नई दिल्ली: हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत की सैन्य रणनीति में एक नया अध्याय जुड़ गया है। “ऑपरेशन सिंदूर” के नाम से जारी की गई कार्रवाई के अंतर्गत भारत ने कई रणनीतिक कदम उठाए हैं, जो ना सिर्फ सीमा पार आतंकी ठिकानों के खिलाफ सख्त रुख का संकेत हैं, बल्कि पड़ोसी देशों को एक स्पष्ट संदेश भी देते हैं कि भारत अपनी सुरक्षा के प्रति कोई समझौता नहीं करेगा।
लद्दाख में ‘आकाश प्राइम’ की तैनाती
भारत ने लद्दाख क्षेत्र में अत्याधुनिक आकाश प्राइम एयर डिफेंस सिस्टम की तैनाती की है। यह प्रणाली 25-30 किलोमीटर तक की दूरी पर आने वाले हवाई खतरों को पहचानकर उन्हें निष्क्रिय करने में सक्षम है। पिछले संस्करण की तुलना में इसमें रिएक्शन टाइम और टारगेट सटीकता में उल्लेखनीय सुधार किया गया है।
विशेषज्ञों के अनुसार, यह कदम न केवल चीन के प्रति एक रणनीतिक संकेत है, बल्कि यह भारत की एलएसी (LAC) पर बढ़ती सतर्कता और रक्षात्मक मजबूती को भी दर्शाता है। रिपोर्ट्स के अनुसार, चीन की तरफ से एलएसी के पास एयरस्ट्रिप्स और रडार गतिविधियों में वृद्धि देखी गई है, जिसके जवाब में भारत ने यह महत्वपूर्ण सैन्य तैनाती की है।
रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, 16 जुलाई को लद्दाख में आकाश प्राइम ने 4,500 मीटर से अधिक ऊंचाई पर उड़ रहे दो उच्च गति मानवरहित लक्ष्यों को सफलतापूर्वक मार गिराया। इस परीक्षण ने सिस्टम की विश्वसनीयता और ऊंचे क्षेत्रों में उसकी प्रभावशीलता को सिद्ध किया है। यह पूरी तरह स्वदेशी प्रणाली है, जिसमें अत्याधुनिक रेडियो फ्रीक्वेंसी सीकर तकनीक भी शामिल है।
अग्नि-1 और पृथ्वी-2 का सफल परीक्षण
इसी के साथ, 17 जुलाई को भारत ने ओडिशा के समुद्री तट के पास स्थित इंटीग्रेटेड टेस्ट रेंज से अग्नि-1 और पृथ्वी-2 मिसाइलों का सफल परीक्षण किया। यह परीक्षण स्ट्रैटजिक फोर्सेज कमांड के तहत किया गया और सभी निर्धारित तकनीकी और परिचालन मापदंडों को पूरा किया गया।
पृ1थ्वी-2 की मारक क्षमता लगभग 350 किलोमीटर है और यह 500 किलोग्राम तक का पेलोड ले जाने में सक्षम है।
अग्नि-1 की रेंज 700 से 900 किलोमीटर के बीच है और यह 1,000 किलोग्राम पेलोड तक ले जा सकती है।
ये परीक्षण भारत की परमाणु-सक्षम बैलिस्टिक मिसाइलों की तत्परता और विश्वसनीयता की जांच के उद्देश्य से किए गए थे। खास बात यह है कि ये परीक्षण मई में भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़े सैन्य तनाव के दो महीने बाद किए गए हैं, जो कि भारत की रणनीतिक तैयारियों को दर्शाता है।
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