Darjeeling Landslide: पश्चिम बंगाल के पहाड़ी जिले दार्जिलिंग में लगातार हो रही भारी बारिश के कारण बड़े पैमाने पर भूस्खलन हुआ है, जिससे अब तक 24 लोगों की जान जा चुकी है। मृतकों में सात बच्चे भी शामिल हैं। कई लोग अभी भी लापता हैं, और सैकड़ों परिवार प्रभावित हुए हैं। भूस्खलन के चलते कई घर पूरी तरह से मलबे में दब गए हैं, जिससे राहत और बचाव कार्य में भी मुश्किलें आ रही हैं।
संपर्क बाधित, हजारों पर्यटक फंसे
लगातार बारिश से दार्जिलिंग और सिक्किम का देश के अन्य हिस्सों से संपर्क टूट गया है। दार्जिलिंग और कर्सियांग के बीच का नेशनल हाईवे कई जगहों पर धंस गया है। वहीं मिरिक और दूधिया के पास लोहे का पुल बह गया, जिससे दार्जिलिंग से सिलीगुड़ी जाने वाला वैकल्पिक मार्ग भी बंद हो गया है।
रेल मार्ग पर भी असर पड़ा है, अलीपुरदुआर में ट्रैक पानी में डूबने से तीन ट्रेनों को रद्द करना पड़ा है। स्थानीय प्रशासन के मुताबिक, हजारों सैलानी विभिन्न स्थानों पर फंसे हुए हैं, जिनके लिए अस्थायी राहत शिविर बनाए जा रहे हैं।
चाय बागानों में पानी भरने से भारी नुकसान
दार्जिलिंग और कालिम्पोंग में स्थित विश्व प्रसिद्ध चाय बागानों में भारी जलभराव हो गया है। इससे चाय की फसल को काफी नुकसान पहुंचा है और स्थानीय लोगों की आजीविका पर संकट मंडरा रहा है।
पिछले 24 घंटों में दार्जिलिंग और आसपास के इलाकों में करीब 16 इंच (लगभग 400 मिमी) बारिश दर्ज की गई है, जो कि वर्ष 1998 के बाद की सबसे अधिक बारिश मानी जा रही है। मौसम विभाग ने दार्जिलिंग, कालिम्पोंग, जलपाईगुड़ी और कूचबिहार में मंगलवार सुबह तक भारी बारिश की चेतावनी जारी की है, जिससे लैंडस्लाइड का खतरा बना हुआ है।
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जम्मू-कश्मीर में भारी बारिश का असर
जम्मू-कश्मीर में भी मौसम ने अपना विकराल रूप दिखाना शुरू कर दिया है। राज्य के अधिकांश हिस्सों में भारी बारिश हो रही है। इसके मद्देनज़र जम्मू संभाग में स्कूल शिक्षा निदेशालय ने 6 और 7 अक्टूबर को सभी सरकारी और निजी स्कूलों को बंद रखने का आदेश जारी किया है।
इसके साथ ही श्रद्धालुओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए श्री माता वैष्णो देवी यात्रा को 5 अक्टूबर से 7 अक्टूबर तक के लिए स्थगित कर दिया गया है। श्रद्धालुओं को सलाह दी गई है कि वे खराब मौसम में यात्रा न करें और प्रशासन की ओर से जारी निर्देशों का पालन करें।
हिमाचल में सीजन की पहली बर्फबारी
उत्तर भारत के पहाड़ी राज्यों में बर्फबारी का मौसम समय से पहले शुरू हो गया है। हिमाचल प्रदेश के लाहौल-स्पीति, मनाली, चंबा और धौलाधार की पहाड़ियों में सीजन की पहली बर्फबारी दर्ज की गई है। इस बार बर्फबारी सामान्य से लगभग 20 दिन पहले हुई है, जिससे तापमान में भारी गिरावट दर्ज की गई है। कई इलाकों में तापमान 4 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है।
मनाली प्रशासन ने रोहतांग दर्रा से वाहनों की आवाजाही पर अस्थायी रूप से रोक लगा दी है, क्योंकि वहां फिसलन काफी बढ़ गई है। डीएसपी मनाली केडी शर्मा के अनुसार, दुर्घटनाओं की आशंका को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है। दर्रे पर पुलिस बल तैनात कर दिया गया है और पर्यटकों से अपील की गई है कि वे यात्रा को कुछ दिनों के लिए टाल दें।
मौसम विभाग का अलर्ट
मौसम विज्ञान केंद्र, शिमला ने चंबा, कांगड़ा, कुल्लू और मंडी जिलों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। अगले 24 घंटे में इन जिलों में तेज बारिश के साथ 50 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलने की संभावना है। राज्य के ऊपरी इलाकों में बर्फबारी की संभावना भी जताई गई है।
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