Difference between Types of Alcohol: भारत में शराब को लेकर धारणा जितनी विविध है, उतनी ही विविधता इसके प्रकारों में भी देखने को मिलती है। कोई इसे शौक कहता है, कोई आदत, और कुछ लोग इससे पूरी तरह दूरी बनाए रखते हैं। लेकिन चाहे आप शराब पीते हों या नहीं, इसकी किस्मों के बारे में जानकारी रखना दिलचस्प और कभी-कभी उपयोगी भी हो सकता है। व्हिस्की, रम, वोदका, वाइन और बीयर—ये सिर्फ नाम भर नहीं, बल्कि इनकी अपनी एक पहचान, इतिहास, निर्माण प्रक्रिया और स्वाद की दुनिया होती है। आइए जानते हैं इन पांच प्रमुख प्रकारों की शराब में क्या फर्क है, इनकी खासियतें क्या हैं और किसमें कितना नशा होता है।
व्हिस्की: गहरी विरासत, गहरा असर
व्हिस्की को दुनिया की सबसे प्रतिष्ठित शराबों में गिना जाता है। इसकी लोकप्रियता स्कॉटलैंड, आयरलैंड, अमेरिका और जापान तक फैली हुई है। व्हिस्की मुख्य रूप से जौ, गेहूं, राई या मक्के जैसे अनाजों से बनाई जाती है। इन अनाजों को अंकुरित कर माल्ट बनाया जाता है, फिर इसका फर्मेंटेशन कर डिस्टिलेशन के ज़रिए शराब तैयार की जाती है।
अल्कोहल की मात्रा: आम तौर पर 40% ABV (अल्कोहल बाय वॉल्यूम) होती है, लेकिन कुछ विशेष व्हिस्की में यह 50% से ऊपर भी हो सकती है।
व्हिस्की को ओक बैरल में कई वर्षों तक रखा जाता है जिससे उसका रंग, स्वाद और खुशबू विकसित होती है। इस प्रक्रिया को एजिंग कहते हैं। स्कॉच, बर्बन, सिंगल माल्ट, और ब्लेंडेड जैसे अलग-अलग प्रकार इसकी श्रेणियों को और अधिक जटिल बनाते हैं।
रम: मीठा स्वाद, गर्म अहसास
रम को अकसर सर्दियों की शराब कहा जाता है क्योंकि इसे पीने से शरीर में गर्माहट महसूस होती है। इसका इतिहास समुद्री नाविकों और औपनिवेशिक काल से जुड़ा है। यह गन्ने के रस, गुड़ या शीरे से तैयार की जाती है। रम की मिठास और उसकी महक उसे एक अलग पहचान देती है।
अल्कोहल की मात्रा: आमतौर पर 40% ABV के आसपास होती है, लेकिन कुछ डार्क रम में यह इससे ज्यादा भी हो सकती है।
रम को भी ओक बैरल में रखा जाता है, जिससे उसका रंग गहरा होता है और उसमें विशेष तरह की मिठास या कारमेल जैसा स्वाद आता है।
वोदका: साफ, तेज, और सीधा असर
वोदका को ‘शुद्धता की शराब’ कहा जा सकता है। इसकी जड़ें रूस और पोलैंड से जुड़ी हैं, लेकिन आज यह अमेरिका और यूरोप में भी खूब बनाई जाती है। वोदका किसी भी स्टार्च युक्त सामग्री से बनाई जा सकती है—जैसे आलू, चुकंदर, मक्का, गेहूं या राई।
अल्कोहल की मात्रा: सामान्यतया 35% से 50% ABV होती है। कुछ खास वोदका ब्रांड्स में यह 60% तक भी जा सकती है।
वोदका में कोई खास स्वाद या गंध नहीं होती, इसलिए यह कॉकटेल्स में सबसे ज्यादा उपयोग की जाती है। गेहूं से बनी वोदका को सबसे स्मूद और हाई-क्लास माना जाता है।
वाइन: अंगूर से बनी कला
वाइन एक ऐसी शराब है जो स्वाद, सुगंध और रंग के साथ भावनात्मक अनुभव भी देती है। इसे मुख्य रूप से अंगूर से तैयार किया जाता है और यह रेड, वाइट और रोज़ (गुलाबी) तीन प्रमुख किस्मों में उपलब्ध होती है। रेड वाइन अंगूर की खाल के साथ फर्मेंट की जाती है जिससे इसका रंग गहरा होता है, जबकि वाइट वाइन में खाल अलग कर दी जाती है।
अल्कोहल की मात्रा: वाइन में आमतौर पर 9% से 18% ABV तक अल्कोहल होता है।
रेड वाइन में एंटीऑक्सीडेंट्स अधिक पाए जाते हैं, और कुछ अध्ययनों में इसे स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद बताया गया है (हालांकि सीमित मात्रा में)। वाइन का सेवन आमतौर पर भोजन के साथ किया जाता है और इसे स्वाद के साथ संतुलन का प्रतीक माना जाता है।
बीयर: सबसे हल्की, सबसे आम
बीयर सबसे पुरानी और सबसे हल्की शराबों में गिनी जाती है। इसे मुख्य रूप से जौ, चावल और मक्के से तैयार किया जाता है। इसकी प्रक्रिया में हॉप्स, यीस्ट और पानी भी शामिल होते हैं। बीयर में फर्मेंटेशन के बाद कार्बोनेशन होता है जिससे उसमें बुलबुले आते हैं।
अल्कोहल की मात्रा: बीयर में सामान्यत: 4% से 6% ABV होता है, लेकिन कुछ विशेष किस्मों में यह 10% से 15% तक भी हो सकता है।
बीयर का सेवन आमतौर पर अधिक मात्रा में और जल्दी किया जाता है, जिससे यह हल्की नशे की अनुभूति देती है। यह पार्टी, सोशल गेदरिंग और स्पोर्ट्स इवेंट्स का प्रिय पेय है।
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