशिद खान (कप्तान), रहमानुल्लाह गुरबाज, इब्राहिम जादरान, दरविश रसूली, सेदिकुल्लाह अटल, अजमतुल्लाह उमरजई, करीम जनत, मोहम्मद नबी, गुलबदीन नायब, शराफुद्दीन अशरफ, मोहम्मद इशाक, मुजीब उर रहमान, अल्लाह गजनफर, नूर अहमद, फरीद मलिक, नवीन-उल-हक, फजलहक फारूकी। रिजर्व खिलाड़ी: वफीउल्लाह ताराखिल, नांग्याल खारोटे, अब्दुल्ला अहमदजई

श्रीलंका: 5 बार एशिया कप विजेता

श्रीलंका की टीम इतिहास में 5 बार एशिया कप जीत चुकी है, लेकिन इस बार का हाल कुछ और है। पिछले 14 मैचों में से सिर्फ 5 मैचों में जीत मिली है। बल्लेबाज़ रन बना रहे हैं, गेंदबाज विकेट ले रहे हैं लेकिन टीम मैच नहीं जीत पा रही।

श्रीलंका की ताकत:

पथुम निसांका, कुसल मेंडिस, और कुसल परेरा जैसे खिलाड़ी फॉर्म में हैं। वहीं गेंदबाजी में हसरंगा और पथिराना जैसे स्टार नामों की मौजूदगी है।

श्रीलंका की कमजोरी:

टीम रन तो बनाती है, लेकिन उन्हें जीत में बदल नहीं पाती। इस कारण से फैंस को एक अधूरी उम्मीद के साथ जीना पड़ता है।

श्रीलंका का स्क्वॉड

चरिथ असलांका (कप्तान), पथुम निसांका, कुसल मेंडिस, कुसल परेरा, नविंदू फर्नांडो, कामिंडु मेंडिस, कामिल मिशारा, दसुन शनाका, वानिंदू हसरंगा, दुनिथ वेल्लालागे , चमिका करुणारत्ने, महीश तीक्षाना, दुशमंथा चमीरा, बिनुरा फर्नांडो, नुवान थुषारा और मथीश पथिराना।

बांग्लादेश: संतुलित लेकिन अस्थिर

बांग्लादेश की टीम के पास टैलेंट की कमी नहीं है। टीम ने 20 में से 10 मैच जीते हैं और 10 हारे हैं। यानी 50% का रिकॉर्ड।

बांग्लादेश की ताकत:

तंजिद हसन और लिटन दास जैसे बल्लेबाजों ने 400+ रन बनाए हैं। वहीं गेंदबाजी में तस्कीन अहमद 22 विकेट लेकर छाए हुए हैं।

बांग्लादेश की कमजोरी

राजनीतिक कारणों और टीम मैनेजमेंट के फैसलों के चलते बांग्लादेश एक ट्रांजिशन फेज से गुजर रही है। इससे टीम की निरंतरता प्रभावित हो रही है।

बांग्लादेश स्क्वॉड

लिट्टन दास (कप्तान), तंजिद हसन तमीम, परवेज हसन इमोन, सैफ हसन, तौहिद हृदॉय, जाकिर अली, शमीम हुसैन, काजी नुरुल हसन, शक मेहदी हसन, रिशाद हुसैन, नसुम अहमद, मुस्तफिजुर रहमान, तंजिम हसन साकिब, तस्कीन अहमद, शोरिफुल इस्लाम, सैफुद्दीन। स्टैंडबाय- सौम्य सरकार, मेहदी हसन मिराज, तनवीर इस्लाम, हसन महमूद।

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UAE: घरेलू मैदान का फायदा

UAE की टीम ने पिछले वर्ल्ड कप के बाद 27 में से 20 मैच जीते हैं। उनके आंकड़े बेहद अच्छे लगते हैं, लेकिन ये ज्यादातर कमजोर टीमों के खिलाफ रहे हैं।

UAE की ताकत

मुहम्मद वसीम, असिफ खान और आर चोपड़ा जैसे बल्लेबाजों ने 500+ रन बनाए हैं। बॉलिंग में भी जवादुल्लाह जैसे खिलाड़ी 33 विकेट ले चुके हैं।

UAE की कमजोरी

इतिहास गवाह है कि UAE बड़ी टीमों के सामने हमेशा बिखरती है। एशिया कप में अब तक ग्रुप स्टेज से आगे नहीं बढ़ सकी।

UAE का स्क्वॉड

मोहम्मद वसीम (कप्तान), अलीशान शराफू, अर्यांश शर्मा (विकेटकीपर), आसिफ खान, ध्रुव पराशर, इथान डि सूजा, हैदर अली, हर्षित कौशिक, जुनैद सिद्धिकी, मतिउल्लाह खान, मोहम्मद फारूक, मोहम्मद जवादुल्लाह, मोहम्मद जोहैब, राहुल चोपड़ा (विकेटकीपर), रोहिद खान, सिमरनजीत सिंह, सगीर खान।

हांग-कांग: आंकड़ों में दम

हॉन्ग कॉन्ग ने भी पिछले 27 में से 14 मैचों में जीत हासिल की है। बल्लेबाजों ने 3500+ रन बनाए हैं और गेंदबाजों ने 155 विकेट लिए हैं।

हॉन्ग कॉन्ग की ताकत

टीम में यासिम मुर्तजा और एहसान खान जैसे स्टार प्लेयर्स हैं। स्पिन और बैटिंग दोनों में टीम संतुलित है।

हॉन्ग कॉन्ग की कमजोरी

टीम ग्रुप स्टेज से आगे अब तक कभी नहीं निकल सकी। बड़ी टीमों के सामने प्रदर्शन बेहद कमजोर रहा है।

हॉन्ग कॉन्ग का स्क्वॉड

यासिम मुर्तजा (कप्तान), बाबर हयात, जीशान अली, नियाजाकत खान मोहम्मद, नसरुल्ला राणा, मार्टिन कोएट्जी, अंशुमन रथ, कल्हान मार्क चल्लू, आयुष आशीष शुक्ला, मोहम्मद ऐजाज खान, अतीक उल रहमान इकबाल, किंचित शाह, आदिल महमूद, हारून मोहम्मद अरशद, अली हसन, शाहिद वासिफ, गजनफर मोहम्मद, मोहम्मद वहीद, अनस खान, एहसान खान

ओमान: पहली बार खेलने जा रही टीम

ओमान की टीम इस बार पहली बार एशिया कप खेल रही है। पिछले 15 महीनों में टीम ने सिर्फ 4 मैच जीते हैं और 11 में हार का सामना किया है।

ओमान का स्क्वॉड

जतिंदर सिंह (कप्तान), हम्माद मिर्जा, विनायक शुक्ला, सुफियान यूसुफ, आशीष ओडेडेरा, आमिर कलीम, मोहम्मद नदीम, सुफियान महमूद, आर्यन बिष्ट, करण सोनावले, जिक्रिया इस्लाम, हसनैन अली शाह, फैसल शाह, मोहम्मद इमरान, नदीम खान, शकील अहमद, समय श्रीवास्तव।

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