बचपन की यादों में अगर कोई चीज सबसे ज्यादा जगह घेरती है तो वो हैं बिस्किट खासकर वो मीठे-मीठे क्रीम बिस्किट जो हर टिफिन का हिस्सा बनते थे। आज भी, बच्चे हों या बड़े, चाय के साथ या मीठा खाने की चाह में इन बिस्किट्स को बड़े चाव से खाया जाता है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि जो चीज इतनी स्वादिष्ट लगती है, वो हमारी सेहत के लिए कितनी हानिकारक हो सकती है?
वक्त आ गया है कि हम सिर्फ स्वाद नहीं, बल्कि अपनी सेहत को भी प्राथमिकता दें। क्योंकि क्रीम बिस्किट में जिस क्रीम का स्वाद हमें आकर्षित करता है, वह असल में ‘क्रीम’ नहीं, बल्कि रासायनिक तत्वों और ट्रांस फैट से भरा खतरनाक मिश्रण होता है, जो हमारी सेहत को अंदर ही अंदर खोखला कर रहा है।
क्रीम नहीं, केमिकल होता है
क्रीम बिस्किट के बीच जो सफेद, गुलाबी या चॉकलेटी परत नजर आती है, वह असल में कोई डेयरी प्रोडक्ट नहीं होती। यह एक नकली, नॉन-डेयरी मिश्रण होता है जिसे वेजिटेबल फैट, शुगर सिरप, आर्टिफिशियल फ्लेवर, रंग और प्रिजर्वेटिव्स मिलाकर तैयार किया जाता है। ये सब मिलकर एक ऐसा उत्पाद बनाते हैं जिसमें पोषण शून्य और खतरे अनेक होते हैं।
बच्चों को ये बिस्किट इतने भाते हैं कि धीरे-धीरे उनकी आदत बन जाते हैं। लेकिन यह आदत ना केवल उनकी ग्रोथ को रोकती है, बल्कि आने वाले समय में उन्हें गंभीर बीमारियों की ओर भी ले जा सकती है।
ट्रांस फैट: एक मीठा जहर
ट्रांस फैट को अगर “धीमा जहर” कहा जाए, तो गलत नहीं होगा। क्रीम बिस्किट की क्रीम में अक्सर वनस्पति घी का इस्तेमाल होता है, जो ट्रांस फैट से भरपूर होता है। यह शरीर में खराब कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाता है और अच्छे कोलेस्ट्रॉल को कम करता है। इसका सीधा असर हमारे दिल पर पड़ता है और हार्ट अटैक, हाई बीपी जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।
अगर इन बिस्किट्स का सेवन लंबे समय तक किया जाए, तो ये इंसुलिन रेजिस्टेंस, टाइप-2 डायबिटीज और शरीर में सूजन जैसी समस्याओं का कारण बन सकते हैं। बच्चों में इसका असर और भी खतरनाक हो सकता है, क्योंकि उनके शरीर और पाचन प्रणाली अभी विकसित हो रही होती है।
बच्चों के स्वास्थ्य पर सबसे बड़ा खतरा
क्रीम बिस्किट में मौजूद ट्रांस फैट, आर्टिफिशियल फ्लेवर और रंग बच्चों के लिए विशेष रूप से हानिकारक हैं। ये उनके लिवर और आंतों को प्रभावित कर सकते हैं, जिससे उनकी इम्यूनिटी कमजोर हो जाती है। पाचन तंत्र की कार्यक्षमता घटने लगती है और मोटापा बढ़ने लगता है। इसके अलावा, ऐसे केमिकल्स बच्चों में चिड़चिड़ापन, ध्यान की कमी और व्यवहार संबंधी समस्याएं भी बढ़ा सकते हैं।
