नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना (PM-KISAN) की 20वीं किस्त जारी कर दी है। वाराणसी से इस योजना के तहत देश के लगभग 9.7 करोड़ किसानों के बैंक खातों में 21 हजार करोड़ रुपए की सहायता राशि ट्रांसफर की गई है। यह रकम सीधे किसानों के खातों में भेजी गई है, ताकि उन्हें खेती से जुड़ी जरूरतों को पूरा करने में मदद मिल सके।
इससे पहले 19वीं किस्त 24 फरवरी 2025 को जारी की गई थी, जिसमें 9.8 करोड़ किसानों को 22,000 करोड़ रुपए की आर्थिक मदद दी गई थी।
क्या है पीएम किसान सम्मान निधि योजना?
PM-KISAN योजना केंद्र सरकार द्वारा वर्ष 2019 में शुरू की गई थी। इसका उद्देश्य देश के किसानों को आर्थिक सहायता प्रदान करना है। योजना के तहत पात्र किसानों को हर साल 6,000 रुपए की सहायता राशि दी जाती है। यह रकम तीन बराबर किस्तों में दी जाती है –
- पहली किस्त: अप्रैल से जुलाई के बीच
- दूसरी किस्त: अगस्त से नवंबर के बीच
- तीसरी किस्त: दिसंबर से मार्च के बीच
प्रत्येक किस्त में किसानों को 2,000 रुपए मिलते हैं, जो सीधे उनके बैंक खाते में भेजे जाते हैं।
अगर किस्त न मिले तो क्या करें?
यदि किसी लाभार्थी को अभी तक किस्त प्राप्त नहीं हुई है, तो वह निम्नलिखित तरीकों से शिकायत दर्ज कर सकता है या सहायता प्राप्त कर सकता है:
- PM-KISAN की आधिकारिक वेबसाइट (https://pmkisan.gov.in) पर जाएं।
- वेबसाइट के Farmer Corner सेक्शन में जाकर Help Desk विकल्प चुनें।
- वहां पर किसान आधार नंबर, मोबाइल नंबर, या बैंक खाता नंबर दर्ज कर सकते हैं।
- “Get Details” पर क्लिक करने के बाद एक क्वेरी फॉर्म खुलेगा।
फॉर्म में किसान अपनी समस्या चुन सकते हैं जैसे पेमेंट से जुड़ी दिक्कत, आधार त्रुटि, रजिस्ट्रेशन की परेशानी आदि और विवरण दर्ज कर सकते हैं। विवरण सब्मिट करने के बाद विभाग समस्या की जांच करेगा।
रजिस्ट्रेशन कैसे कराएं?
जो किसान इस योजना के पात्र हैं लेकिन अब तक रजिस्ट्रेशन नहीं करवा पाए हैं, वे निम्न माध्यमों से आवेदन कर सकते हैं:
- कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) के माध्यम से
- स्थानीय पटवारी या राजस्व अधिकारी के माध्यम से
- राज्य सरकार द्वारा नामित नोडल अधिकारी के माध्यम से
किन्हें नहीं मिलेगा योजना का लाभ?
हालांकि सरकार ने योजना का दायरा वर्ष 2019 में सभी किसानों तक बढ़ा दिया था, फिर भी कुछ वर्गों को इससे वंचित रखा गया है। इन वर्गों में शामिल हैं:
- संस्थागत भूमि धारक
- राज्य या केंद्र सरकार के सेवारत या सेवानिवृत्त अधिकारी एवं कर्मचारी
- संवैधानिक पदों पर बैठे किसान
- सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों और सरकारी स्वायत्त निकायों के कर्मचारी
- डॉक्टर, इंजीनियर, वकील, चार्टर्ड अकाउंटेंट जैसे पेशेवर
- 10,000 रुपए से अधिक मासिक पेंशन पाने वाले पेंशनर्स
- आयकर दाता (पिछले असेसमेंट वर्ष में जिन्होंने ITR फाइल किया हो)
योजना का शुरुआती दायरा और विस्तार
जब योजना की शुरुआत फरवरी 2019 में हुई थी, तब इसका लाभ केवल छोटे और सीमांत किसानों को ही मिलता था। उस समय पात्रता के लिए किसान के पास 2 हेक्टेयर या उससे कम भूमि होनी चाहिए थी। जून 2019 में सरकार ने इसे संशोधित कर सभी किसानों के लिए खोल दिया, जिससे लाखों नए किसानों को इसका लाभ मिलने लगा।
PM-KISAN योजना का मुख्य उद्देश्य देश के अन्नदाता किसानों को आर्थिक रूप से मजबूत बनाना है। यह योजना खासकर छोटे किसानों को सहारा देती है, जिन्हें खेती के लिए बीज, खाद, कीटनाशक और अन्य जरूरी चीजों के लिए धन की आवश्यकता होती है। सालाना 6,000 रुपए की यह सहायता राशि उन खर्चों में राहत प्रदान करती है।