इस्लामाबाद: भारत और पाकिस्तान के बीच लंबे समय से जारी तनावपूर्ण रिश्तों में हाल ही में एक बार फिर उबाल आता दिखा, जब पाकिस्तान के वरिष्ठ राजनीतिक विश्लेषक और पूर्व क्रिकेट बोर्ड प्रमुख नजम सेठी ने एक टेलीविज़न कार्यक्रम के दौरान भारत के खिलाफ परमाणु हथियारों के संभावित इस्तेमाल को लेकर बयान दिया।
नजम सेठी, जिन्हें पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ का करीबी माना जाता है, ने पाकिस्तानी चैनल समा टीवी के एक टॉक शो में बातचीत के दौरान दावा किया कि अगर पाकिस्तान के अस्तित्व को खतरा हुआ, तो देश किसी भी स्तर की प्रतिक्रिया देने से पीछे नहीं हटेगा उसमें परमाणु विकल्प भी शामिल हो सकता है।
उनकी यह टिप्पणी उस संदर्भ में आई जब भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में यह संकेत दिए कि भारत सिंधु जल संधि पर पुनर्विचार कर सकता है और पाकिस्तान को मिलने वाले पानी की आपूर्ति पर रोक लगाने के विकल्प खुले रखेगा। यह कदम आतंकवाद और सीमा पार से हो रही घुसपैठ के संदर्भ में एक रणनीतिक दबाव के रूप में देखा जा रहा है।
तीन परिदृश्य जिनमें पाकिस्तान परमाणु हमला करेगा
नजम सेठी ने अपने इंटरव्यू में साफ तौर पर तीन ऐसे हालात बताए, जिनमें पाकिस्तान परमाणु हथियारों के इस्तेमाल का निर्णय ले सकता है। हालांकि उन्होंने इसे ‘आखिरी विकल्प’ बताया, लेकिन यह बयान क्षेत्रीय सुरक्षा की दृष्टि से गंभीर माना जा रहा है।
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- कराची बंदरगाह की घेराबंदी या नौसेना पर हमला
सेठी के अनुसार, यदि भारतीय नौसेना पाकिस्तान की समुद्री सीमाओं के भीतर घुसपैठ करती है और विशेष रूप से कराची बंदरगाह की आवाजाही को अवरुद्ध करती है, तो इसे पाकिस्तान अपने “अस्तित्व पर संकट” के रूप में देखेगा। उनका कहना था कि इस तरह की स्थिति में पाकिस्तान का सैन्य प्रतिरोध बेहद कड़ा होगा और यदि जरूरी हुआ, तो परमाणु हथियारों का भी सहारा लिया जा सकता है।
- भारतीय सेना का लाहौर में प्रवेश
दूसरे परिदृश्य में उन्होंने कहा कि यदि भारतीय थल सेना लाहौर जैसे बड़े और रणनीतिक शहर में प्रवेश कर लेती है और इस्लामाबाद की ओर बढ़ने लगती है, तो यह स्थिति पाकिस्तान के लिए असहनीय होगी। सेठी ने कहा कि यह स्थिति देश की संप्रभुता और अस्तित्व पर सीधा हमला मानी जाएगी, और इस परिस्थिति में परमाणु हथियार ‘डिटरेंस’ (निवारक) के रूप में इस्तेमाल हो सकते हैं।
- पाकिस्तान की जल आपूर्ति में कटौती
तीसरे और सबसे चर्चित परिदृश्य में नजम सेठी ने कहा कि अगर भारत सिंधु नदी प्रणाली के जल को रोकता है या डैम बनाकर पाकिस्तान की ओर आने वाले पानी को रोकने की कोशिश करता है, तो यह देश की करोड़ों की आबादी के लिए जीवन और मृत्यु का मामला बन सकता है। उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति में परमाणु प्रतिक्रिया को पूरी तरह से नकारा नहीं जा सकता।
वीडियो क्लिप वायरल, प्रतिक्रियाओं की बाढ़
नजम सेठी की यह वीडियो क्लिप सोशल मीडिया पर वायरल हो गई है, जिसमें वे स्पष्ट रूप से तीनों परिदृश्यों का ज़िक्र करते हुए परमाणु हमले की संभावना की बात करते दिखाई दे रहे हैं। हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि यह इंटरव्यू हाल का है या किसी पुराने सैन्य तनाव के दौरान लिया गया था, लेकिन इसमें कही गई बातें वर्तमान भू-राजनीतिक परिप्रेक्ष्य में चर्चा का विषय बन गई हैं।
वीडियो पर सोशल मीडिया यूजर्स की प्रतिक्रियाएं मिली-जुली हैं। कई लोगों ने इसे पाकिस्तान की ‘आक्रामक लेकिन खोखली धमकी’ बताया, जबकि कुछ विशेषज्ञों ने इसे दक्षिण एशिया में गंभीर सामरिक अस्थिरता का संकेतक करार दिया।
सिंधु जल संधि: शांतिपूर्ण समझौता या रणनीतिक हथियार?
भारत और पाकिस्तान के बीच 1960 में हुई सिंधु जल संधि विश्व की सबसे सफल जल संधियों में मानी जाती है। इस समझौते के तहत भारत ने पूर्वी नदियों (ब्यास, रावी, सतलज) का पूर्ण अधिकार रखा, जबकि पाकिस्तान को पश्चिमी नदियों (सिंधु, झेलम, चेनाब) का बहाव बिना बाधा पहुंचाने का आश्वासन दिया गया।
हाल के वर्षों में भारत की ओर से यह बयान सामने आया है कि पाकिस्तान को आतंकवाद पर लगाम लगाने के लिए सिंधु जल संधि का रणनीतिक इस्तेमाल किया जा सकता है। इसी संदर्भ में नजम सेठी की चिंता को देखा जा रहा है।
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