छोटे बच्चों की ग्रोथ में रुकावट, पढ़ाई में मन न लगना और बार-बार बीमार पड़ना—ये सब संकेत हो सकते हैं कि उनका खानपान धीरे-धीरे उन्हें बीमार कर रहा है।
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शुगर सिरप बढ़ाता है ब्लड शुगर लेवल
क्रीम बिस्किट में इस्तेमाल होने वाला शुगर सिरप हमारे शरीर के ब्लड शुगर लेवल को तेजी से बढ़ा देता है, जिससे अचानक ऊर्जा तो मिलती है, लेकिन इसका असर बेहद कम समय में खत्म हो जाता है और शरीर थकान महसूस करता है। इससे मोटापा, फैटी लिवर और डायबिटीज की संभावना बढ़ जाती है।
जो रंग और फ्लेवर इन बिस्किट्स को आकर्षक बनाते हैं, वे शरीर के लिए धीमे ज़हर की तरह हैं। कई आर्टिफिशियल कलर ऐसे हैं जिन्हें कार्सिनोजेनिक यानी कैंसर का कारण माना गया है। ये रंग बच्चों में हाइपरएक्टिविटी, ध्यान की कमी और एलर्जी जैसी समस्याएं पैदा कर सकते हैं।
शरीर को नुकसान पहुंचाने वाले प्रिजर्वेटिव्स
बिस्किट्स को लंबे समय तक खराब न होने देने के लिए जो प्रिजर्वेटिव्स मिलाए जाते हैं, जैसे BHA और BHT, उन्हें वैज्ञानिक रूप से कैंसरजनक माना गया है। इसके अलावा, सोडियम बेंजोएट जैसे तत्व शरीर में खतरनाक रासायनिक प्रतिक्रियाएं उत्पन्न कर सकते हैं, जो बच्चों में मानसिक और व्यवहारिक असंतुलन का कारण बन सकते हैं।
इमल्सीफायर्स हमारे पेट के अच्छे बैक्टीरिया को मार देते हैं और आंतों की सेहत बिगाड़ते हैं। इसका असर सिर्फ पाचन तक सीमित नहीं होता, बल्कि यह मूड डिसऑर्डर और ऑटोइम्यून बीमारियों तक को जन्म दे सकता है।
ये मीठा नहीं, बीमारी की शुरुआत है
जब आप अगली बार किसी स्टोर से क्रीम बिस्किट का पैकेट उठाएं, तो सिर्फ उसका स्वाद नहीं, बल्कि उसका इंग्रीडिएंट लेबल भी ज़रूर पढ़ें। क्रीम बिस्किट सिर्फ खाली कैलोरी का स्रोत होते हैं। इनमें कोई पोषण नहीं होता और ये शरीर के लिए पूरी तरह से अनावश्यक और खतरनाक होते हैं।
शोध बताते हैं कि लगातार ऐसे प्रोसेस्ड फूड खाने से मेटाबॉलिक डिसऑर्डर, हार्मोनल असंतुलन और यहां तक कि किशोरावस्था में थायरॉइड व अन्य गंभीर रोगों का खतरा कई गुना बढ़ जाता है।
क्या खाएं क्रीम बिस्किट की जगह?
अगर आप या आपके बच्चे मीठे बिस्किट्स खाने के शौकीन हैं, तो कुछ हेल्दी और स्वादिष्ट विकल्प आजमाएं। घर पर बनी ओट कुकीज जिनमें केले, नारियल तेल और ड्राई फ्रूट्स का इस्तेमाल किया गया हो, एक बढ़िया विकल्प हो सकती हैं। खजूर और मेवे से बनी बार्स, भुना चना, मखाना, राजगिरा की चिक्की, नट बटर स्नैक्स जैसे मूंगफली या बादाम से बने हेल्दी स्नैक्स भी सेहत के लिए अच्छे हैं।
मीठा खाने का मन हो तो शहद, गुड़, फल या खजूर जैसे नेचुरल विकल्प अपनाना हमेशा फायदेमंद रहेगा।
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